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सिविल सर्जन अस्पतालों में पर्यावरण सम्बन्धी कानूनों के पालन को यकीनी बनाएं: बलबीर सिंह सिद्धू

सिविल सर्जन अस्पतालों में पर्यावरण सम्बन्धी कानूनों के पालन को यकीनी बनाएं: बलबीर सिंह सिद्धू
  • PublishedFebruary 19, 2020

ऐफूलैंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने सम्बन्धी गतिविधियों के लिए सिविल सर्जनों को रूप रेखा तैयार करके पेश करने के निर्देश


अस्पतालों में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए वॉटर मीटर लगाए जाएंगे


कार्यालयों में कागज़ों की बर्बादी को घटाने सम्बन्धी लिखने और प्रिंटिंग के लिए कागज़ के दोनों तरफ का प्रयोग किया जाए

चंडीगढ़, 19 फरवरी: राज्य के लोगो को स्वस्थ, रोग रहित और सुरक्षित वातावरण मुहैया करवाने के मद्देनजऱ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने सभी सिविल सर्जनों को वातावरण सम्बन्धी विभिन्न कानूनों के पालन को यकीनी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य संस्थाओं (सरकारी या प्राईवेट) के इंचार्ज की ड्यूटी बनती है कि वह हर तरह के अवशेष का वैज्ञानिक ढंग से निपटारा करें।

इस बारे जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं को 30 जून, 2020 तक ईटीपी (ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने सम्बन्धी गतिविधियों के लिए सिविल सर्जनों को पीईआरटी (प्रोग्राम ईवैलूएशन एंड रिव्यू टैकनीक्स) जमा करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जल्द ही वॉटर मीटर भी लगाए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों की कानूनी जि़म्मेदारी बनती है कि वह इस्तेमाल किए गए पानी और हर तरह के बायोमैडीकल अवशेष का उचित और वैज्ञानिक ढंग के साथ निपटारे को यकीनी बनाएं ताकि मनुष्यों और वातावरण पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि ईटीपी लगाने सम्बन्धी सभी गतिविधियों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए रूपरेखा बनायी जायेगी और सम्बन्धित सिविल सर्जन अपनी निगरानी में इन ईटीपी प्लांटों को स्थापित करना यकीनी बनाएं। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग से वातावरण सम्बन्धी ज़रूरी स्वीकृतियां प्राप्त करनी होंगी और ऐसा न करने की सूरत में स्वास्थ्य संस्था के इंचार्ज के खि़लाफ़ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने सिविल सर्जनों को 7 दिनों के अंदर-अंदर कार्यवाही रिपोर्ट जमा करवाने के निर्देश दिए हैं।

स. सिद्धू ने कहा कि सीनियर मैडीकल अधिकारी यकीनी बनाएं कि संपूर्ण प्लास्टिक अवशेष को काटकर इसको कॉमन बायोमैडीकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी को दें ताकि किसी भी तरीके से इसका ग़ैर कानूनी तौर पर पुन: प्रयोग न किया जा सके।कागज़ों के अधिक प्रयोग और कार्यालयों में कागज़ों की बर्बादी को घटाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं को सभी सरकारी अस्पतालों को कागज़ के दोनों तरफ का प्रयोग करने की हिदायत जारी करने के लिए भी कहा।

Written By
The Punjab Wire