चंडीगढ़, 19 मार्च । भारत के पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की राज्य सभा के सदस्य के तौर पर नामांकन को गलत और संदेहपूर्ण बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया कि श्री गोगोई केंद्र की मौजूदा सरकार के लिए लाभदायक रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गोगोई के नामांकन पर लाजि़मी तौर पर उंगली उठनी ही थी क्योंकि कोई भी संवेदनशील व्यक्ति सरकार के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगा।
अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर करवाए गए एक सम्मेलन के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा सरकारों को अपनी जि़म्मेदारी समझनी होगी और वह राजनैतिक फायदों के लिए संस्थाओं को इस्तेमाल नहीं कर सकते जोकि गोगोई के नामांकन के मामले में हुई है।
मुख्यमंत्री ने मुख्य जज के तौर पर सेवा-मुक्ति के छह महीनों के कम समय में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा गोगोई के नामांकन और इस पद से सेवा-मुक्त होने से कुछ सालों के बाद कांग्रेस की टिकट पर राज्य सभा चुने जाने की समानता को अलग किया। उन्होंने कहा कि श्री मिश्रा, गोगोई की तरह राज्य सभा मैंबर नहीं बने थे बल्कि उन्होंने मुख्य जज के तौर पर सेवा-मुक्त होने के सात साल बाद राज्य सभा की सीट के लिए चुनाव लड़ी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सेना अधिकारी, जज और सम्बन्धित क्षेत्रों से अन्य लोग अक्सर ही राजनीति में दाखि़ल होकर चुनाव लड़ते हैं और सेना के पूर्व प्रमुख जनरल जे.जे. सिंह को भी पंजाब विधान सभा चुनाव में अकाली दल ने उनके खि़लाफ़ चुनावी मैदान में उतारा था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि श्री गोगोई भी राजनीति में आने के हकदार हैं परन्तु उनको सेवा-मुक्ति से 4-5 सालों के बाद चुनाव लडऩा चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो उनकी सरकार ने भी सेवा-मुक्त जजों को विभिन्न कमिश्नों के लिए नामांकित किया था परन्तु उनका कोई राजनैतिक या सरकार की तरफ कोई झुकाव नहीं था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह स्पष्ट करते हैं कि वह कभी भी चीफ़ जस्टिस के हक में ऐसा पक्ष लेने के लिए सहमत नहीं होंगे जैसे कि गोगोई के लिए किया गया था।