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दरबार साहिब से कीर्तन प्रसारण का अधिकार सभी चैनलों को देने के लिए अकाल तख्त के जत्थेदार के साथ मिले बाजवा

दरबार साहिब से कीर्तन प्रसारण का अधिकार सभी चैनलों को देने के लिए अकाल तख्त के जत्थेदार के साथ मिले बाजवा
  • PublishedFebruary 14, 2020

बाजवा के नेतृत्व में सिख नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जत्थेदार को मिला

जत्थेदार द्वारा प्रतिनिधिमंडल को मसले के हल का भरोसा

चंडीगढ़/अमृतसर, 14 फरवरी: पंजाब के ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा के नेतृत्व में सिख नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से माँग की है कि वह श्री दरबार साहिब से किये जाने वाले सीधे कीर्तन प्रसारण पर से पी.टी.सी. टीवी चैनल के एकाधिकार ख़त्म करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को ज़रुरी हुक्म देें। सिख नेताओं ने कहा कि गुरबानी कोई सांसारिक वस्तु नहीं है जिसको कुछ पैसों के बदले किसी एक टीवी चैनल को बेचा जा सके बल्कि यह पूरी मानवता के कल्याण के लिए एक सर्वसांझा संदेश है जो दुनिया के कोने-कोने में पहुंचना चाहिए।

सिख नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिए गए पत्र में कहा गया है कि शिरोमणि कमेटी द्वारा सिर्फ एक सीमित प्रसारण घेरे और बादल परिवार के स्वामित्व वाले पंजाबी चैनल पीटीसी को कुछेक रकम के बदले सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहिब से होते ईश्वरीय कीर्तन के सीधे प्रसारण के अधिकार देने को किसी तरह भी ठीक नहीं माना जा सकता।

यह भी कहा गया है कि शिरोमणि कोई व्यापारिक अदारा नहीं है बल्कि एक मिशनरी संस्था है, इसलिए कुछ रकम के बदले एक टीवी चैनल को कीर्तन प्रसारण के अधिकार देने की जगह शिरोमणि कमेटी हर उस टीवी या रेडियो चैनल को मुफ़्त सिगनल मुहैया करवाएं जो भी एक निश्चित की गई मर्यादा के अंदर रह कर गुरबानी कीर्तन प्रसारण करना चाहता है।

सिख नेताओं ने कहा कि जिस तरह सिख संगत पाकिस्तान में रह गए पवित्र गुरूधामों के ‘खुले दर्शन दीदारों के लिए इच्छा कर रही है उसी तरह ही सिख संगत की सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहिब से हर समय ‘खुले प्रसारण की भी इच्छा है। 1982 में शुरू हुए धर्मयुद्ध मोर्चे तक श्री अकाल तख्त साहिब से जितने भी मोर्चे लगे हैं सभी में श्री हरिमन्दर साहिब से सीधे प्रसारण की मांग प्रमुख रही है। इसलिए हरिमंदिर साहिब से कीर्तन प्रसारण की इजाज़त बड़े संघर्षों के बाद मिली है जिसको एक चैनल तक सीमित करना सरासर गलत है।

सिख प्रतिनिधिमंडल ने जत्थेदार को यह भी याद कराया कि ‘गुरूओंं के नाम पर जीने वाले’ पंजाब के लोगों की नुमायंदगी करने वाली पंजाब विधान सभा ने 6 नवंबर 2019 को बुलाए गए गुरू नानक पातशाह के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित अपने विशेष जलसे में शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों समेत सर्वसमिति से प्रस्ताव पास करके शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को इस सम्बन्धी अपील भी की हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब के ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री स. तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा द्वारा 18 नवंबर, 2019 को आप जी को लिखे एक पत्र के द्वारा यह मामला भी ध्यान में लाया जा चुका है।

जत्थेदार साहिब को यह भी बताया गया कि शिरोमणि कमेटी के जनरल हाऊस में बहुमत वाली पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने 1996 और 2004 में हुई शिरोमणि कमेटी के जनरल चुनाव के समय चुनाव मैनीफैस्टो में सिख संगत के साथ यह वायदा किया था कि कीर्तन के सीधे प्रसारण के लिए शिरोमणि कमेटी अपना टी.वी. चैनल स्थापित करेगी। परन्तु सिख संगत के साथ किये वादे को पूरा करने की जगह गुरबाणी कीर्तन के प्रसारण के अधिकार एक निजी टीवी को देकर संगत के साथ विश्वासघात किया गया है।प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शिरोमणि कमेटी सिफऱ् एक चैनल को गुरबाणी कीर्तन के सीधे प्रसारण के अधिकार देकर शिरोमणि कमेटी स्वयं गुरबाणी के प्रकाश को कीर्तन के द्वारा घर-घर पहुँचने के रास्ते में रोड़ा बन रही है।

जत्थेदार के साथ मुलाकात करने के बाद मीडिया के साथ बात करते हुये पंजाब के ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने कहा कि जत्थेदार साहिब ने उनको भरोसा दिया है कि वह शिरोमणि कमेटी के प्रधान के साथ बात करके इस मामले का हल निकालेंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में से बाजवा के अलावा काका सुखजीत सिंह लोहगढ़, अमरीक सिंह शाहपुर, सुरजीत सिंह तुगलवाला, जसवंत सिंह पुड़ैण (सभी शिरोमणि कमेटी मैंबर), भगवंतपाल सिंह सच्चर, मैंबर, गवर्निंग कौंसिल खालसा कॉलेज और चीफ़ खालसा दीवान शामिल थे।   

Written By
The Punjab Wire