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जीएसटी राजस्व वसूली में अपनी विफलता छिपाने के लिए झूठा प्रचार कर रही कांग्रेस- अकाली दल

जीएसटी राजस्व वसूली में अपनी विफलता छिपाने के लिए झूठा प्रचार कर रही कांग्रेस- अकाली दल
  • PublishedNovember 29, 2019

कहा कि जीएसटी वसूली में 44 फीसदी गिरावट कांग्रेस सरकार की देश में सबसे बुरे प्रदर्शन की मिसाल

कहा कि केंद्र की ओर दो महीने का सिर्फ 2100 करोड़ रूपए का जीएसटी मुआवजा बाकी है

चंडीग़ढ- शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा कि कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन तथा जीएसटी वसूली की दर पूरे देश में सबसे खराब है। पार्टी ने यह भी कहा है कि कैप्टन सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर जीएसटी मुआवजा जारी न करने का दोष लगाकर झूठा प्रचार कर रही है, जबकि यह बकाया सिर्फ दो महीने का बाकी है।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व वित्तमंत्री सरदार परमिंदर सिंह ढ़ींडसा ने कहा कि यह बात रिकाॅर्ड में है कि पंजाब को साल 2019-20 के पहले पांच महीनों के दौरान जीएसटी वसूली में 44 फीसदी की गिरावट देखनी पड़ी है। उन्होने कहा कि पूरे देश में इस गिरावट की औसत 21 फीसदी है। उन्होने कहा कि सरकार की नालायकी तथा कुप्रबंधन के कारण राज्य के जीएसटी संग्रह में आई गिरावट 12 हजार करोड़ रूपए का आंकड़ा पार कर चुकी है। उन्होने कहा कि अगले दो सालों में यह गिरावट बढ़कर 20 हजार करोड़ रूपए होने की संभावना है। उन्होने कहा कि हालात तो यह बन रहे हैं कि पंजाब में वित्तीय आपात  स्थिति सामने खड़ी दिखाई दे रही है।

सरदार ढ़ींडसा ने कहा कि सामने दिखाई दे रही आपात स्थिति कांग्रेस सरकार द्वारा टैक्स वसूली में दिखाई विफलता का ही परिणाम है। उन्होने कहा कि इस साल के पहले 6 महीने के दौरान सरकार ने सिर्फ 34 फीसदी टैक्स लक्ष्य को ही पूरा किया है तथा टैक्स वसूली में 14 फीसदी गिरावट सामने आई है। उन्होने कहा कि गैरयोजनाबद्ध सैक्टर, जिसमें सीएलयू तथा माईनिंग शामिल हैं, की हालत ओर भी बदतर है, जहां तक सिर्फ 14 फीसदी टैक्स लक्ष्यों की पूर्ति हुई है।

अकाली नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार ऐसे बयान देकर जीएसटी मुआवजे का केंद्र की ओर 4100 करोड़ रूपए का बकाया खड़ा है, पंजाबियों को गुमराह कर रही है। उन्होने कहा कि केंद्र की तरफ खड़ी दो महीने के जीएसटी मुआवजे की बकाया राशि सिर्फ 2100 करोड़ रूपए है। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा बाकी 2 हजार करोड़ रूपए की मांग किसी अन्य रूप में की जा रही है, जोकि केंद्र द्वारा अस्वीकृत की जा चुकी है। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि 2100 करोड़ रूपए की बकाया राशि केंद्र की तरफ वेट समाप्त करने के बदले हर साल 14 फीसदी मुआवजा देने के किए वादे का हिस्सा है।उन्होने कहा कि वेट में सालाना औसत बढ़ोतरी 13 फीसदी होती थी। यह टिप्पणी करते हुए कि कांग्रेस  सरकार के कार्यकाल के दौरान पंजाब में शून्य विकास हुआ है, सरदार ढ़ींडसा ने पूछा कि जब दो सालों के बाद केंद्र ने जीएसटी मुआवजा देना बंद कर दिया, फिर क्या होगा?

पूर्व वित्तमंत्री ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से यह भी कहा कि पहले वह अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछे कि उनकी सरकार राजस्व वसूली में इतना बुरा प्रदर्शन क्यों कर रही है? उन्होने कहा कि तमाशा करने की बजाया जाखड़ को एक नैतिक तथा लोगों के पक्ष में स्टैंड लेना चाहिए तथा अपनी सरकार पर फुजूलखर्ची घटाने तथा हालात के अनुसार प्राथमिकताओं के आधार पर  वित्तीय नियोजन करने के लिए दवाब डालना चाहिए।

यह टिप्पणी करते हुए कि पंजाबियों को सरकार के बुरे वित्तीय नियोजन की कीमत अदा करनी पड़ रही है, सरदार ढ़ींडसा ने कहा कि टैक्स वसूलने में आई गिरावट के कारण विकास कार्य पूरी तरह रूक गए हैं तथा प्रशासन पर भी इसका सीधा असर दिखाई दे रहा है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार को अपनी विफलताओं के लिए किसी ओर को बलि का बकरा बनाने की बजाय अपने बिखराव को  समेटना चाहिए।

Written By
The Punjab Wire