गुरदासपुर। डेमोक्रेटिक टीचर्ज पंजाब की ओर से करोना वायरस लाकडाऊन के चलते घरों में बैठे विद्यार्थी शिक्षा विभाग पंजाब की तरफ से करवाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई सभी स्कूली विद्यार्थियों तक नहीं जा रही। संगठन के राज्य अध्यक्ष दिग्विजय पाल शर्मा, पंजाब मीतप्रधान करनैल सिंह गुरदासपुर तथा पंजाब सचिव सरवन सिंह औजला ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई सिर्फ मध्य वर्ग के परिवारों के बच्चों को प्राप्त हो रही है ।
पढ़ाई के इस सिस्टम के साथ शिक्षा के सर्वपखी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। सिस्टम के साथ सीखने और सिखाने की प्रक्रिया असल रूप में लागू ही नहीं की जा सकती। अध्यापक तथा विद्यार्थी का आपसी रिश्ता प्रभावित हो रहा है।क्योंकि अध्यापक विद्यार्थियों के चेहरे के हावभाव देखकर तथा उसकी शारीरिक मानसिकता तथा घरेलू जरूरतों को विद्यार्थियों के साथ के साथ विचार विमर्श करके बढ़िया तरीके से पड़ा तथा सिखा सकते हैं।
पंजाब के वित्त सचिव गुरमीत सिंह कोटली व पंजाब के नेता बलवीर चंद लोंगोवाल ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से करवाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई गरीब परिवारों के बच्चों में हीन भावना पैदा कर रही है। जिन मां बाप को लॉकडाउन कारण अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है उनके बच्चों को एंड्राइड फोन कहां नसीब होंगे। ऐसे परिवारों के होनहार विद्यार्थी दूसरे विद्यार्थियों के मुकाबले पढ़ाई में पीछे जाएंगे। ऐसा होने सेबड़ी संख्या में गरीब परिवारों के विद्यार्थियों के साथ शिक्षा विभाग की ओर से बेइंसाफी होगी।
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब, पंजाब इस समय शिक्षा मंत्री पंजाब विजय इंदर सिंगला तथा शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार से मांग करती है के करोना वायरस की महामारी के फैलने के कारण इस हालातों के कारण सभी बच्चों को पढ़ाई के अमीरी गरीबी के पाढे दूर करने के लिए पहली क्लास से बारहवीं क्लास के सिलेबस को कम करने के लिए सीनियर सुहिरद अध्यापकों की सब कमेटी का गठन किया जाए जो शासन 2020- 2021 के लिए बने विशेष हालातों के कारण सिलेबस का रिव्यू करें तथा शासन की लंबाई को कम करके सभी क्लासों केसली बस को कम करने की सिफारिश करके सभी विद्यार्थियों को पढ़ाई के बराबर मौका दिया जाए।
इस मौके महासचिव नवतेज सिंह, वित्त सचिव साहिब सिंह, सुखविंदर पाल, नवनीत सिंह,रवि तिब्बत, चरणजीत लाधुपुर, परमिंदर कोठे, लखबीर सिंह सुरेंद्र जीत सिंह मान, जसविंदर सिंह संधू फतेहगढ़ चूड़ियां, हरविंदर बटाला आदि ने सहमति दी।