सिवल अस्पताल गुरदासपुर में अब नही दाखिल होगें बिना लक्ष्ण वाले कोविड़ पाॅजिटिव मरीज
17 आरएमओ, 21 रुरल फार्मासिस्ट, 12 स्टाफ नर्स, 4 लैब टक्नीशन, माईक्रोबायोलोजिस्ट, ईएनटी विशेशज्ञ सहित अन्य फ्रंट पर मौजूद, पहले से भी ज्यादा मजबूत हुआ जजबा
मनन सैनी
गुरदासपुर। जिले में स्थित सिवल अस्पताल गुरदासपुर का आईसोलेशन वार्ड अब कोविड़ केयर से कोविड़ वार्ड में तबदील हो गया है। जहां अब बिना लक्ष्ण वाले कोविड़ पॅाजिटिव मरीजों को दाखिल नही किया जाएगा। इस आईसोलेशन वार्ड ने अपना पहला लैवल पार कर लिया है। जिसके उपरांत गुरदासपुर में अब आईसीयू का भी इस्तेमाल किया जाएगा। जहां अब सिर्फ खांसी, जुकाम, तेज बुखार, सांस की बिमारी से पीड़ित कोविड़-19 संक्रमित मरीजों की देख रेख की जाएगी। यह जानकारी गुरदासपुर सिवल अस्पताल की एसएमओ डॉ चेतना ने दी। हालाकि डॅा चेतना ने बताया कि गुरदासपुर में अभी वैटिलेटर का इस्तेमाल नही किया जा सकता जिसे तीसरी स्टेज के बाद में उपयोग में लाया जाएगा।
उन्होने बताया कि गुरदासपुर आईसोलेशन वार्ड से अभी तक कुल 172 लक्ष्ण वाले तथा बगौर लक्षण वाले मरीज आए थे तथा केवल गांव भैणी पसवाल के मृतक मरीज को छोड़ सभी तंदरुस्त घर लौट गए है। उन्होने बताया कि अब बिना लक्ष्ण वाले कोविड़ केयर सैंटर में दाखिल किए जाएगें। जैसे गुरदासपुर में मेरिटोरियस स्कूल सेंटर बनाया गया है।
वहीं अब कोविड़-19 वार्ड बन जाने के बाद से सिवल अस्पताल में तैनात फ्रंट पर लड़ रहे रुरल मेडिकल अफसरों (आर.एम.ओ), रुरल फार्मसिस्ट, स्टाफ नर्स, माईक्रोबायोलोजिस्ट, इएनटी विशेशज्ञ, लैब टेक्निशॅन की जिम्मेदारी ओर ज्यादा बढ़ गई है। जिसके लिए समूह स्टाफ ने कमर कस ली है। इस संबंधी एसएमओं की ओर से उन्हे प्रोताहित भी किया गया तथा खुद को सुरक्षित रख हर हाल में मरीज को ठीक करने जिसमें मानसिक संतुलन भी शामिल है संबंधी कहा गया।
आर.एम.ओ के जिला नोडल अफसर डॉ भूपिंदर सिंह ने बताया कि गुरदासपुर का आईसोलेशन वार्ड में 50 बैड की श्रमता है। वहीं जिसमें पहले बिना लक्ष्ण वाले मरीज रखे जा सकते थे। परन्तु अब लेवल बढ़ने के साथ ही स्टाफ में लगन से काम करने का जजबा ओर बढ़ा है। उन्होने बताया कि कुल 17 आर.एम.ओ, 21 रुरल फार्मसिस्ट, 12 स्टाफ नर्स आईसोलेशन वार्ड में तैनात है। वहीं सैंपलिंग के लिए 1 माईक्रोबायोलोजिस्ट ,1 ईएनटी स्पेशलिस्ट, 4 लैब टैक्निशॅन तथा 1 हैल्पर तैनात है। उक्त सभी का काम रोटेशन के तहत टैस्टिंग,आईसोलेशन तथा फ्लू कार्नर संभालना होता है।
वहीं रात के वक्त 1 डाक्टर, 2 फार्मसिस्ट, 2 स्टाफ नर्स, 1 हेल्पर तथा 1 क्लासफोर हर वक्त आईसोलेशन वार्ड में मौजूद रहता है।
अस्पताल में तैनात इएनटी डॉ सौरभ, माईक्रोबायोलोजिस्ट डॉ भवनप्रीत कौर, आरएमओं बिक्रमजीत सिंह , लैब टैक्निशॅन डा सलविंदर सिंह तथा हेल्पर साहिल ने बताया कि उन्हे शुरु में कुछ परेशानी जरुर हुई। कई बार टैस्टिंग के लिए सैंपल लेने वालों की क्षमता बढ़ जाती। तो कभी बाहर स्थित पीएचसी से लेबलिंग सही नही होती। जिसके चलते उन्हे बेहद मेहनत कर दिन रात सब कुछ ठीक कर भेजना पड़ता। कई बार दोबारा सैंपल लेने पड़ते। परन्तु अब सब कुछ ठीक हो गया है तथा रुटीन हो गई है तथा हम पहले से भी ज्यादा सक्षम हो गये है और हर हालातों के लिए तैयार है।
वहीं उक्त सभी ने बताया कि उनके पास प्रयाप्त मात्रा में मास्क, पीपीपी किट है तथा वह लोग बेहद सावधानी पूर्वक काम कर रहे है। उन्हे बेहद खुशी मिली जब उनके आईसोलेशन वार्ड में से 172 संदिग्ध तथा बिना लक्षण वाले मरीज ठीक हो कर वापिस घरों को लौटे और तंदरुस्त है।