कैदियों के साथ फिजिकल मुलाकात बंद, कैदियों की संख्या घटाने के लिए पैरोल देने और जमानते देने का किया जा रहा प्रयास- रंधावा
नये कैदियों, पैरोल और अदालतों में सुनवाई से लौटे कैदी स्क्रीनिंग के उपरांत तीन से सात दिनों के लिए रहेंगे अकेले
जेल मंत्री रंधावा द्वारा कोविड -19 के मद्देनजऱ जेल स्टाफ और कैदियों की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए प्रबंधों की समीक्षा
चंडीगढ़, 21 मार्च। पंजाब के जेल मंत्री स.सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कोविड -19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजऱ राज्य की जेलों के स्टाफ और कैदियों की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए प्रबंधों की समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की। स.रंधावा ने अधिकारियों को जेलों में एहतियात बरतने के लिए कदम उठाने के लिए दिशा निर्देश भी जारी किये।
चण्डीगढ़ स्थित अपने सरकारी निवास में जेल विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ की गई मीटिंग के उपरांत विवरण जारी करते हुए जेल मंत्री ने बताया कि कैदियों की फिजिकल मुलाकात बंद करने का फ़ैसला किया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये कैदियों की अपने रिश्तेदार-स्नेहियों के साथ ई-मुलाकात का प्रबंध किया गया है। सभी पेशियां अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये की जाएंगी।
उन्होंने आगे बताया कि बैरकों समेत जेलों में इस बीमारी के लक्षण, बचाव और परहेज़ के तरीकों सम्बन्धी तैयार किये जागरूकता के पोस्टर चिपका दिए गए हैं। कैदियों को इस बीमारी बारे जागरूक किया जा रहा है। माहिरों की तरफ से जेल स्टाफ और मैडीकल अफसरों को रोकथाम, पहचान और इलाज सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया है। समूह जेल क्षेत्र को कीटाणूमुक्त किया जा रहा है और साफ़ सफ़ाई के सभी प्रबंध किये जा रहे हैं। अधिक जोखिम वाले कैदियों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है जिनमें बुज़ुर्ग, गर्भवती औरतें, माताओं के साथ रह रहे बच्चे, एच.आई.वी., टी.बी. आदि जैसी भयानक बीमारियों से पीडि़त कैदी जिनकी रोगों के साथ लडऩे की क्षमता कम आदि शामिल हैं।
स. रंधावा ने बताया कि कैदियों की संख्या घटाने के लिए उनको पैरोल पर भी भेजने की कोशिशें की जा रही हैं। पैरोल सम्बन्धी पैंडिंग पड़े मामलों को जल्द निपटाने के लिए डिप्टी कमीश्नरों से अपील की जा रही है। छोटे मामलों में हवालाती कैदियों को ज़मानत पर छोडऩे के लिए सम्बन्धित अधिकारियों के पास मामला उठाया जा रहा है। कैदियों के बीच सोशल दूरी और दूरी यकीनी बनाने के लिए जेल विभाग की तरफ से कैदियों को पैरोल देने के अलावा कैदियों को एक या दो महीनों की अंतरिम ज़मानत देने के लिए माननीय हाई कोर्ट के पास मामला उठाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि चाहे पंजाब में जेलों में अधिक भीड़ नहीं है परन्तु अमृतसर, फिऱोज़पुर, संगरूर, पटियाला, होशियारपुर और मानसा की कुछ जेलों में थोड़ी भीड़ है जबकि बाकी जेलों में और कैदी रखने की क्षमता है, इसीलिए भीड़ वाली जेलों में से दूसरी जेलों में कैदी भेजने की योजना बनायी गई है।
जेल मंत्री ने बताया कि बैरकों में कैदियों का आपस में मिलना बंद कर दिया है। खेल आदि जैसी शारीरिक गतिविधियां अस्थायी तौर पर बंद कर दी गई हैं। सभी जेलों की तरफ से अपने तौर पर कैदियों और स्टाफ के लिए मास्क बनाऐ जा रहे हैं। जेलों में सैनीटाईजऱ का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा जेलों में आने वाले नये कैदियों, अदालतों में सुनवाई से लौटे कैदियों और पैरोल से लौटे कैदियों की मुख्य गेट पर सक्रीनिंग की जा रही है और उनको तीन से सात दिनों के लिए अकेला रखा जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि कैदियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये ई-मुलाकात करने के इच्छुक उनके रिश्तेदारों और स्नेहियों को http://eprisons.nic.in लिंक पर जाना पड़ेगा। इस लिंक पर वह अपनी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ई-मेल के ज़रिये मिलने वाले को जानकारी मिल जायेगी जिसके द्वारा वह ई-मुलाकात कर सकेगा।
मीटिंग में प्रमुख सचिव जेल श्री आर. वैंकटारत्नम, विशेष सचिव श्री जसकिरन सिंह, ए.डी.जी.पी. जेल श्री पी.के. सिन्हा, आई.जी. जेल श्री आर.के. अरोड़ा और डी.आई.जी. सुरिंदर सिंह सैनी भी उपस्थित थे।