रणजीत और उसके भाई को सिरसा से हरियाणा पुलिस के साथ साझे ऑपरेशन के अंतर्गत किया गिरफ़्तार-डीजीपी दिनकर गुप्ता
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड महामारी के दौरान आतंकवादी गतिविधियों के विरुद्ध पुलिस फोर्स की सक्रिय कार्यवाहियों के लिए की सराहना
चंडीगढ़, 9 मई: देश में पाकिस्तान प्रायोजित नार्को आतंकवाद नैटवर्क के खि़लाफ़ एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए पंजाब पुलिस ने शनिवार प्रात:काल आईएसआई-कंट्रोल्ड नैटवर्क की एक बड़ी मछली रणजीत सिंह उर्फ राणा उर्फ चीता को गिरफ़्तार कर लिया, जिसके हाल ही में कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए हिज़बुल मुजाहिदीन के कमांडर नायकू के साथ सम्बन्ध था। रणजीत के खि़लाफ़ 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज होने के साथ-साथ वह पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सरहद पर आई.सी.पी. अटारी के कानूनी ज़मीनी रास्ते के द्वारा बड़ी संख्या में नशों और ग़ैर कानूनी हथियारों की तस्करी से जुड़े नैटवर्क के साथ सम्बन्धित था।
वह 29 जून, 2019 को इंटैग्रेटिड चैक पोस्ट, अटारी (अमृतसर) के द्वारा 600 बैग सेंधा नमक की खेप के साथ-साथ पाकिस्तान से 2700 करोड़ रुपए की कीमत वाली 532 किलोग्राम हेरोइन और 52 किलो मिश्रित नशीले पदार्थ लाने के लिए भी वांछित था। जून 2019 की कार्यवाही में, कस्टम विभाग, अमृतसर ने आईसीपी, अमृतसर में 532 किलोग्राम संदिग्ध हेरोइन और 52 किलो संदिग्ध मिश्रित नशीले पदार्थों के साथ 2 व्यक्तियों, तारिक अहमद लोन निवासी हन्दवाड़ा, जम्मू-कश्मीर और गुरपिन्दर सिंह निवासी अमृतसर को गिरफ़्तार किया था। यह खेप पाकिस्तान से आए ट्रक में नमक की बोरियों के नीचे छिपाई हुई थी। हरियाणा के सिरसा के बेगू गाँव से रणजीत और उसके भाई गगनदीप उर्फ भोला की गिरफ़्तारी संबंधी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड के फैलने को रोकने के लिए अन्य उपायों और कफ्र्यू लागू होने के बावजूद आतंकवादियों और नशा तस्करों के खि़लाफ़ सक्रिय कार्यवाहियों के लिए पंजाब पुलिस की सराहना की।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डीजीपी दिनकर गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस फोर्स को पाबन्दीशुदा हिज़बुल मुजाहिदीन के एक ओवरग्राउंड वर्कर हिलाल अहमद वागे की गिरफ़्तारी के लिए बधाई दी। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब पुलिस द्वारा साझे किए गए इनपुट्स ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा घाटी में हिज़बुल मुजाहिदीन कमांडर, रिआज़ अहमद नायकू के खि़लाफ़ जम्मू-कश्मीर की कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाद में 5 मई को हिज़बुल के दो अन्य गुर्गों को पंजाब पुलिस ने अमृतसर से गिरफ़्तार किया था। हिलाल की गिरफ़्तारी के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस ने हिलाल के खुलासे को केंद्र सरकार और इसकी एजेंसियों के साथ साझा किया है। जाँच के दौरान, संभावित रास्तों से बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरा प्वाइटों से सीसीटीवी फुटेज इकठ्ठा किये गए और तकनीकी विश£ेषण के बाद जांच किया गया, जिससे 5 मई, 2020 को एक किलो हेरोइन और 32.25 लाख रुपए की नकदी समेत बिक्रम सिंह उर्फ विक्की और उसके भाई मनिन्दर सिंह उर्फ मनी को भी पकड़ लिया गया।
उनकी पूछताछ से पता चला कि बिक्रम और मनिन्दर दोनों अपने चचेरे भाई रणजीत सिंह उर्फ चीता, इकबाल सिंह उर्फ शेरा और सरवन सिंह के साथ सीमा पार से नशा तस्करी करते थे और यह बिक्रम हिलाल अहमद को रणजीत सिंह उर्फ चीता, इकबाल सिंह उर्फ शेरा और सरवन सिंह के निर्देशों पर 29 लाख रुपए की ड्रग मनी पहुँचाने आया था। बिक्रम उर्फ विक्की और उसके भाई मनिन्दर सिंह उर्फ मनी जिनको 5 मई 2020 को अमृतसर से गिरफ़्तार किया गया था, ने रणजीत उर्फ चीता और उसके भाई सरवन उर्फ पोलू की गतिविधियों संबंधी कई खुलासे किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एन.आई.ए. के साथ आंकड़ों के और विश£ेषण से रणजीत के सिरसा लोकेशन संबंधी पता लगाया गया। इसके बाद हरियाणा पुलिस के साथ तालमेल करके इसका पर्दाफाश हो गया और आज देर शाम उसे अपने भाई के साथ पकड़ लिया गया। मुख्यमंत्री के अनुसार, रणजीत चीता ड्रोन समेत नशा, हथियारों, एफआईसीएन को विभिन्न ढंगों के द्वारा पाक आईएसआई द्वारा पंजाब में भेजने और नशा तस्करों /कोरियरों को स्थापित करने के लिए विशाल और साझे नैटवर्क में एक सक्रिय कड़ी थी। उसे हेरोइन तस्करी के लिए 2008, 2009, 2011 आदि में दोषी ठहराया गया था। उसे 5 किलो हेरोइन की तस्करी के लिए 12 साल सख़्त कैद की सजा सुनाई गई थी, परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2018 में उसको शक के आधार पर बरी कर दिया था।
मार्च, 2017 में सरकार के बागडोर संभालने के बाद पंजाब के लोगों के साथ किये अपने वायदे को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे सक्रिय नशा तस्करों में से रणजीत और उसके भाई की आज प्रात:काल हुई गिरफ़्तारी के साथ यह पहली बार हुआ है कि जब पुलिस जम्मू-कश्मीर घाटी, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में चल रहे आतंकवादी संगठनों की तरफ से बढ़ रही आमद में अंतरराष्ट्रीय ड्रग नैटवर्क को बड़े स्तर पर नशों के बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने में कामयाब हुई है। अब वह इस कारोबार में शामिल बड़े तस्करों को काबू करेंगे और पंजाब की जवानी को नशों के जाल से बचाएंगे। साल 2019 में रिकॉर्ड 464 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई, जो कि अब तक की सबसे बड़ी सफलता रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उसकी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही हेरोइन ज़ब्त करने में निरंतर विस्तार हुआ है और साल 2016 (91 किलोग्राम) और 2019 (464 किलोग्राम) के दरमियान हेरोइन ज़ब्त करने में 5 गुना विस्तार हुआ है। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब पुलिस ने इससे पहले 30 जनवरी 2020 को 188 किलोग्राम से अधिक हेरोइन की बड़ी बरामदगी की थी, जिसमें 6 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें से एक अफगान नागरिक अब्दुल बसर भी शामिल था। इस ऑपरेशन के दौरान नशों की तैयारी /मिश्रण /काटने के लिए अमृतसर के सुल्तानविंड क्षेत्र में एक एकांत घर में स्थापित एक ड्रग फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया था।
सिरसा की कार्यवाहियों संबंधी जानकारी देते हुए डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार रात करीब 9 बजे हरियाणा के अपने समकक्ष मनोज यादव के साथ बातचीत की और इसके बाद सी.पी. अमृतसर द्वारा आई.पी.एस. अरुण नेहरा, एस.पी. सिरसा के साथ तालमेल बनाया गया। एएसपी अभिमन्यु राणा, आईपीएस, जो इस समय एसएचओ सदर के तौर पर सेवा निभा रहे हैं, डीसीपी अमृतसर मुखविन्दर सिंह भुल्लर और एडीसीपी जुगराज सिंह की सम्मिलन वाली अमृतसर पुलिस की टीम 8 मई को रात 11 बजे सिरसा के लिए रवाना हुई और तकरीबन प्रात:काल साढ़े तीन बजे पहुँची और प्रात:काल 4:30 बजे तक क्षेत्र की नाकाबंदी की गई। क्षेत्र की बाहरी नाकाबंदी हरियाणा पुलिस और पंजाब पुलिस (नाकाबंदी करने वाली टीम का नेतृत्व एस.एच.ओ. थाना बी / डिवीजऩ और एस.एच.ओ. थाना गेट हकीम, कमिश्नररेट अमृतसर ने की) द्वारा साझे तौर पर की गई।
डीसीपी अमृतसर मुखविन्दर सिंह भुल्लर के नेतृत्व अधीन थाना सदर के पुलिस कर्मियों और सी.आई.ए. स्टाफ की शमूलियत वाली टीम द्वारा दो स्थानों पर छापे मारे गए। छापे वाली पहली जगह पर रेड करने वाली टीम के अधिकारी उक्त जगह में दाखि़ल हुए परन्तु संदिग्ध व्यक्ति उस जगह नहीं मिले। छापे वाली दूसरी जगह पर एडीसीपी जुगराज सिंह और एसएचओ सदर एएसपी अभिमन्यु राणा एकसाथ दाखि़ल हुए और कमरे की तरफ जाने वाले दरवाज़े को दोनों अधिकारियों ने कवर कर लिया और दरवाज़ा खटखटाने पर रणजीत उर्फ चीता ने धीरे से दरवाज़ा खोला और जैसे ही उसने पुलिस पार्टी को देखा उसने गेट बंद करके अपने बैड के पास पड़ी कुल्हाड़ी उठाने की कोशिश की, परन्तु पुलिस कर्मियों ने दरवाज़े को धक्का देकर खोल दिया, रणजीत को दोनों अधिकारियों ने पकड़ लिया। उसका भाई गगनदीप सिंह दूसरे कमरे में सो रहा था और वहाँ से उसको गिरफ़्तार कर लिया गया।
डी.जी.पी. ने बताया कि रणजीत राणा के पाँच भाई हैं और उनमें से गगनदीप सिंह उर्फ भोला समेत 3 भाईयों के खि़लाफ़ एनडीपीएस, नशा तस्करी के मामले दर्ज हैं। अन्य दो भाईयों, बलविन्दर सिंह उर्फ बिल्ला (1994, 2004 और 2019 के 3 मामले) और कुलदीप सिंह (डी.आर.आई., 2013, 2014, 2019, 2010 के 5 मामले) और एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत एस.टी.एफ. एसएसओसी, डीआरआई अमृतसर द्वारा कई मामले दर्ज किये गए हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि रणजीत सिंह चीता पाक आधारित आई.एस.आई द्वारा नियंत्रित नशों और हथियारों की सप्लाई के बड़े नैटवर्क की बड़ी मछलियों में से एक है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नशा-आतंकवाद को उत्साहित करते हुए राज्य की जवानी को ख़त्म करने की कोशिश के तौर पर पंजाब में भारत-पाक सरहद के द्वारा नशों, विस्फोटक सामग्री, हथियारों, हैंड ग्रेनेड आदि भेजने की लगातार कोशिशें कर रहा है। आज डीजीपी गुप्ता के साथ मीटिंग के मौके पर सीपी अमृतसर सुखचैन सिंह गिल, एसएसपी अमृतसर ग्रमीण, विक्रमजीत दुग्गल, एनआईए के डीआईजी अमरीश मिश्रा और एनआईए के एसपी तेजिन्दर सिंह, अरुण नेहरा, एस.पी. सिरसा, डीसीपी अमृतसर मुखविन्दर सिंह भुल्लर, एडीसीपी जुगराज सिंह और एसएचओ सदर एएसपी अभिमन्यु राणा भी उपस्थित थे।