भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के विभिन्न कर्मचारी संगठन और संघों का एक संयुक्त मंच हवाईअड्डों के निजीकरण के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन करेगा।
पिछले साल सरकार ने लोक-निजी भागीदारी मॉडल पर लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरू, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाईअड्डों का परिचालन, प्रबंधन और विकास करने का निर्णय किया था।
मंच ने आरोप लगाया कि सरकार ने लाभ कमाने वाले दर्जनभर से ज्यादा हवाईअड्डों के निजीकरण का ‘एकतरफा’ फैसला किया है। यह निर्णय ना तो जनहित में है और ना ही इन हवाईअड्डों का प्रबंधन बेहतर करने के हित में है।
प्राधिकरण देशभर में 120 हवाईअड्डों का संचालन करता है। प्राधिकरण में करीब 17,000 कर्मचारी काम करते हैं। प्राधिकरण के कर्मचारी संगठनों और संघों ने हाल ही में यह मंच बनाया है ताकि प्राधिकरण और उसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जा सके।
इस संयुक्त मंच में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कर्मचारी संगठन, भारतीय विमानपत्तन अधिकारी संघ और भारतीय हवाईअड्डा कामगार संगठन शामिल हैं।
मंच ने पिछले हफ्ते प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह को एक नोटिस भेजकर निजीकरण के विरोध में 28 नवंबर और पांच दिसंबर को जंतर-मंतर से संसद तक जूलूस निकालने की जानकारी दी थी।