लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों को पढ़ाई संबंधी कोई भी परेशानी न आने देने के मद्देनजर लिया गया यह फैसला- चन्नी
चंडीगढ़, 8 अप्रैल: पंजाब के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री स. चरनजीत सिंह चन्नी ने राज्य की दोनों तकनीकी शिक्षा यूनिवर्सिटियों को निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए जरुरी कदम उठाए जाएं और तालाबन्दी के दौरान विद्यार्थियों को पढ़ाई सम्बन्धी कोई भी परेशानी न आने दी जाये। चन्नी ने समूचे फेकल्टी समुदाय को भी अपील की है कि इस मुश्किल की घड़ी में वह विद्यार्थियों की सहायता के लिए आगे आएं।
आज यहाँ से जारी प्रैस बयान में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा (आई.ए.एस) ने कहा कि आई.के.जी.पी.टी.यू. और एम.आर.एस.पी.टी.यू और उनसे सम्बन्धित कॉलेजों को विभिन्न तकनीकों जैसे कि यूट्यूब, जूम, स्काईप, गूगल क्लासरूम, व्हाटसऐप ग्रुपों आदि का प्रयोग करके ऑनलाइन विधि के द्वारा क्लासें चलाने के लिए कहा गया है, जिससे मौजूदा संकटकालीन स्थिति में विद्यार्थियों की पढ़ाई का कोई नुक्सान न हो।
वर्मा ने कहा कि दोनों यूनिवर्सिटियों को यूजीसी / एआईसीटीई द्वारा विकसित किये गए ऑनलाइन सामग्री साझा करने वाले प्लेटफॉर्म स्वयंम (स्टडी वैबस ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग ऐस्पायरिंग माईंड्ज) का प्रयोग करते हुए एमओओसीएस (मैसिव ऑनलाइन ओपन कोर्सिस) के द्वारा पढ़ाने की सलाह दी गई है। श्री वर्मा ने कहा कि दोनों यूनिवर्सिटियों के वाईस चांसलरों को कहा गया है कि वह फेकल्टी के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी ऑनलाइन अध्यापन को अपनाने हेतु जागरूक करें और हर अपेक्षित सहायता मुहैया करवाएं।
आई.के.जी.पी.टी.यू के वाइस चांसलर डॉ. अजय शर्मा और एम.आर.एस.पी.टी.यू के वीसी डॉ. एम.पी.एस ईशर ने कहा कि उनकी यूनिवर्सिटियाँ और मान्यताप्राप्त / सम्बन्धित कॉलेजों द्वारा विद्यार्थीयों के लिए अकादमिक प्रोग्रामों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए क्लास की लाईव वीडियो स्ट्रीमिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को भी कहा गया है कि वह घर से काम करें और पाठ्यक्रम से सम्बन्धित वीडियो लैक्चर विद्यार्थियों को प्रसारित करें।
विद्यार्थी चैट के द्वारा अपने प्रश्न सीधे तौर पर पूछ सकते हैं और इन प्रश्नों के जवाब तुरंत ही अध्यापक द्वारा दिए जा सकते हैं। लम्बे समय के संकट की संभावित स्थिति में विद्यार्थियों के सेमेस्टर का कोई नुक्सान न हो इसलिए उक्त कदम उठाए जा रहे हैं। दोनों यूनिवर्सिटियों के वाईस चांसलरों ने आगे बताया कि अध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ऑनलाइन विधि द्वारा हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों की हाजिरी का रिकॉर्ड रखें और असाइनमेंट / क्विजों आदि को भी अमल में लाया जाये।