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पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य में हर प्रकार की भीड़ पर रोक लगाई, निजामूद्दीन से लौटने वालों को ढूँढ कर टैस्ट करने और 21 दिन के एकांतवास में भेजने के लिए कहा

पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य में हर प्रकार की भीड़ पर रोक लगाई, निजामूद्दीन से लौटने वालों को ढूँढ कर टैस्ट करने और 21 दिन के एकांतवास में भेजने के लिए कहा
  • PublishedApril 2, 2020

सिविल और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा के लिए की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने दिल्ली से अमृतसर आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए एकांतवास के आदेश दिए

कोविड-19 के खिलाफ लम्बे समय की जंग के लिए किसी भी तरह की स्थिति से निपटनेे का न्योता दिया

चंडीगढ़, 2 अप्रैल: निजामूदुद्दीन घटना के मद्देनजऱ इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए पंजाब केे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को कड़ा कदम उठाते हुए धार्मिक समागम समेत राज्य में हर तरह केे जलसे पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर प्रकार की भीड़ पर पाबंदी लगाएगी चाहे वह किसी भी धर्म से सम्बन्धित हो। आगामी बैसाखी के त्योहार को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निजी तौर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के साथ बात करेंगे जबकि मुख्य सचिव को यह मामला शिरोमणि कमेटी के साथ विचारने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने उन सभी को 21 दिनों के एकांतवास पर भेजने के आदेश दिए हैं जो इस साल जनवरी महीने से निजामूद्दीन (दिल्ली) से लौटे हैं और पुलिस व सिविल प्रशासन के सभी अधिकारियों को कहा है कि निजामूद्दीन से लौटने वालों को ढूँढने के लिए मुस्तैदी के साथ मुहिम शुरु की जाये। उन्होंने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह विशेष टीमें बनाकर निजामूद्दीन से पंजाब आने वालों को ढूँढकर अपेक्षित कार्यवाही करें। कैप्टन अमरिन्दर सिंह सिविल प्रशासन और पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को साथ लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा डी.सीज के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के अनुसार अलग-अलग समय पर पंजाब से 200 व्यक्ति निजामूद्दीन गए थे और वापस लौटे थे। इस तरह 12 जिलों के प्रभावित होने की आशंका है। उनको ढूँढने के अलावा दूसरे राज्यों के व्यक्तियों को भी ढूँढा जा रहा है जो तबलीगी जमात के काम के लिए पंजाब आए हैं। स्वास्थ्य विभाग को भी इस बारे में बता दिया गया है और उनको ढूँढने की कोशिशें जारी हैं। अभी तक कोरोना प्रभावित ऐसा कोई केस सामने नहीं आया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग को अब तक ऐसे व्यक्तियों में से 125 की सूची मिली है जिनमें से 73 का पता लगाया गया है और 25 मामलों के नमूने एकत्रित कर लिए गए हैं जिनमें से कुछ 19 मार्च को मानसा आए थे। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर कदम उठाते हुए सभी को एकांतवास में भेज दिया गया है।

कपूरथला के डिप्टी कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को बताया कि निजामूद्दीन से लौटे 31 व्यक्तियों को एकांतवास में रखा गया है, हालांकि उनमें अभी तक लक्षण नहीं पाए गए। पटियाला में भी 29 व्यक्तियों को एकांतवास में रखा गया है परन्तु उनमें भी लक्षण नहीं पाए गए। संगरूर के जिला पुलिस प्रमुख ने बताया कि निजामूद्दीन से लौटे जिन व्यक्तियों के नाम उनको हासिल हुए हैं, उन सभी को ढूँढा जा चुका है और उनके नमूने लिए गए हैं और बहुत से मामलों में अलग रहने का समय समाप्त हो चुका है। डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के सुझाव पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अमृतसर में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को भी एकांतवास के भी हुक्म दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समय में किसी भी तरह की कोताही को राज्य बर्दाश्त नहीं कर सकता।

अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पाकिस्तान ने दिल्ली से लौटे अपने नागरिकों में से चार को मुल्क आने की इजाज़त दी है जिनमें से तीन कोरोना पॉजि़टिव हैं। उन्होंने बताया कि बी.एस.एफ. और इमीग्रेशन स्टाफ जिनके साथ वह सम्पर्क में आए थे, को भी एकांतवास में रखा गया है। उन्होंने बताया कि कुछ पाकिस्तानी अभी भी अमृतसर में फंसे हुए हैं। डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से कुछ मैडीकल के विद्यार्थी भी लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, उन्होंने एकांतवास का समय भी मुकम्मल कर लिया है।

मीटिंग के दौरान बताया गया कि हज़ूरी रागी पद्म श्री भाई निर्मल सिंह जी जो आज चल बसे, के परिवार को भी एकांतवास में रखा गया है। भाई निर्मल सिंह जी ने मोगा में एक विवाह समागम में शिरकत की थी और जो व्यक्ति इस समागम में उनके संपर्क में आए थे, को भी एकांतवास में रखा गया, गौरतलब है कि उनमें कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए। मुख्यमंत्री जो तेज़ी से बदल रही स्थिति की स्वयं निगरानी कर रहे हैं, ने इस अनिर्धारित संकट के कम से कम प्रभाव की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए सीनियर अधिकारियों को अपने यत्न और तेज़ करने के लिए कहा। इस कठिन समय में हरेक अधिकारी द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘हमें लम्बी चलने वाली जंग की तरह तैयारी करने की ज़रूरत है।’’

उन्होंने अधिकारियों को मरीज़ों के इलाज के लिए उचित स्थानों की पहचान करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि वह निराशावादी नहीं होना चाहते परन्तु मौजूदा हालात में यथार्थवादी होना महत्वपूर्ण है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कफ्र्यू को लागू करने और कानून व्यवस्था की पालना के साथ-साथ ज़रूरी वस्तुओं की सप्लाई और राहत कार्यों में किसी भी तरह की ढील बरतने के विरुद्ध उनको चेतावनी भी दी। डी.जी.पी. ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य भर में कानून व्यवस्था की स्थिति कंट्रोल में है परन्तु कुछ और समय के लिए कफ्र्यू की पाबंदियों को जारी रखने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि ठीकरी पैहरा (गाँवों वाले वालंटियर) कफ्र्यू के अमल और राहत कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मौजूदा समय में पुलिस और सिविल प्रशासन की सहायता के लिए लगभग 2000 ऐसे वॉलंटियर नियुक्त किए गए थे।

मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने मीटिंग में बताया कि बैंकों में भीड़ होने को रोकने के लिए बैंकों को फ़ोन पर अपायंटमैंट देने और ए.टी.एमज़ में एक-दूसरे से दूरी बनाने के लिए निशान लगे हों। उन्होंने एहतियात के तौर पर जि़लों के दरमियान यात्रा करने वाले व्यक्तियों के लिए एकांतवास का सुझाव दिया और साथ ही यह स्पष्ट किया कि कटाई वाली कम्बायनें और ज़रूरी वस्तुएँ ले जाने वाले ट्रकों की यातायात की आज्ञा है। मुख्यमंत्री ने सरहदें सील करने और अन्य पाबंदियों के कारण पंजाब में फंसे प्रवासियों की सुरक्षा और उनको ज़रूरी वस्तुएँ मुहैया करवाने के लिए उठाए जा रहे कदमों संबंधी जानकारी ली। 

अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर ने मीटिंग में बताया कि जि़ले में प्रवासी मज़दूरों का मसला इतना बड़ा नहीं है क्योंकि इनमें से बहुत से ट्रांसपोर्ट, रेलवे और अन्य विभागों में काम में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि जिनके पास नौकरी नहीं थी, उनके लिए रहने और खाने के प्रबंध किये जा रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर पठानकोट ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के 111 प्रवासी मज़दूर फंसे हुए थे और उनको मैरिज पैलेसों और अन्य स्थानों पर शरण दी गई है और सामाजिक दूरी बनाए रखने सम्बन्धी हिदायतों की पालना की जा रही है। तीन को बुख़ार और खाँसी होने के कारण एकांतवास में रखा गया था। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि लुधियाना में 5.25 लाख प्रवासी मज़दूरों के लिए 60 कैंप बनाए गए हैं हालाँकि सिफऱ् दो इस्तेमाल किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनको निरंतर भोजन दिया जा रहा है।

गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि राधा-स्वामी भवन भी उपलब्ध हैं परन्तु इस समय पर प्रवासी मज़दूर ईंटों के भठ्ठों के मालिकों के पास रह रहे हैं जहाँ वह काम कर रहे हैं। तरन तारन में प्रवासियों के रहने के लिए चार केंद्र खोले गए हैं। एस.एस.पी. गुरदासपुर ने कहा कि लोगों का मनोबल ऊँचा उठाने के लिए शहरी इलाकों में फ्लैग मार्च किये जा रहे हैं जो पुलिस के साथ पूरा सहयोग दे रहे हैं। सिविल सर्जन के अनुसार सबसे प्रभावित मोहाली (एस.ए.एस. नगर) जि़ले में कोविड-19 के प्रकोप की पुष्टि होने के बाद जगतपुरा इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया था और नया गांव और इसके क्षेत्र में नमूने लिए गए हैं।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि जि़ला प्रशासन कुछ बैड और प्राईवेट अस्पतालों में उपलब्ध लगभग 140 वैंटीलेटरों के प्रयोग के लिए विशेष अधिकार प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। कपूरथला के डिप्टी कमिश्नर के अनुसार उनके जि़ले में दो विभिन्न सेंटरों की स्थापना की गई है जिसमें कुल 150 बैड हैं और जि़ला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी होस्टलों को एकांतवास वॉर्डों के तौर पर स्थापित करने के लिए अपने अधिकार में ले लिया है। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रशासन कोविड-19 के मरीज़ों के लिए कुछ निजी अस्पतालों के विंग हासिल करने की प्रक्रिया में है। शहरी क्षेत्रों में तीन पॉजि़टिव मामले सामने आने के बाद लुधियाना में सैंपलिंग बढ़ा दी गई थी। सिविल सर्जन पठानकोट द्वारा पी.पी.ई. किटों की उपलब्धता संबंधी ज़ाहिर की गई चिंता के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कल तक 100 किटों की सप्लाई देने का भरोसा दिया।

Written By
The Punjab Wire