शहीद के भाई को नौकरी दिलवाने व स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने पर शहीद परिवारों ने मंत्री अरूणा चौधरी का जताया आभार
शहीद के पिता बोले: लगता है अब कुछ वर्ष और जी पाऊंगा
सरकार ने पुलवामा हमले के शहीदों के नाम पर स्कूलों का नाम रख शहीद परिवारों के रिस्ते जख्मों पर लगाई मरहम : कुंवर विक्की
गुरदासपुर। पुलवामा हमले में शहादत का जाम पीने वाले कांस्टेबल मनिंदर सिंह के छोटे भाई लखवीश सिंह को पंजाब पुलिस में नौकरी दिलवाने व सरकारी सी.सै.स्कूल लडक़े का नाम भी शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के नाम पर रखने की प्रवानगी दिलवाने के लिए कैबिनेट मंत्री अरूणा चौधरी के द्वारा किए गए सराहनीय प्रयासों के लिए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद व शहीद परिवारों ने बैठक कर मंत्री का आभार व्यक्त किया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए परिषद कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि मनिंदर की शहादत के बाद उनके पिता सतपाल अत्री जो एक जिन्दा लाश बन कर रह रहे हैं तथा अकसर बीमार रहते हैं, घर में उनकी देखभाल करने वाला भी कोई अन्य नहीं है। पिता की हालत को देखते हुए उनके छोटे बेटे लखवीश ने सी.आर.पी.एफ की नौकरी से एक महीना पहले त्याग पत्र दे दिया था।
मनिंदर की शहादत के मौके पर सरकार द्वारा उनके छोटे भाई लखवीश को पंजाब पुलिस में नौकरी देने का वायदा किया था। कैबिनेट मंत्री अरूणा चौधरी पिछले एक वर्ष से ही शहीद के भाई को नौकरी दिलाने के लिए प्रयासरत थीं। आखिर उनका प्रयास रंग लाया,ख्आज शहीद का छोटा भाई लखवीश एस.एस.पी कार्यालय पठानकोट में बतौर कांस्टेबल नियुक्त होकर डयूटी दे रहा है। उन्होंने कहा कि शहीद मनिंदर की पहली बरसी पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने मंत्री अरूणा चौधरी के समक्ष सरकारी सी.सै.स्कूल लडक़े का नाम शहीद मनिंदर के नाम पर रखने की मांग रखी थी। जिसे स्वीकार करते हुए मंत्री चौधरी ने श्रद्धांजलि समारोह के 13 दिनो बाद ही स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने की पंजाब सरकार से प्रवानगी दिला कर उन्होंने शहीद परिवार की भावनाओं का सम्मान किया है। जिसके लिए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद व क्षेत्र के अन्य शहीद परिवार उनका आभार व्यक्त करते हैं।
क्योंकि सरकारी स्कूल का नाम शहीद मनिंदर के नाम पर रखे जाने से छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा होगी। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में पूरे देश के 16 राज्यों से 40 जवान शहीद हो गए थे, जिनमें 4 जवान पंजाब के थे। पंजाब सर कार ने कांस्टेबल मनिंदर के नाम पर स्कूल का नाम रखने के साथ साथ उस हमले में शहीद हुए जिला तरनतारण के गांव गंडीविंड के कांस्टेबल सुखजिन्द्र सिंह, जिला मोगा के गांव कोट ईसे खां के शहीद कांस्टेबल जरनैल सिंह व जिला रोपड़ के गांव रौली के शहीद कांस्टेबल कुलविन्द्र सिंह के नाम पर सरकारी स्कूलों का नाम रख कर सरकार ने शहीद परिवारों के रिस्ते जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया है।
बोला शहीद का पिता : लगता है अब कुछ वर्ष और जी पाऊंगा
शहीद कांस्टेबल मनिंदर अत्री के पिता सतपाल अत्री ने नम आंखों से कहा कि बेटे की शहादत के बाद लगता नहीं था कि वह अब ओर जी पाएंगे। मंत्री अरूणा चौधरी ने उनके बेटे को पंजाब पुलिस में नौकरी दिलवा व सरकारी स्कूल का नाम उनके शहीद बेटे के नाम पर रखने की प्रवानगी दिलवा कर उनके बेटे की शहादत की गरिमा को बहाल रखा है। क्यों कि उनके बेटे की यादें ही अब उनके जीने का सहारा है। अब लगता है कि मैं कुछ वर्ष ओर जी पाऊंगा। इस अवसर पर शहीद मनिन्दर की बहन शबनम, शहीद सूबेदार निर्मल सिंह वीर चक्र के बेटे मलकीत सिंह, शहीद लांसनायक रणबीर सिंह सेना मैडल की पत्नी सविता कुमारी, शहीद सिपाही मेजर सिंह सेना मैडल की माता रखवन्त कौर व भाई गुरमुख सिंह, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंत राम, शहीद सिपाही रंजीत सिंह के ताया सुरिन्द्र सिंह,शहीद सिपाही मंदीप कुमार के पिता नानक चंद, शहीद सिपाही मनप्रीत सिंह के भाई गुलजार सिंह आदि उपस्थित थे।