पुलिस वाला बनकर रिश्वत लेता काबू, दो साथी भाग निकले
चंडीगढ़, 17 फरवरी: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने ब्लॉक झूनीर जि़ला मानसा में तैनात बाल विकास प्रोजैक्ट अधिकारी (सी.डी.पी.ओ) किरण रानी और उसके सेवक बलविन्दर सिंह को 25,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू कर लिया। एक अन्य केस में प्राईवेट व्यक्ति को एक ट्रैवल एजेंट से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू कर लिया जो कि अपने आप को डीएसपी लुधियाना का रीडर (एएसआई) बता रहा था।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त सी.डी.पी.ओ और सेवक को शिकायतकर्ता महिन्दर कौर, आंगनवाड़ी हैल्पर की शिकायत पर पकड़ा है। शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो को अपनी शिकायत में बताया कि उसकी तरक्की बतौर आंगनवाड़ी हैल्पर के तौर पर हुई है और उसे कार्यालय में ज्वाईन कराने में मदद करने के बदले उक्त सी.डी.पी.ओ. द्वारा 30,000 रुपए की माँग की गई है और सौदा 25,000 में तय हुआ है।
विजीलैंस द्वारा शिकायत की पड़ताल के उपरांत उक्त दोषी सी.डी.पी.ओ और सेवक को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में 25,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए मौके पर ही पकड़ लिया।प्रवक्ता ने बताया कि रिश्वतख़ोरी के एक अन्य केस में आज जालंधर से अमनदीप नाम के व्यक्ति को शिकायतकर्ता ट्रैवल एजेंट से 20,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए काबू कर लिया जो कि अपने आप को डीएसपी लुधियाना का रीडर (एएसआई) बता रहा था।
प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता जसवंत सिंह गाँव गोपीपुर जि़ला कपूरथला ने विजीलैंस ब्यूरो को बताया कि लुधियाना निवासी अमनदीप उसे धमका कर एक लाख रुपए की माँग कर रहा है परन्तु सौदा 30,000 रुपए में तय हुआ है। इससे पहले वह दोषी को 10,000 रुपए पहली किश्त के तौर पर रिश्वत दे चुका है।शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि दोषी अमनदीप समेत दो अन्य व्यक्ति भुपिन्दर भिन्दा और विक्की, जो कि अपने आप को एएसआई बताते हैं और एक मोहल्ला प्रमुख बबलू दिशावर, ने उसे लुधियाना में बुलाया और कुलविन्दर कौर निवासी आलमगीर लुधियाना के साथ एक समझौता करने के लिए ज़ोर डाला।
शिकायतकर्ता ने बताया कि कुलविन्दर कौर ने उसे एक लाख रुपए कैनेडा का वीज़ा लगवाने के लिए दिए थे जिसके बदले उसने समझौते में 25-25 हज़ार के चार चैक काट कर मौके पर ही दे दिए। इस समझौते के एवज़ में उक्त नकली पुलिस मुलाजि़म उससे 30,000 रुपए की रिश्वत जबरदस्ती माँग रहे थे। उसके घर भी उन्होंने रेड मारी थी।विजीलैंस ब्यूरो द्वारा शिकायत की पड़ताल के उपरांत विजीलैंस टीम का गठन किया गया और रामा मंडी जालंधर में रिश्वत की दूसरी किश्त के तौर पर 20,000 रुपए लेने पहुँचे दोषी अमनदीप को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में मौके पर ही काबू कर लिया जबकि उसके दो साथी भागने में कामयाब हो गए क्योंकि वह दूर खड़े दोषी का इन्तज़ार कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि इन उक्त दोनों मामलों में विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं अधीन विजीलैंस के पुलिस थाना बठिंडा और जालंधर में मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं। दोनों मामलों में जाँच जारी है।