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स्वर्ण आभूषणों पर 15 जनवरी 2021 से हॉलमार्क होगा अनिवार्य

स्वर्ण आभूषणों पर 15 जनवरी 2021 से हॉलमार्क होगा अनिवार्य
  • PublishedNovember 30, 2019

नयी दिल्ली, 29 नवंबर ।  उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि सरकार स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों के लिये हॉलमार्क (गुणवत्ता की मुहर) की व्यवस्था 15 जनवरी से अनिवार्य करेगी। इस पहल का मकसद आभूषण और कलाकृतियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अधिसूचना अगले साल 15 जनवरी को जारी की जाएगी और एक साल बाद निर्णय प्रभाव में आएगा। इसके तहत सभी जौहरियों के लिये भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा तथा वे केवल हॉलमार्क स्वर्ण आभूषण तथा कलाकृति ही बेच सकेंगे।

साने की हॉलमार्किंग एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र है और फिलहाल यह स्वैच्छिक है। बीआईएस अप्रैल 2000 से स्वर्ण आभूषण के लिये हॉलमार्किंग योजना चला रही है और फिलहाल 40 प्रतिशत सोने की हॉलमार्किंग की जा रही है।

पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम देश में स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर रहे हैं। हम अगले साल 15 जनवरी को अधिसूचना जारी करेंगे। इसे क्रियान्वयन के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी। यह 15 जनवरी 2021 से अधिक होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जौहरियों तथा खुदरा कारोबारियों को अपने बिना हालमार्क का पुराना माल बेचने के लिए एक साल की मोहलत दी जाएगी।’’

पासवान ने कहा कि यह निर्णय खासकर छोटे शहरों और गांवों के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिये किया गया है।

मंत्री ने स्पष्ट किया, ‘‘हम उन स्वर्ण आभूषणों को नहीं छू रह रहे हैं जो ग्राहकों के पास पड़े। स्वर्णकार आम तौर पर पुराने आभूषण को गलाकर आभूषण बनाते हैं।’’

भारतीय मानक ब्यूरो ने 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के आभूषणों के लिये मानक तैयार किया है।

पासवान ने कहा कि सरकार खुदरा व्यापारियों के लिये इन तीनों स्तर के गुणवत्ता वाले आभूषणों के दाम अपनी दुकानों में दर्शाने को अनिवार्य कर सकती है।

नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में बीआईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि न्यूनतम एक लाख रुपये और वस्तु के मूल्य का पांच गुना तक जुर्माने के साथ एक साल जेल का प्रावधान है।

फिलहाल 234 जिलों में 877 आकलन और हॉलमार्किंग केंद्र है और 26,019 जौहरियों ने बीआईएस पंजीकरण कराया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा एक साल में देश के सभी जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने और सभी जौहरियों के पंजीकरण का लक्ष्य है।’’ इसको लेकर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जएगा।

पासवान ने कहा कि स्वर्ण आभूषण को लेकर अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिये गुणवत्ता नियंत्रण आदेश डब्ल्यूटीओ की वेबसाइट पर 10 अक्टूबर 2019 को डाली जाएगी। इस पर 60 दिन के भीतर टिप्पणी की जा सकती है।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के व्यापार नियमों के अनुसार सदस्य देश को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को जिनेवा स्थित बहुपक्षीय निकाय को अधिसूचित करना होता है और प्रक्रिया में दो महीने का समय लगता है। निर्यातक देशों को सोने के लिये विशेषीकृत बीआईएएस गुणवत्ता नियमों का अनुपालन करना होता है। भारत 1995 से डब्ल्यूटीओ से जुड़ा है।

Written By
The Punjab Wire