कहा कि रंधावा तथा सुनील जाखड़ द्वारा दर्ज करवाए बदलेखोरी के सभी केसों को दोबारा खोला जाएगा तथा जांच करवाई जाएगी
बिक्रम मजीठिया ने दलबीर के कत्ल की सीबीआई जांच मांगी, कहा कि दोषियों को रंधावा के आवास पर शरण दी जा रही है
बटाल (गुरदासपुर)। शिरोमणी अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जब 2022 में अकाली-भाजपा सरकार बनी तो इस द्वारा सिट का गठन करके जेलमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा तथा एसएसपी उपिंदरजीत धुम्मण समेत उन सभी व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जाएगी, जिन्होने पूर्व अकाली सरपंच दलबीर सिंह का कत्ल करने वाले कांग्रेसी गुंडों का आश्रय दे रखा है तथा सबको देश के कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा।
यह टिप्पणी करते हुए कि सभ्य समाज में बदलेखोरी के लिए कोई जगह नही होती, अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सुखजिंदर रंधावा तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा दर्ज करवाए बदलेखोरी के सभी केसों को दोबारा खोला जाएगा तथा उन सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिन्होने इन कांग्रेसी नेताओं के इशारे पर निर्दोष लोगों को सजा दी है।
बटाला के एसएसपी उपिंदरजीत धुम्मण की भूमिका के बारे बोलते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि एसएसपी ने यह दिखाने के लिए कि यह कत्ल सुखजिंदर रंधावा की राजनीतिक बदलेखोरी के कारण नही हुआ है, अपना पूरा जोर लगा दिया है तथा पीड़ित परिवार के बयान के अनुसार इस कत्ल केस की शिकायत दर्ज करने से भी इंकार कर दिया है। उन्होने कहा कि अब भी एसएसपी द्वारा कातिलों को काबू करने के लिए कुछ नही किया जा रहा है। उन्होने कहा कि पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए अकाली दल द्वारा पूरा जोर लगाया जाएगा।
सरदार बादल ने यह भी घोषणा की कि पंजाब को कांग्रेसी राजनीतिक-पुलिस-गैंगस्टर के नापाक गठजोड़ से बचाने तथा दलबीर के परिवार को न्याय सुनिश्चित करने के लिए अकाली दल अगले सप्ताह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। उन्होने कहा कि इस गठजोड़ ने न सिर्फ राज्य में आम आदमी की जान-माल को खतरे में डाल दिया है, बल्कि तहस् नहस् हुई कानून व्यवस्था के कारण पंजाब के दोबारा काले दिनों की ओर धकेले जाने का खतरा पैदा हो गया है। उन्होने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की बहाली तथा लोगों के जान-माल की रक्षा के लिए हम अदालत में जाकर पंजाब सरकार की जवाबदेही की मांग करेंगे।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस केस की सीबीआई से जांच की मांग करते हुए कहा कि दलबीर सिंह के कातिल इसीलिए नही पकड़े जा रहे, क्योंकि उन्होने चंडीगढ़ में जेलमंत्री के आवास पर आश्रय दिया गया है। उन्होने कहा कि बटाला पुलिस जानबूझ कर इस मामले की जांच बहुत ही धीमी गति से कर रही है। पुलिस ने कत्ल होने के 18 दिन बाद आरोपी का स्केच जारी किया है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि इतना बड़ा अपराध होने के बाद भी सुखजिंदर रंधावा ने इसे मामूली मुद्दा कहकर पीड़ित परिवार के घावों पर नमक लगाया है। उन्होने कहा कि इस घटना के 20 दिन बाद भी मंत्री ने पीड़ित परिवार के साथ हमदर्दी करना जरूरी नही समझा है। उन्होने कहा कि इसकी बजाय बटाला पुलिस द्वारा केस की जांच को रफा दफा करने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है, क्योंकि यह जेल मंत्री के निर्देशों पर काम कर रही है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि दलबीर की मौत एक राजनीतिक कत्ल था तथा इस कत्ल के बीज 2004 में उस समय बोए गए थे, जब दलबीर द्वारा रंधावा को बूथों पर कब्जे करने से रोकते हुए धक्कामुक्की में कांग्रेसी नेता की पगड़ी उतर गई थी। उस समय रंधावा ने न सिर्फ दलबीर के पिता को यह धमकी दी थी वह दो बेटे खो चुका है तथा अब तीसरा बेटा भी खो देगा, बल्कि पूरे परिवार के खिलाफ एक झूठा केस दर्ज करवा कर परिवार के 11 सदस्यों को गिरफतार करवा दिया था।
अकाली दल नेता ने कहा कि रंधावा द्वारा सिर्फ दलबीर को ही निशाना नही बनाया गया। उन्होने कहा कि इससे पहले रंधावा के इशारे पर कांग्रेस की कर्जा माफी स्कीम के पोस्टर बाॅय बुद्ध सिंह पर भी एक कांग्रेसी नेता के बेटे द्वारा हमला किया गया था, क्योंकि बुद्ध सिंह ने कांग्रेस सरकार की पोल खोल दी थी।
सरदार मजीठिया ने यह भी बताया कि किस तरह इस क्षेत्र के नामी बदमाश जग्गू भगवानपुरिया को जेलमंत्री द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है तथा उसे जेल में फोन का इस्तेमाल करने की खुली छूट दी गई है।उन्होने कहा कि रंधावा के समर्थन के कारण जग्गू की माता हरजीत कौर गांव भगवानपुर की सरपंच के तौर पर काम कर रही है तथा जेल में बैठे जग्गू ने अपना फिरौती के रैकेट को कई गुणा बढ़ा लिया है। उन्होने कहा कि रंधावा द्वारा इस हद तक गैंगस्टरों का बचाव किया जाता है कि उसने मानसा में एक गैंगवार के दौरान मारे गए गैंगस्टर मनप्रीत मन्ना की खुलकर वकालत की थी। उन्होने कहा कि मन्ना को गैंगस्टर कहे जाने पर रंधावा मुक्तसर के एसएसपी की निंदा की मांग करने तक चला गया था। गौर रहे कि अकाली दल की ओर से पूर्व सरपंच दलबीर सिंह की हत्या संबंधी एसएसपी बटाला के कार्यालय के समझ घेराव किया गया।
इस अवसर पर अन्य के अलावा डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, विरसा सिंह वलटोहा, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, गुलजार सिंह रणीके, वीर सिंह लोपोके, सिकंदर सिंह मलूका, पवन कुमार टीनू, रविकिरन सिंह काहलों तथा सोनू लंगाह ने भी संबोधित किया।