एस.ए.एस. नगर (मोहाली), 6 दिसंबर। पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को
प्रफुल्लित करने और राज्य में स्टार्टअप सभ्याचार की स्थापति के लिए
समर्पित एम.एस.एम.ई. मार्किटिंग सैल और 100 करोड़ रुपए का स्टार्टअप फंड
स्थापित करने का ऐलान किया है।
दो
दिवसीय प्रोग्रैैसिव पंजाब इनवैस्टजऱ् समिट के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा
लिए गए विभिन्न फ़ैसलों संबंधी विस्तृत जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता
ने बताया कि एम.एस.एम.ई. सैल पंजाब की सूक्ष्म, लघु और मध्यम औद्योगिक
इकाईयों की अन्य राज्यों के साथ व्यापारिक साझ के लिए काम करेगा।
स्टार्टअप
फंड का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि इनक्यूबेटर को उत्साहित करने
के लिए और स्टार्टअपस के लिए शुरुआती सहयोग और उसे आगे बढ़ाने के लिए राज्य
सरकार द्वारा आई.के.जी. पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी की हिस्सेदारी से यह
फंड स्थापित किया जायेगा। इसमें से 25 प्रतिशत फंड अनुसूचित जातियों और
महिला उद्यमियें को उद्योग स्थापित करने के लिए उत्साहित करने के लिए
इस्तेमाल किया जाएगा। प्रवक्ता ने आगे बताया कि वी.सीज़. /ऐजल नैटवर्कस
जैसे कि इंडियन ऐजल नैटवर्क और भारतीय फंड इस कोर्पस फंड में योगदान देंगे।
वातावरण
और प्रदूषण सम्बन्धी रेगुलेटरी संस्थाओं की दखलअन्दाज़ी बारे उद्योग की
चिंताओं के जवाब के तौर पर प्रमुख सुधारात्मक मापदंड अपनाते हुए कैप्टन
अमरिन्दर सिंह ने यह भी फ़ैसला लिया कि ‘प्रदूषण रहित उद्योग के लिए
स्व-सहमति’ की सुविधा दी जायेगी जिससे राज्य सरकार किसी रेगुलेटरी संस्था
की तरफ से जांच की प्रथा का मुकम्मल ख़ात्मा कर देगी और सूचना देने के दिन
ही उद्योग को सहमति दे दी जायेगी।प्रवक्ता ने आगे बताया कि पानी बचाने और
पराली जलाने से होने वाले वातावरण प्रदूषण को रोकने के लिए किसानों को धान
की फ़सल की काश्त से हटाकर अन्य खेती आधारित प्रोसेसिंग उद्योग के लिए
उत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने जी.एस.टी. प्रति-पूर्ति नीति में
संशोधन का फ़ैसला भी किया।उन्होंने बताया कि यू.ए.ई. शिष्टमंडल के साथ हुए
विचार-विमर्श के आधार पर मुख्यमंत्री ने इनवैस्ट पंजाब के अधिकारियों को
निर्देश दिए कि वह अपने दफ़्तर में समर्पित यू.ए.ई. डैस्क तुरंत स्थापित
करें। प्रोग्रेसिव पंजाब इनवैस्टर्ज़ समिट को आगे ले जाते हुए मुख्यमंत्री
ने यह भी निर्देश दिया कि निवेशक सम्मेलन के हिस्सेदार मुल्कों के साथ
मुख्य सचिव स्तर पर मासिक बैठकें की जाएँ।प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री
ने विभिन्न सैशनों के दौरान हुए विचार-विमर्श के दौरान सामने आए सुझावों और
सिफारिशों पर भी ग़ौर की। हर मीटिंग और सैशन में से निकले निष्कर्षों पर
ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने सात दिनों के अंदर -अंदर मुख्य सचिव के
नेतृत्व में वर्किंग ग्रुप के स्थापन का भी फ़ैसला लिया जिससे हर फ़ैसले को
जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जा सके। इस वर्किंग ग्रुप की तरफ से सुझाए
गए नीतिगत मापदण्डों के लागूकरन की संभावनाओं बारे एक महीने के अंदर
रिपोर्ट दाखि़ल की जायेगी। कारोबार के स्थापन में सुविधा को और बढ़ावा देने
के लिए उद्योगपतियों की माँगों और चिंताओं के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर
सिंह ने राज्यभर में अपार्टमैंटों (कम-से-कम 3 फ्लोर एरिया अनुपात के लिए)
में मंजि़लवार बिक्री की मंज़ूरी देने का फ़ैसला भी किया। उद्योगपतियों की
अपील पर उन्होंने जल्दी से जल्दी ज़मीन पटे पर देने सम्बन्धी कानून लाने पर
भी सहमति अभिव्यक्ति। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पर्यटन सामथ्र्य
और निवेश के मौकों के तौर पर राज्य में मार्केट की ज़रूरत पर तेज़ी से ग़ौर
करने के लिए कहा।