चंडीगढ़, 16 जून: उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 30,000 से अधिक सिख किसानों की अपनी कड़ी मेहनत से कमाई कृषि ज़मीन का कब्ज़ा लेकर उनको विस्थापित करने की रिपोर्टों का सख्त नोटिस लेते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को कहा कि वह यह मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास उठाएंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पिछली तीन पीढिय़ों से उत्तर प्रदेश में रह रहे सिख परिवारों को विस्थापित करने की मीडिया रिपोर्टों पर गहरी चिंता ज़ाहिर की।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अगर यह रिपोर्टें सही हैं तो बिना शक यह मामला बहुत गंभीर और चिंता वाला है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी कार्यवाही भारत के संघीय ढांचे और संवैधानिक राजनीति के खि़लाफ़ है जिसमें हर भारतीय को देश के किसी भी हिस्से में रहने की आज़ादी दी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हासिल विवरणों के अनुसार यह परिवार उत्तर प्रदेश के रामपुर, बिजनौर और लखमीपुर जिलों में पिछली तीन पीढिय़ों से रह रहे हैं और उनको 1980 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से स्वामित्व के अधिकार दिए गए थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सवाल पूछा कि इन परिवारों को विस्थापित करने की रिपोर्टों पीछे क्या तर्क हैै? रिपोर्ट के अनुसार यह सिख परिवार 1947 में भारत -पाकिस्तान के विभाजन के समय पर इन तीन जिलों के 17 गाँवों में शिफ्ट हो गए थे। इन्होंने अपनी सख्त मेहनत से जंगली क्षेत्र को कृषि योग्य ज़मीन में बदला।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह अमित शाह और योगी दोनों को पत्र लिख कर मामले की सच्चाई का पता लगाएंगे और इसकी तह तक पहुँचेंगे। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन परिवारों के ज़मीन स्वामित्व में किसी भी प्रशासनिक समस्या को बिना किसी सख्त कदम उठाये कानून अनुसार बनती प्रक्रिया का पालन करते हुए हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तीन पीढिय़ों से रह रहे लोगों को ज़मीन से बाहर निकालना किसी समस्या का हल नहीं।