विभिन्न जिलों में जांच के लिए डीजीपी द्वारा राज्य स्तरीय ‘सिट’ गठित
चंडीगढ़, 2 जून:पंजाब के डीजीपी श्री दिनकर गुप्ता ने किसानों को जाली बीज बेचने के मामले की तह तक पहुँचने के लिए एक राज्य स्तरीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। इसी दौरान इस घुटाले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और लुधियाना में अनाधिकारित तौर पर ग़ैर-प्रमाणित धान के बीज बेचने के दोष के तहत 12 अन्य डीलरशिपों को रद्द कर दिया है।
उन्होंने बताया कि एडीजीपी, पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (पीबीआई) और राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एससीआरबी) नरेश अरोड़ा के नेतृत्व वाली यह नयी एसआईटी (सिट) अब तक लुधियाना की एसआईटी की तरफ से की गई जांच को अपने हाथों में लेगी और जाली बीजों की बिक्री संबंधी मौजूदा /भविष्य की शिकायतों सम्बन्धी भी जांच करेगी।
डी.जी.पी. ने कहा कि एस.आई.टी. को जल्द से जल्द जांच मुकम्मल करने के लिए काम सौंपा गया है जिससे जल्द से जल्द सभी दोषियों की पहचान करके गिरफ्तारी को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि एसआईटी (सिट) के अन्य सदस्यों में आईजीपी क्राइम नागेश्वर राव, पुलिस कमिश्नर लुधियाना राकेश अग्रवाल, संयुक्त डायरैक्टर कृषि सुखदेव सिंह और डिप्टी कमिश्नर पुलिस, (अमन-कानून) लुधियाना अश्वनी कपूर शामिल हैं। यह सिट ए.डी.जी.पी.-कम – डायरैक्टर, ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन पंजाब की निगरानी तहत काम करेगी।
बीज घुटाले के लिए गठित एस.आई.टी. द्वारा की गई गिरफ्तारी का विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि बीज कंट्रोल ऑर्डर कानून की धाराओं 3, 8, 9, ज़रूरी वस्तुएँ कानून की धाराओं 2, 3, 7 और आइपीसी की 420 के अंतर्गत मुख्य कृषि अफ़सर की शिकायत पर केस दर्ज किया हुआ है और गिरफ्तार मुलजिम की पहचान बलजिन्दर सिंह उर्फ बालीआं पुत्र भगत सिंह निवासी भून्दड़ी जि़ला लुधियाना के तौर पर हुई है। बलजिन्दर की गिरफ्तारी हरविन्दर सिंह उर्फ काका बराड़ की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिसको पहले इस घुटाले में शामिल होने के दोष में गिरफ्तार किया गया था।
यह बलजिन्दर सिंह जगराओं में 34 एकड़ ज़मीन का मालिक है और पीएयू द्वारा गठित की गई किसान ऐसोसीएशन का मैंबर है जो किसानों को नये बीजों और तकनीकों संबंधी जानकारी देती है। नये बीज की पैदावार के नतीजों का मूल्यांकन करने के लिए उसको आज़माइश के तौर पर बीजाई के लिए पिछले साल धान का नया विकसित बीज पीआर 128 और पीआर 129 दिया गया था।
परन्तु उसने परख के तौर पर तैयार की अतिरिक्त फ़सल के बीज का उत्पादन किया और उसे बिना अधिकार से बराड़ बीज स्टोर पर बेच दिया। लुधियाना के मुख्य कृषि अफ़सर नरेन्द्र सिंह बैनीपाल ने बताया कि परख वाले बीज की यह बिक्री स्पष्ट तौर पर ग़ैर कानूनी थी क्योंकि केंद्रीय बीज नोटीफाईड कमेटी द्वारा प्रमाणित होने तक परख अधीन बीज को खुली मंडी में नहीं बेचा जा सकता।
इस दौरान बीजों की गैर-कानूनी और अनाधिकारित बिक्री पर अपनी कार्यवाही जारी रखते हुये लुधियाना जि़ला प्रशासन ने पुलिस और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिल कर बीज डीलरों की कुल 1900 स्थानों पर छापेमारी की और जांच की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवजीत खन्ना के अनुसार इस छापेमारी के दौरान 12 डीलर अनाधिकारित बीज बेचते हुये पाये गए और उनके लायसेंस रद्द कर दिए गए। खन्ना ने कहा कि इन सभी डीलरों के खि़लाफ़ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और उनके स्टोरों को सील कर दिया गया है।
खन्ना ने कहा कि कुछ बेईमान डीलर कोविड -19 स्थिति का लाभ ले रहे हैं, क्योंकि इस विपदा की घड़ी के मौके पर पीएयू किसान मेले न लगा सकी और बढिय़ा किस्म की फसलों के बीज जारी नहीं कर सकी।
खन्ना ने कहा कि पीएयू को अपना प्रोटोकोल बदलने के लिए कहा गया है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति अनाधिकारित तौर पर परख अधीन बीज खरीदने और आम लोगों को बेचने के योग्य न हो सके। कृषि विभाग ने किसानों को यह भी सलाह दी है कि घटिया या अनाधिकारित बीज बेचने वाली फर्मों के खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही को यकीनी बनाने के लिए उचित बिल से बिना कोई कृषि आधारित वस्तु न खरीदें।