अपनी किस्म की अनूठी पहल के अंतर्गत 30 साल से अधिक उम्र के हर शहरी और ग्रामीण व्यक्ति का किया जायेगा सर्वेक्षण
30 साल से कम उम्र के साँस की गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों का भी किया जायेगा सर्वेक्षण
चंडीगढ़, 12 जूनःकोविड के सामाजिक फैलाव को रोकने के लिए अपनी किस्म की अनूठी पहल की शुरुआत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मोबाइल आधारित ऐप ‘घर घर निगरानी’ जारी की जिसके अंतर्गत राज्य के हर घर पर तब तक निगरानी रखी जायेगी जब तक इस महामारी का मुकम्मल खात्मा नहीं हो जाता।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की हाजिरी में वीडियो काॅन्फ्रेंस के द्वारा ऐप जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास कोरोना वायरस की जल्द पहचान करने और टेस्टिंग के लिए सहायक सिद्ध होगा जिससे सामूहिक फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी। इस मुहिम में आशा वर्कर और कम्युनिटी वाॅलंटियर शामिल होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अनुराग अग्रवाल ने कहा कि इस मुहिम के अंतर्गत 30 साल से अधिक उम्र की पंजाब की सारी शहरी और ग्रामीण जनसंख्या का सर्वेक्षण किया जायेगा। इसमें 30 साल से कम उम्र के भयानक साँस की बीमारी से पीड़ित और वायरस जैसी अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार व्यक्तियों को भी कवर किया जायेगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि इसके अंतर्गत केवल एक बार गतिविधि नहीं की जायेगी बल्कि यह निरंतर प्रक्रिया होगी जो कोविड के मुकम्मल खात्मे तक चलेगी।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सर्वेक्षण के अंतर्गत हरेक व्यक्ति की पिछले एक हफ्ते से पूरी मैडीकल स्थिति और कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति का मुकम्मल डाटा तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे बहुत ही महत्वपूर्ण डाटाबेस तैयार होगा जो कोविड से निपटने के लिए आगे की रणनीति बनाने के लिए मददगार साबित होगा जो सामूहिक फैलाव को रोकने में काम आएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह सर्वेक्षण सभी स्वास्थ्य प्रोग्रामों को एम.आई.एस. आधारित निगरानी के लिए सहायता प्रदान करके नई दिशा प्रदान करेगा।
विशेष सचिव स्वास्थ्य कम टेस्टिंग इंचार्ज ईशा कालिया ने बताया कि यह प्रयोग प्रयोक्ता-समर्थकीय ऐप स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई है और इसका टैस्ट पटियाला और मानसा में किया गया है। इसमें करीब 20628 व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया जिनमें से 9045 व्यक्ति साँस की बीमारी से पीड़ित पाए गए और 1583 व्यक्ति खाँसी / बुखार / गले की खराश / साँस लेने में तकलीफ आदि से पीड़ित पाए गए।
मौजूदा समय सर्वेक्षण 518 गाँवों और 47 शहरी वार्डों में चल रहा है। इस दौरान 4.88 प्रतिशत व्यक्ति ब्लड प्रैशर, 2.23 प्रतिशत व्यक्ति शुगर, 0.14 प्रतिशत किडनी की बीमारियों, 0.64 प्रतिशत दिल की बीमारियों, 0.13 प्रतिशत टी.बी. और 0.13 प्रतिशत कैंसर से पीड़ित पाए गए हैं।
आशा वर्कर और कम्युनिटी वाॅलंटियरों को सर्वेक्षण के लिए 4 रुपए प्रति व्यक्ति मेहनताना / प्रोत्साहन दिया जायेगा और 500 घर कवर किये जाएंगे। विभाग द्वारा हरेक वाॅलंटियर के काम को पहचान प्रदान करते हुए प्रशंसा पत्र दिया जायेगा।
एक सुपरवाईजर आशा वर्कर और कम्युनिटी वाॅलंटियरों के काम की निगरानी रखेगा जिसको वाॅलंटियर आधार पर 5000 रुपए प्रति महीना दिया जायेगा। सुपरवाईजर सीधे तौर पर वाॅलंटियरों द्वारा दिए गए डाटा की गुणवत्ता की जांच के लिए जिम्मेदार होगा और रोजाना के कामकाज की निगरानी रखेगा। यह यकीनी बनाया जायेगा कि लक्षण पाए गए व्यक्तियों का कोरोना टैस्ट किया जाये।
कम्युनिटी वाॅलंटियरों से उस क्षेत्र में काम लिया जायेगा जहाँ आशा वाॅलंटियर मौजूद न हों या आशा वर्कर मोबाइल ऐप का प्रयोग करने में असमर्थ हों। कम्युनिटी वाॅलंटियर कोई भी महिला हो सकती है जिसकी उम्र 18 साल से अधिक हो, 12वीं या इससे अधिक शैक्षिक योग्यता रखती हो और उसी गाँव या वार्ड की रहने वाली हो।
वीडियो काॅन्फ्रेंस में दूसरों के अलावा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओ.पी.सोनी, खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन, प्रमुख सचिव खाद्य एवं सिविल सप्लाई के.सिवा प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान डी.के. तिवारी, सलाहकार चिकित्सा शिक्षा डा. के.के. तलवार, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आॅफ हैल्थ साईंसिज के वाईस चांसलर डाॅ. राज बहादुर, डायरकैटर खाद्य एवं सिविल सप्लाई अनिंदिता मित्रा, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. अवनीत कौर, पी.जी.आई. से डाॅ. राजेश कुमार और नोडल अफसर कोविड-19 डाॅ. राजेश भास्कर भी उपस्थित थे।