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किसानों से मुफ़्त बिजली की सुविधा वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

किसानों से मुफ़्त बिजली की सुविधा वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता-कैप्टन अमरिन्दर सिंह
  • PublishedFebruary 26, 2020

केंद्र को अनाज खरीदने का सिस्टम बदलने और एम.एस.पी. बंद नहीं करने देंगे

चंडीगढ़, 26 फरवरी:विरोधियों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार पर बरसते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को अपनी वचनबद्धता दोहराते हुए कहा कि जब तक उनकी सरकार है तब तक किसानों को मिलने वाली मुफ़्त बिजली की सुविधा वापस नहीं के ली जायेगी।पंजाब विधानसभा में राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चल रही बहस के दौरान समाप्ति भाषण में मुख्यमंत्री ने राज्य में अनाज की निर्विघ्न खरीद जारी रखने की अपनी वचनबद्धता भी दोहराई और साथ ही भारत सरकार से अपील की कि एम.एस.पी. आधारित अनाज की खरीद बंद न की जाये क्योंकि इससे किसानों की रोज़ी-रोटी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और देश के अन्न भंडार भी प्रभावित होंगे।

कृषि कजऱ् माफी और अन्य साधनों के ज़रिये किसानों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा बढ़ाने की अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 5.62 लाख योग्य किसानों का 4603 करोड़ रुपए से अधिक का कजऱ् माफ किया गया है जब कि बाकियों को जल्द राहत दी जायेगी जिसके लिए वित्त मंत्री द्वारा शुक्रवार को अपेक्षित बजट का उपबंध किया जायेगा।निर्विघ्न खरीद प्रबधों को अपनी सरकार की पहल बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में निष्पक्ष खरीद कार्यों में कोई दखलअन्दाज़ी न किये जाने का ही निष्कर्ष है पिछली छह फसलों के दौरान किसानों द्वारा अधिक से अधिक अनाज की पैदावार की गई है और किसानों को 44,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मेहनताना मिला है जो कि हमारे किसानों के लिए बेमिसाल उपलब्धि है।

राज्य सरकार द्वारा फ़सलीय विभिन्नता के लिए अब तक की गई कोशिशें गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभी तक काफ़ी नहीं हैं और वित्त मंत्री अपने बजट सत्र में मक्का की काश्त से फ़सलीय विभिन्नता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए व्यापक स्कीम का ऐलान करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल बचाने और कृषि फ़सलीय विभिन्नता के अंतर्गत धान के अधीन क्षेत्रफल 2.50 लाख हेक्टेयर घटाया है जिससे पैदावार में सिफऱ् 12 लाख टन घटी है। पिछले तीन सालों के दौरान गेहूँ की पैदावार 7.30 लाख टन बढ़ी है। बासमती और कपास की पैदावार क्रमवार 2.10 लाख टन और 4.81 लाख गाँठें बढ़ी हैं।

Written By
The Punjab Wire