सारी दुकाने और व्यापारिक संस्थान रहे बंद, लोगो ने घरों में रहने को दी प्राथमिकता
मनन सैनी
गुरदासपुर। प्रधानमंत्री की ओर से एक दिन के जनता कफ्यू के आवाहन के चलते पूरा जिला गुरदासपुर शाम पांच बजे तक पूरी तरह बंद रहा। हालाकि पांच बजे के बाद शहर के मोहल्लों में लोग थालियां बजाते हुए बाहर निकल आए और झुड़े में बैठने लगे। इसी के साथ साथ लोगो ने एकत्र होकर घंटियां भी बजाई तथा धार्मिक स्थानो पर एकत्र होते हुए घरों के बाहर आ गए तथा सड़कों पर घूमने लगे। पुलिस कर्मचारियों की ओर से मुश्क्कत करते हुए उन्हे घर के अंदर किया गया। परन्तु फिर भी लोगो ने पुलिस कर्मचारियों की बात को अनसुना ही किया।
गौर रहे कि गुरदासपुर में गत देर शाम सात बजे से ही डीसी की ओर से व्यापरियों के साथ की गई मीटिंग के बाद जनता कर्फ्यू लगा दिया गया था। हालाकि रविवार को ही मुख्यमंत्री पंजाब की ओर से कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए इसे 31 मार्च तक आगे बढ़ा दिया। जिसका सभी लोगो ने स्वागत किया।
जनता कर्फ्यू के दौरान लोगो ने पूरी एहतियात बरतते हुए कोरोना वायरस के साथ लड़ने हुए अपना योगदान डाला तथा घरों में खुद को सुरक्षित किया था। इस दौरान पुलिस विभाग की ओर से शहर की विशेश नाकाबंदी की गई तथा लोगो को समझाया गया । हालाकि इस दौरान कईयों के चालान भी काटे गए । स्वस्थ्य विभाग की ओर से भी बेहद सावधानी बरती गई तथा पूरी इमानदारी के साथ ड्यूटी निभाई गई।
बिमारी से बड़ी समस्या खाना
स्थानीय बस स्टैड़ पर भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा तथा रेलवे स्टेशन पर भी केवल टाटा मूरी एक्सप्रेस को छोड़ और कोई गाड़ी नही आई। जिससे रेलवे स्टेशन पर कुछेक मात्रा में आए लोगो की खाली बैठे नजर आए। रिक्शा वालों की मांग थी कि उनके लिए खाना बिमारी से भी बड़ी समस्या है। जिसके लिए वह अपनी जान जोखिम में डाल कर आए है। उन्होने सरकार से मांग की कि वह उनके लिए राशन इत्यादि की सरकार को मुफ्त व्यवस्था करनी चाहिए।
वहीं डाक्टरों का कहना खतरनाक हो सकता है घरों से बाहर निकलना
इस संबंधी गुरदासपुर के सिवल अस्पताल में तैनात डा मनिंदर बब्बर का कहना है कि लोगो को इस तरह घरों से बिलकुल भी बाहर नही निकलना चाहिए और खुद को घरों में बंद कर रखें। उन्होने कहा कि इस तरह लोग बाहर निकल कर दूसरों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे है।