पुलिस और जिला प्रशासन को बंदिशों का सख्ती से पालन और सरहदों पर किसी भी छूट की आज्ञा न देने के लिए कहा
चंडीगढ़, 30 अपैल। विभिन्न डिप्टी कमीश्नरों द्वारा हाल ही के दिनों में दूसरे राज्यों से कोविड प्रभावित मरीजों के आने के मामलो संबंधी गहरी चिंता जाहिर करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को दूसरे राज्यों से आने वालों को गाँव स्तर पर एकांतवास के तौर पर घोषित इमारतों में रखने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि चाहे कोई केस पाॅजिटिव हो या नेगेटिव हो, सभी को लाजिमी तौर पर एकांतवास संस्थाओं में रखने के आदेशों का सख्ती से पालन किया जाये।
सभी जिलों के डिप्टी कमीश्नरों, एस.एस.पीज / पुलिस कमिश्नर्ज के साथ चली लंबी वीडियो काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को 21 दिनों का एकांतवास समय पूरा होने के बाद ही घर भेजने की आज्ञा दी जाये क्योंकि आम तौर पर महामारी के लक्षण थोड़े समय के बाद सामने आते हैं। उन्होंने कोरोनावायरस को आगे फैलने से रोकने के लिए सुझाव दिया कि जहाँ तक संभव हो इन व्यक्तियों में से पाॅजिटिव और नेगेटिव पाए जाने वालों को अलग-अलग इमारतों में अलग-अलग रखा जाये।
उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि वह सरपंचों के साथ मिलकर गाँवों में एकांतवास के लिए स्कूलों और दूसरी इमारतों की पहचान करें। मुख्यमंत्री ने सरपंचों और पंचायतों से अपील की कि इस महामारी को आगे फैलने से रोकने के लिए गाँव स्तर पर चैकसी बढ़ा दें।
मीटिंग में बताया गया कि पिछले चार दिनों में अब तक नांदेड़ साहिब (महाराष्ट्र) से 3525 श्रद्धालु, कोटा (राजस्थान) से 153 विद्यार्थी आए हैं। इसके अलावा फाजिल्का-राजस्थान सरहद पर 3085 मजदूर आए हैं। नांदेड़ साहिब से आने वालों में से अब तक 577 व्यक्तियों की टैस्ट रिपोर्ट आ गई है जिनमें से 20 प्रतिशत पाॅजिटिव पाए गए हैं। गुरूवार को 105 ताजा पाए गए पाॅजिटिव मामलों में से 98 बाहर से आने वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने डी.सीज / एस.एस.पीज को आदेश देते हुए कहा कि बाहर से आने वालों को कौवा ऐप पर अपलोड कर दिया जाये ताकि जीओ फेंसिंग के द्वारा इनके आने-जाने पर सख्त निगरानी रखी जा सके। उन्होंने आगे कहा कि दूसरे राज्यों से अपने आप आने वालों की भी ट्रेकिंग और स्क्रीनिंग की जाये।
मीटिंग में प्रवासी मजदूरों और दूसरों के अलावा राज्य में लाॅकडाउन और छूटों तथा गेहूँ के खरीद प्रबंधों के मुद्दों पर भी विचार किया गया।
मुख्यमंत्री ने सरहद पर किसी भी तरह की ढील देने को रद्द कर दिया जो सख्ती के साथ सील ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि अपने लोगों को लेने के लिए सम्बन्धित राज्यों से आने वाली बसों को पर्मिट / मंजूरी के बिना पंजाब में दाखिल होने की इजाजत देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने अधिकारियों को सरहद को सील करने को सख्ती से पालन करवाने को यकीनी बनाने के आदेश देते हुए कहा, ‘‘हम किसी को भी उपयुक्त प्रक्रिया के बिना दाखिल होने की आज्ञा नहीं देंगे।’’ कुछ डिप्टी कमीश्नरों ने बताया कि वह अपने जिलों में सिर्फ जरूरी वस्तुओं वाले ट्रकों को ही दाखिल होने की इजाजत दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पंजाब में इस रोग के फैलाव के तीन स्रोत एन.आर.आईज, निजामूद्दीन तबलीगी जमात और नांदेड़ से लौटे लोगों को बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने घर लौटने वाले पंजाबियों का स्वागत है परन्तु उनको एकांतवास को सख्ती के साथ अमल में लाना होगा। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी अनाधिकृत वाहन को सरहद पर दाखिल होने की इजाजत न देने को यकीनी बनाने की हिदायत की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमने स्थिति पर काबू न पाया तो कोई उद्योग नहीं खुलेगा।
राज्य की अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए उद्योग को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमीश्नरों को इसकी सुविधा के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि राज्य में 2.5 लाख से अधिक उद्योगों में से सिर्फ 3600 के लगभग उद्योग ही खुलने योग्य हैं और इनमें से भी अब तक केवल 1100 उद्योगों के चलने का चयन हुआ है।
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर ने मास्टर प्लान के मुताबिक निर्धारित इलाकों में जो उद्योग फोकल पुआइंट और इंडस्ट्रियल एस्टेटों में स्थित नहीं हैं, को चलाने की इजाजत देने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने सहमत होते हुए कहा कि राज्य का 95 प्रतिशत उद्योग लुधियाना में है जिस कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए इन उद्योगों को चलाना जरूरी है। उन्होंने राज्य के सभी मिल्क प्लांटों को पूरी क्षमता के साथ चलाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने गेहूँ के खरीद कार्यों के बेहतरीन प्रबंधन के लिए अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब तक अनुमानित फसल की 50 प्रतिशत से अधिक खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तक 68 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद हो चुकी है। उन्होंने डिप्टी कमीश्नरों को भरोसा दिलाया कि मंडियों में बड़ी मात्रा में आ रहे गेहूँ को सँभालने के लिए बारदाने की कोई कमी नहीं है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मौजूदा स्थिति को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि साल 1965 और 1971 के युद्ध के समय भी ऐसे हालात नहीं देखे थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सचेत करते हुए कहा कि इस महामारी के फैलाव के वैश्विक रूझानों के संदर्भ में आने वाले दिनों में यह स्थिति और गंभीर होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत खुशकिस्मत है जहाँ अब तक स्थिति काबू में है।
मुख्यमंत्री ने बीते दिन उनके द्वारा घोषित ढील का जिक्र करते हुए कहा कि अमन-कानून की व्यवस्था को कायम रखना कठिन कार्य है परन्तु यह करना ही होगा। हालाँकि, उन्होंने अधिकारियों को कहा कि उनको मौके की स्थितियों के अनुकूल ढील देनी चाहिए जब वह इसके लिए सुरक्षित महसूस करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी यकीनी बनाने के लिए कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क पहने अपने घर से बाहर न निकले।
सभी डी.सीज / एस.एस.पीज / सी.पीज ने रोटेशन के साथ दुकानें खोलने सम्बन्धी मुख्यमंत्री को अपने-अपने जिलों में ढील के प्रबंधन बारे अपडेट किया। कुछ जिलों में डिप्टी कमीश्नरों ने अब तक सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें खोलने का फैसला किया और शहरी क्षेत्रों में दुकानें खोलने के फैसले को कुछ दिनों के लिए रोक दिया है।
जैसे कि ए.सी.पी. अनिल कोहली के संपर्क में आए तीनों ही पुलिस मुलाजिमों को कोविड के लक्षणों से पूरी तरह ठीक होने के बाद कल छुट्टी दी जानी है, लुधियाना में ढील पड़ाववार लागू की जा रही है। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर ने केंद्र सरकार के नये दिशा-निर्देशों के अनुसार हलके मामलों के लिए घरों में एकांतवास को बढ़ाने का सुझाव दिया।
जगराओं में मार्केट और व्यापार समितियों को दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए दुकानें खोलने के लिए अपना शड्यूल तय करने के लिए कहा गया। नवांशहर में गाँव स्तरीय एकांतवास सुविधाएं बनाने के लिए सरपंचों की सहायता से स्कूलों की पहचान की जा चुकी है।
मोगा के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिले में कल से रोटेशन के साथ ढील देनी शुरू की जाएगी। डी.सी. ने मीटिंग को यह जानकारी दी कि नैस्ले प्लांट और इसके साथ जुड़ी सहायक इकाईयां पूरी क्षमता के साथ काम कर रही हैं।
फिरोजपुर में कल रोटेशन के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें खुलेंगी, जबकि शहरी क्षेत्रों में सिर्फ किराने की दुकानें और कैमिस्टों को शुरुआती तौर पर खोलने की आज्ञा दी गई है। जिले ने कुछ और समय के लिए होम डिलीवरी पर निर्भर करने का फैसला किया है।
मीटिंग में बताया गया कि जालंधर से आए अधिकारियों ने बड़ी संख्या में प्रवासियों के भीड़ वाली स्थिति में रहने के कारण कोरोनावायरस के फैलने के खतरे पर चिंता जाहिर की। फाजिल्का में शैलर मालिकों और ईंटों के भट्टों ने काम करना शुरू कर दिया है।
मीटिंग में भाग लेते हुए खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि सरकार खास तौर पर बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी वाले जिलों में बाँटे जा रहे भोजन पैकेटों ॅ/ किटों में बढ़ौतरी करने की ओर कार्य कर रही है।