532 किलो अटारी ड्रग मामले में थे दोषी, दोषियों के जेल में बंद कई गैंगस्टरों और नशा तस्करों से था सीधा संपर्क
चंडीगढ़, 12 मई: पंजाब पुलिस ने तीन व्यक्तियों की गिरफ़्तारी के साथ एक बड़े नार्को गैंगस्टर मॉडयूल का पर्दाफाश किया है, जिनकी 532 किलो अटारी ड्रग मामले में खोज थी। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि दोषियों के पास से 6 नाजायज़ हथियार ज़ब्त किए गए हैं, और उनके खि़लाफ़ थाना भिक्खीविंड में एनडीपीएस एक्ट की धारा 27, आर्मज़ एक्ट की धारा 25, 54, 59, आइपीसी 188, 269, 270, 506 और आपदा प्रबंधन की धारा 51 बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। श्री गुप्ता ने बताया कि डीएसपी / डिटैक्टिव और इंचार्ज सीआईए, तरन तारन की टीम ने गुरप्रीत सिंह पुत्र जसवंत सिंह निवासी गाँव भिक्खीविंड, थाना भिक्खीविंड, सुखदेव सिंह पुत्र लखवीर सिंह, निवासी गाँव जीओनके, थाना हरीके और सरबजीत सिंह पुत्र सुखदेव सिंह, निवासी गाँव वाड़ा, थाना भिक्खीविंड से गिरफ़्तार किए गए हैं।
उनके पास से बरामद किए गए हथियारों में 12 बोर की दुनाली राइफल, एक 32 बोर की बैरेटा पिस्तौल, दो 32 बोर पिस्तौल, एक 12 बोर की पिस्तौल और एक 315 बोर पिस्तौल समेत 315 बोर के 2 जि़ंदा कारतूस और 32 बोर के 2 जि़ंदा कारतूस शामिल हैं। दोषी गुरप्रीत पर जेल में बंद कई गैंगस्टरों और नशा तस्करों के साथ सीधा संपर्क होने का दोष भी था। इस सम्बन्धी विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि गुरप्रीत सिंह की पूछताछ से पता लगा है कि वह शुभम के साथ सीधे संपर्क में था, वह बटाला का एक गैंगस्टर था और 2018 में अमृतसर में एक गहनों की दुकान से 7 करोड़ रुपए की हथियारबंद लूट के मामले में मुख्य मुलजि़म था। शुभम को 2019 में गिरफ़्तार किया गया था और इस समय वह केंद्रीय जेल, अमृतसर में बंद है।
अब तक की गई फोरेंसिक और तकनीकी जांच के आधार पर यह पाया गया है कि गुरप्रीत सिंह शुभम के संपर्क में था और तरनतारन और फिऱोज़पुर के इलाकों में अपने साथियों को हथियार सप्लाई करता था। डीजीपी ने आगे बताया कि एसएसपी ध्रुव धईआ के नेतृत्व वाली टीम द्वारा की गई जांच के आधार पर गिरोह के तीन अन्य साथियों ( सभी फिऱोज़पुर निवासी हैं) की पहचान की गई है। वह तरनतारन के हरीके, पट्टी और भिक्खीविंड क्षेत्रों में हथियारों की सप्लाई में सक्रियता के साथ शामिल पाए गए। उन्होंने बताया कि शुभम के अहम साथी के तौर पर थाना आरिफक़े, फिऱोज़पुर के अधीन आते गाँव कटोरा के सूर्य की पहचान की गई जो कि गुरप्रीत सिंह के साथ तालमेल करके नाजायज़ हथियारों की सप्लाई में शामिल था।
जाँच से पता लगा है कि गुरप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह उर्फ ‘बब्बू’, पुत्र हरभजन सिंह निवासी हवेलियाँ, थाना सराए अमानत खान, तरन तारन के साथ सीधे संपर्क में था, जो रणजीत राणा का भाई है, जो कि 532 किलो हेरोइन अटारी नशा केस का मुख्य दोषी है और हाल ही में पंजाब पुलिस ने उसको गिरफ़्तार किया है। श्री गुप्ता ने आगे बताया कि कुलदीप सिंह, एनडीपीएस एक्ट के तीन मामलों में दोषी है, जिसमें एसएसओसी, अमृतसर द्वारा 2014 में दर्ज किया गया, इसमें 22 किलो हेरोइन का मामला भी शामिल है, मौजूदा समय में केंद्रीय जेल, अमृतसर में बंद है। गुरप्रीत सिंह के लिंक सरबजीत सिंह उर्फ ‘साबा’ पुत्र सुखदेव सिंह निवासी लाहौर चौक, थाना सीटी पट्टी, तरन तारन, जो कि 13 किलो हेरोइन के एक मामले में दोषी है और अब केंद्रीय जेल, अमृतसर में बंद है, के साथ मिले हैं। गुरप्रीत सिंह उपरोक्त तस्करों से बार-बार व्यावसायिक पैमाने की हेरोइन की खेप खऱीदता रहा है। डीजीपी ने बताया कि दोषी गुरप्रीत सिंह और उसके साथियों के मोबाइल उपकरणों की गहराई से फोरेंसिक और तकनीकी विश£ेषण किया जा रहा है। गैंगस्टर शुभम और अटारी सीमा से आए 532 किलो हेरोइन के मुलजि़म समेत बड़े नशा तस्करों के साथ इस गिरोह के संबंधों की भी और जांच की जा रही है।
राज्य से नशा और नशों की तस्करी को ख़त्म करने के लिए पंजाब पुलिस की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि 22 मार्च को कफ्र्य़ू लागू करने के बाद तरनतारन जि़ले से 15.802 किलो हेरोइन बरामद की गई है। इसके अलावा जि़ला पुलिस एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के अंतर्गत बड़े नशा तस्करों द्वारा ग़ैर कानूनी ढंग से बनाईं जायदादों को ज़ब्त करने सम्बन्धी सख़्ती से कार्यवाही कर रही है। गुप्ता ने बताया कि राज्य में कफ्र्य़ू लगाने के बाद जि़ला पुलिस द्वारा 12 नशा तस्करों की लगभग 6.22 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त की गई है। इसके अलावा लगभग 17.42 करोड़ रुपए की जायदाद ज़ब्त करने के 11 नए मामले हाल ही में दायर करके भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की समर्थ अथॉरिटी को भेजे गए थे। जबकि लगभग 5 करोड़ रुपए की कीमत वाले 7 अन्य नए मामले मंत्रालय को इस हफ़्ते भेजे जाएंगे।
कुल मिला कर पिछले 9 महीनों में जि़ला पुलिस ने नई दिल्ली की समर्थ अथॉरिटी से पुष्टी के आदेश के बाद 51 प्रमुख नशा तस्करों की 54.46 करोड़ रुपए की नाजायज़ ढंग से बनाईं जायदादें ज़ब्त की गई हैं। गुप्ता ने आगे कहा कि अगले मामलों की सक्रियता से जाँच की जा रही है और तेज़ी से कार्यवाही की जा रही है। डीजीपी ने आगे बताया कि जि़ला पुलिस द्वारा नशा तस्करों के खि़लाफ़ कार्यवाही के अलावा 13 नाजायज़ हथियार भी बरामद किए गए हैं और कफ्र्य़ू लगाने के बाद गैंगस्टरों और ग़ैर कानूनी हथियारों की तस्करी के विरुद्ध जि़ला पुलिस द्वारा ज़ीरो टौलरैंस नीति के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है।