चंडीगढ़, 3 अप्रैल: कोविड-19 के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति का मुकाबला करने के लिए पंजाब का उद्योग विभाग ज़ोरदार ढंग से कम लागत वाले वैंटीलेटरों के निर्माण के लिए राज्य की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों को उत्साहित कर रहा है, जिसके लिए चार ऐसी इकाईयाँ पहले से ही पहचानी गई हैं और उनके नमूनों को तेज़ी से परीक्षण के लिए रखे गए हैं। उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने यह प्रगटावा करते हुए बताया कि एम/एस ग्लोबल एसपीएस, मोहाली, एम/एस सज्जन प्रिसिजऩ, लुधियाना, एम/एस एंडल इंडिया, मोहाली और एम/एस सीजऩस हैल्थकेयर जालंधर पहले से ही मिशन के अंतर्गत काम कर रहे हैं ताकि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा राज्य सरकार की सहायता से कम कीमत के वैंटीलेटर तैयार किए जा सकें।
उन्होंने बताया कि यह विक्रेता ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल साइंसेज़ (एम्स) से उनके प्रोटोटाइपों की अपेक्षित मंजूरी के बाद जल्द ही अपने उत्पाद को लाँच करने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे की रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला भी स्वदेशी वैंटीलेटरें को विकसित करने और लाँच करने की तैयारी में है, इसके अलावा बहुत सी एमएसएमईज़ ने इस उद्देश्य के लिए रूचि दिखाई है और इस मंतव्य के लिए विभाग के साथ निरंतर बातचीत की जा रही है। विभाग इन इकाईयों को ज़रूरी मंज़ूरियां प्राप्त करने और अस्पतालों एवं नामवर संस्थाओं और तकनीकी संस्थाओं की सहायता से तकनीकी जानकारी, इंजीनियरिंग सहायता, चिकित्सा विशेषज्ञों की सहायता, धातुकर्म सहायता और अन्य ज़रूरी सुविधाएं देने में सहायता कर रहा है।
इस दिशा में, सिडबी और वीसीएफज़ द्वारा कम कीमत पर पूँजी भी प्रदान की जा रही है। सिडबी सेफ के अधीन कोविड-19 के विरुद्ध भारत को बचाने के लिए सामान और सेवाओं के उत्पादन के लिए 5 प्रतिशत ब्याज दर पर कजऱ् प्रदान करता है (कोरोना वायरस के विरुद्ध एमरजैंसी प्रतिक्रया की सुविधा के लिए सिडबी सहायता के अंतर्गत)। अधिकांश अनुमानों के अनुसार आज की तारीख में भारत के पास लगभग 48,000 वैंटीलेटर हैं जो कि अस्पतालों द्वारा गंभीर बीमारी वाले मरीज़ों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हर रोज़ कोरोना के मरीज़ों की संख्या में हो रही वृद्धि के कारण, कोविड-19 के कारण पैदा होने वाली संभावित स्थिति का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक ऐसे वैंटीलेटरों की ज़रूरत होगी।