आर्मी में तैनात बड़े भाई सूबेदार ने परिवार से छिपाई शहादत की खबर, कहा घायल हुआ है सतनाम
गांव वालों की आंखों में चीन के प्रति गुस्से की लहर, 24 घंटे में गांव पहुंच सकता है शहीद का पार्थिव शरीर
मनन सैनी
गुरदासपुर,17 जून । थाना घुम्मन कलां अधीन पड़ते गांव भोजराज में माहौल उस समय गमगीन हो गया जब अचानक से लोगो को पता चला कि उनके गांव का बेटा सतनाम सिंह (42) पुत्र जगीर सिंह लेह लद्दाख में सीमा की रक्षा करता हुआ वीरगति को प्राप्त हो गया है। शहीद सतनाम सिंह की शहादत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई और लोगो की आंखों में चीन के प्रति गुस्से की लहर देखी जा रही थी। वहीं शहीद की मौत की खबर अभी तक बच्चों, शहीद की पत्नी तथा माता पिता से छिपाई जा रही है तथा उन्हे सिर्फ इतना बताया गया है कि सतनाम सिंह गंभीर घायल हो गए है तथा उनका उपचार चल रहा है। बेशक परिवार से बात छिपाई जा रही है परन्तु परिजनों में गांव में उमड़ रहे सालाब को देख कर सब अंदाजा लग रहा था कि कहीं तो कुछ गलत तो जरुर हुआ है।
शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह 3 मीडियम रेजिमैंट लद्दाख में तैनात थे। सतनाम सिंह का जन्म 18 जनवरी 1979 है तथा इन्होने 23 अगस्त 1995 को आर्मी ज्वाईन की थी। इनकी पत्नी का नाम जसविंदर कौर है तथा इनके दो बच्चे है। शहीद की बेटी का नाम संदीप कौर (17) है जबकि बेटे का नाम प्रभजोत सिंह (16) साल है। बूढ़ी मां का नाम कश्मीर कौर है। शहीद का भाई सुखचैन सिंह भी फौज में सूबेदार है जोकि अभी हैदराबाद से छुट्टी पर वापिस घर आया था।
शहीद की मौत की खबर सबसे पहले भाई सुखचैन सिंह को दूसरों से रात को मिली। सुखचैन सिंह ने बताया कि आधिकारिक तौर पर भी उन्हे शहादत संबंधी पहले नही बताया गया। परन्तु उन्होने किसी को भी इस संबंधी अभी सूचना नही दी।उन्होने घरवालों को सिर्फ इतना बताया कि वह घायल हो गए है उन्हे चोटे आई है। भाई सुखचैन सिंह ने बताया कि शहीद का पार्थिव शव लद्दाख पहुंच चुका है तथा 24 घंटे के अंदर आने की संभावना है। उन्होने सरकार से मांग की कि शहीद के बच्चों को नौकरी दी जाए।