चंडीगढ़ प्रशासक से मीडिया कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा
चंडीगढ़/19अप्रैलः शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज चंडीगढ़ पुलिस द्वारा वरिष्ठ पत्रकार दविंदरपाल से किए दुर्व्यवहार की सख्त निंदा की है। इसके साथ ही उन्होने एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार गुरउपदेश सिंह भुल्लर की कुछ बदमाशों द्वारा की लूटपाट की घटना के बाद चंडीगढ़ प्रशासन से शहर में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कहा है।
अकाली दल अध्यक्ष ने चंडीगढ़ प्रशासन को शहर में मीडिया कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है तथा दोषी पुलिस अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कितने अफसोस की बात है कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अग्रिम पंक्ति के यौद्धाओं को पुलिस द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि मीडिया कर्मी कोविड-19 के खिलाफ चुनौतीपूर्ण लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि वह इस बीमारी के बारे ताजा जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए अपनी जिंदगियों को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होने कहा कि एक ड्यूटी कर रहे पत्रकार को कर्फ्यू तोड़ने का दोष लगाकर बंदी बनाना एक गैरकानूनी कार्रवाई है तथा जिसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
अन्य जानकारी देते हुए सरदार बादल ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार दविंदरपाल को कल उस समय चंडीगढ़ पुलिस ने पकड़ लिया जब वह पैदल अपने कार्यालय जा रहे थे। उन्होने कहा कि एसएचओ ने पत्रकार के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करते हुए उसपर गालियों की बोछार कर दी तथा उसे जबरदस्ती थाने ले गया। उन्होने बताया कि पत्रकार द्वारा अपना पहचान पत्र दिखाने के बावजूद पुलिस अधिकारी ने उसके साथ बदतमीजी करना तथा धमकाना जारी रखा। इसके बाद उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही पत्रकार को छोड़ा गया।
शहर में कुछ लुटेरों द्वारा एक पत्रकार को लूटे जाने की एक अन्य घटना के बारे में जानकारी देते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाबी पत्रकार गुरउपदेश सिंह भुल्लर जब ड्यूटी पर जा रहे थे तो कुछ लुटेरों ने उन्हे घेर लिया तथा उनसे पैसे तथा सोने की अंगूठी आदि कीमती सामान लेकर फरार हो गए। सरदार बादल ने कहा कि कितनी अजीब बात है कि लॉकडाउन के बाद जब शहर में बहुत ज्यादा सर्तकता का माहौल है तो ऐसे हालातों में पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को इन दोनो घटनाओं का तत्काल नोटिस लेना चाहिए तथा मीडिया कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।