मुलाजिमों की माँग स्वीकृत, एक अप्रैल, 2019 से नयी पैंशन स्कीम के अधीन राज्य का हिस्सा बढ़ाने का फैसला
जनवरी, 2004 से भर्ती हुए समूह मुलाजिमों को मृत्यु-कम-सेवा मुक्ति ग्रैच्युटी के लाभ देने की मंज़ूरी
चंडीगढ़, 2 दिसंबर। राज्य
की विभिन्न सरकारी मुलाजि़म जत्थेबंदियों की बड़ी माँग को स्वीकृत करते
हुए पंजाब सरकार ने भारत सरकार के फ़ैसले की राह पर नयी पैंशन स्कीम के
अंतर्गत मुलाजि़मों के लिए एक अप्रैल, 2019 से अपना हिस्सा बढ़ाने का
फ़ैसला किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के
नेतृत्व में मंत्री मंडल ने प्राथमिक वेतन और महँगाई भत्तो के 10 प्रतिशत
के बराबर उसकी तरफ से डाले जाते योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का
निर्णय लिया है। यह फ़ैसला भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के
वित्तीय सेवाओं संबंधी विभाग द्वारा 31 जनवरी, 2019 को जारी किये गए
नोटिफिकेशन से सम्बन्धित है।
मंत्री मंडल की मीटिंग के बाद एक
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एक और मुलाजि़म समर्थकीय फ़ैसला लेते हुए
मंत्री मंडल ने मृत्यु-कम -सेवा मुक्ति ग्रैच्युटी का लाभ राज्य सरकार के
सभी मुलाजि़मों को देने की मंजूरी दे दी है जिनमें 1 जनवरी, 2004 को या
उसके बाद नयी पैंशन स्कीम के दायरे अधीन आते मुलाजि़म भी शामिल होंगे।
मंत्री
मंडल ने पुरानी पैंशन स्कीम के अंतर्गत दिए जाते लाभ की राह पर 1 जनवरी,
2004 को या उसके बाद भर्ती हुए मुलाजि़मों में से किसी भी मुलाजि़म की
नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाने पर उसके वारिसों को एक्स ग्रेशिया का लाभ
देने को अमल में लाने की इजाज़त देने के लिए वित्त विभाग द्वारा प्रस्ताव
को कार्य बाद मंजूरी दे दी है।
पंजाब सरकार के कुल 3,53,074
कर्मचारियों में से 1,52,646 कर्मचारी नयी पैंशन स्कीम के अधीन कवर होते
हैं। साल 2018 -19 के दौरान पंजाब सरकार द्वारा कर्मचारियों के प्राथमिक
वेतन जमा डी.ए. का 10 प्रतिशत सालाना योगदान में से 585 करोड़ रुपए अदा
किये गए हैं और वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 645 करोड़ रुपए अदा होने की
आशा है क्योंकि नयी पैंशन स्कीम के अधीन पंजाब सरकार द्वारा भारत सरकार की
तकरीबन सभी हिदायतों को अपनाया गया है, इसलिए यह फ़ैसला किया गया कि एक
अप्रैल, 2019 से नयी पैंशन स्कीम के अंतर्गत कवर हुए पंजाब सरकार के
अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए भी प्राथमिक वेतन जमा डी.ए. का 14 प्रतिशत
मासिक मैचिंग योगदान पंजाब सरकार द्वारा बढ़ा दिया जाये। इससे मौजूदा
योगदान 645 करोड़ रुपए के अलावा मैचिंग योगदान का विस्तार होने पर 258
करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा।