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बलबीर सिंह सिद्धू ने लोगों को कोविड-19 पीडि़त मरीज़ के अंतिम संस्कार का विरोध न करने की की अपील

बलबीर सिंह सिद्धू ने लोगों को कोविड-19 पीडि़त मरीज़ के अंतिम संस्कार का विरोध न करने की की अपील
  • PublishedApril 3, 2020

कहा, संस्कार करने से कोई अन्य किस्म का ख़तरा पैदा नहीं होता

चंडीगढ़, 3 अप्रैल: गुरूवार को घटी एक घटना को देखते हुए जिसमें प्रसिद्ध रागी पद्म श्री भाई निर्मल सिंह की कोविड-19 के कारण हुए देहांत के कारण उनके मृतक शरीर का संस्कार करने का विरोध किया गया था, स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब, स. बलबीर सिंह सिद्धू ने लोगों को इस सम्बन्धी न घबराने की अपील की क्योंकि कोविड-19 पॉजि़टिव मरीज़ के शरीर का संस्कार करने से कोई अन्य ख़तरा पैदा नहीं होता। श्मशान घाट और दफऩ करने वाले कर्मचारियों को जागरूक करते हुए उन्होंने दोहराया कि अगर सही प्रोटोकोल की पालना की जाए तो संस्कार से कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।

यहाँ तक कि राख से भी कोई ख़तरा पैदा नहीं होता और अंतिम संस्कार की रस्मों के लिए राख इक_ी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार श्मशान घाट और दफऩ करने वाले कर्मचारियों को हाथों की सफ़ाई, मास्क और दस्तानों का प्रयोग करने को यकीनी बनाने की ज़रूरत है। इसके अलावा, रिश्तेदारों को मुँह दिखाना और धार्मिक रस्मों जैसे कि धार्मिक पाठ पढऩा, पवित्र पानी का छिडक़ाव और कोई और अंतिम रस्म, जिससे शरीर को छूने की ज़रूरत नहीं होती, के लिए लाश को दिखाने के लिए बैग को (स्टाफ द्वारा साधारण सावधानियां इस्तेमाल करके) खोलने की इजाज़त दी जा सकती है।

परन्तु, मृतक देह को स्नान, चूमना, गले लगाने की इजाज़त नहीं है और संस्कार/ दफऩ करने वाले कर्मचारियों और पारिवारिक सदस्यों को अंतिम संस्कार /दफऩ के बाद हाथों की सफ़ाई करनी चाहिए। इसके अलावा, श्मशान घाट / दफऩ करने वाले स्थान पर बड़े जलसे में सामाजिक दूरी के उपाय के तौर पर परहेज़ करना चाहिए।

Written By
The Punjab Wire