आर.बी.आई. के कर्जों और ब्याजों के भुगतान की अदायगियों की मोहलत को छह महीनें के लिए आगे करने के लिए सुझाव दिया
अदायगियों का भुगतान न करने के बदले कनैक्शन काटने पर रोक को छह महीने के लिए बढ़ाने के लिए कहा
कोयले और रेल भाड़े पर से जी.एस.टी. हटाने और अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन खर्चों में कटौती के लिए भी कहा
चंडीगढ़, 22 अप्रैल: कोविड -19 संकट और लॉकडाउन के चलते राज्यों के बिजली कोर्पोरेशनों की वित्तीय स्थिति पर पड़े बुरे प्रभावों और भारी नकदी घाटे का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बिजली सैक्टर को वित्तीय पैकेज देने की माँग की। इससे उनको इस मुश्किल समय में खपतकारों को निर्विघ्न सेवाएं देने के लिए पी.एस.पी.सी.एल. और अन्यों को मौजूदा संकट में से निकालने की सिफ़ारिश भी की है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुझाव दिया कि बिजली वित्तीय कोर्पोरेशन, ग्रामीण इलैक्ट्रीफिकेशन कोर्पोरेशन लिमीटड और अन्य वित्तीय संस्थाओं को बिजली सैक्टर को राजस्व के अंतर को पूरा करने के लिए घटी हुई 6 प्रतिशत सालाना दर पर कजऱ् मुहैया करवाना चाहिए। उन्होंने साथ ही रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के कजऱ्े और ब्याज़ों के भुगतान की अदायगियों को तीन महीनें की दी मोहलत को कम- से -कम छह महीने के लिए आगे करने की सिफ़ारिश की। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि मुलतवी अदायगियों पर लागू ब्याज दर को रियायती दर पर विचारा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार के बिजली मंत्रालय द्वारा सी.पी.सी.यूज़ /जैनकोस /ट्रांसकोस को बकाए वसूलने के लिए ज़बरदस्ती उपायों का प्रयोग न करें और बिजली की आपूर्ति /ट्रांसमिशन को ज़रूरी सेवा के तौर पर जारी रखने की सलाह को कम- से -कम छह महीने तक बढ़ाना चाहिए।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए अन्य सुझावों में कोयले की कीमतों में कमी, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कोयले की लागत और रेल भाड़े पर लगाया गया जी.एस.टी. माफ करें, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए या कम- से -कम अगले 6 महीनों के लिए स्टेट ट्रांसमिशन खर्चों में 50 प्रतिशत की कटौती के साथ- साथ लोड़ क्रैश के कारण सामथ्र्य तय न करने सम्बन्धी सामथ्र्य /अदायगी योग्य नियमित खर्च माफ करना शामिल है। उन्होंने वर्ष 2020-21 के लिए जनरेटरज़ और ट्रांसमिशनज़ लाइसेंसधारकों को भुगतान में देरी से भुगतान सरचार्ज पर 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा देने की माँग की। प्रधानमंत्री को भेजे गए एक पत्र में मुख्यमंत्री ने पिछले और मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए नवीकरणीय खऱीद दायित्व (आर.पी.ओ.) में कमी की माँग की और वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए या कम- से- कम अगले 6 महीनों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा (आर.ई.) बिजली प्रोजैक्टों को न चलाने की स्थिति को हटाने संबंधी लिखा, जिससे परम्परागत स्रोतों से कम लागत वाली बिजली आपूर्ति की जा सके।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सभी नवीकरणीय ऊर्जा बिजली उत्पादकों को महीने के दौरान बिजली के परम्परागत स्रोतों से खऱीदी गई औसत परिवर्तनीय लागत पर बिजली सप्लाई करने का विकल्प दिया जा सकता है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार पंजाब के लोगों, ख़ासकर सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को निर्विघ्न 24 घंटे बिजली सप्लाई मुहैया कराने के लिए वचनबद्ध है। कैप्टन अमरिन्दर ने आगे कहा कि इस समय बिजली सैक्टर के सभी कामगार 24 घंटे काम में लगे हुए हैं। हालाँकि कोविड -19 महामारी के फैलने को रोकने के लिए लगाईं गईं पाबंदियों के कारण, कम्यूनिटियों, कारोबारों और खपतकारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है और राज्य की पंजाब स्टेट पावर कोर्पोरेशन लिमिटड (पी.एस.पी.सी.एल.) को अपना बकाया अदा करने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि इससे बिजली कोर्पोरेशन को नकदी की कमी और वित्तीय तंगी आई जिससे रोज़मर्रा के खर्चों को पूरा करना कठिन हो गया। उन्होंने कहा कि इसी समय आर्थिक तंगी के कारण उपभोक्ता बिजली दरों में राहत की माँग कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस ज़रूरी सेवा को जारी रखने और खपतकारों के लाभ के लिए वित्तीय पैकेज की तुरंत ज़रूरत है। कोयला कंपनियाँ को साल 2020-21 के दौरान ब्रिज /फ्लेक्सी /लॉग टर्म कोल लिंकेज पर लिए जा रहे किसी भी प्रीमियम /प्रोत्साहन को बंद करने के निर्देशों के अलावा, मुख्यमंत्री ने नाभा पावर लिमटिड (एनपीएल) और तलवंडी साबो पावर लिमिटड (टीएसपीएल) कोयला लिंकेज़ के पूर्ण भौतिकीकरण की माँग की।
उन्होंने केंद्रीय बिजली अथॉरिटी (सी.ई.ए) द्वारा 8-6-2016 को पत्र के द्वारा जारी मौजूदा नीति में तेज़ी से संशोधन करने की माँग की, जिससे पंजाब को अपने न इस्तेमाल किए गए कोयला की ज्य़ादा कुशल स्टेट स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आई.पी.पीज़) को बदलकर अपने कोयले के सर्वोत्त्म प्रयोग को यकीनी बनाने में मदद मिल सके। कोयले पर मुआवाज़ा सैस्स में भाड़ों से सम्बन्धित रियायतों और छूट /कटौती के साथ, मुख्यमंत्री ने पूँजीगत लागत जैसे कमी, ब्याज, आर.ओ.ई. आदि को मुलतवी करने के हिसाब से सामथ्र्य / स्थिर ख़र्च में कटौती करने का सुझाव दिया।