पंजाब में मंहगी होगी शराब, नई आबकारी नीति पर मंत्रीमंडल की मोहर
नई नीति शराब के कारोबार को स्थिर रखने और राजस्व की रक्षा पर केंद्रित
साल 2019-20 के दौरान 5676 करोड़ के अनुमानित राजस्व की वसूली के मुकाबले 6250 करोड़ का लक्ष्य निश्चित
चंडीगढ़, 31 जनवरी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने शुक्रवार को नई आबकारी नीति-2020-21 को मंजूरी दे दी है जिसे राज्य के आबकारी राजस्व की रक्षा करने के साथ-साथ शराब के कारोबार को स्थिर रखने पर केंद्रित किया गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नई नीति के अनुसार मौजूदा लाइसेंसधारकों जो कम-से-कम गारंटीशुदा राजस्व (एम.जी.आर.) से 12 प्रतिशत और ज्यादा आय हासिल करते हैं, को साल 2020-21 के लिए नवीकरण की इजाज़त दी जायेगी। नई नीति के मुताबिक साल 2019-20 के दौरान 5676 करोड़ रुपए के राजस्व की अनुमानित वसूली के मुकाबले 6250 करोड़ का लक्ष्य निश्चित किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा अपनी पिछली नीति में कारोबार समर्थकी और परचून समर्थकी आबकारी कदमों के द्वारा किये बड़े सुधारों स्वरूप 2019-20 में राजस्व बढक़र 5676 करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है जबकि साल 2018 -19 में 5150 करोड़ रुपए का राजस्व हुआ था।
नयी नीति में ग्रुपों की संख्या पिछले साल वाली 756 ही रखी गई है। साल 2020 -21 के दौरान परचून विक्रेताओं से एम.जी.आर. का अनुमान लगभग 4850 करोड़ रुपए लगाया गया जो साल 2019-20 के दौरान 4529.40 करोड़ रुपए था। साल 2020-21 के दौरान हरेक ग्रुप/जोन के एम.जी.आर. को 2019-20 के मुकाबले 8 प्रतिशत बढ़ाया गया है।
प्रवक्ता के अनुसार यदि साल 2021-22 के लिए ग्रुप तय एम.जी.आर. की अपेक्षा 12 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व अदा करते हैं तो सरकार मौजूदा लाइसैंसधारकों को नवीनीकरण की पेशकश कर सकती है और पिछले आवेदनों की प्रतिक्रिया के आधार पर नवीकरण शुल्क एक प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक होगा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि विभाग द्वारा साल 2020-21 के लिए सार्वजनिक नोटिस के द्वारा 2019-2020 के समूहों /जोनों के नवीकरण के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। हरेक समूह /जोन का एम.जी.आर. साल 2019-20 के एम.जी.आर. की अपेक्षा 8 प्रतिशत अधिक तय किया जायेगा। डिप्टी आबकारी और कर कमीश्नरों-कम-मंडल कुलैक्टरों की मंज़ूरी के बाद विवरणों को सम्बन्धित जिलों के नोटिस बोर्डों पर लगाया जायेगा और इसको विभाग की वैबसाईट पर डाल दिया जायेगा।
लाईसेंसधारक द्वारा सम्बन्धित आबकारी और कर कमिश्नर को आवेदन दिया जायेगा जिसमें लाइसेंस नवीकरण शुल्क के तौर पर 10 लाख रुपए, अब तक की गई अदायगी के विवरणों और यह हलफीया बयान देना पड़ेगा कि वह अपने समूह के लिए 2019-20 के लिए निर्धारित एम.जी.आर. का 12 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व 20 मार्च, 2020 तक जमा करवाएगा।
पंजाब इंटौक्सीकैंटस लाइसेंस एंड सेल ऑर्डर-1956 के हुक्म के अंतर्गत लाइसेंसधारक को हलफऩामे की ज़रूरत होगी और इसके अलावा साल 2020-21 की आबकारी नीति में तय तरीकों पर निर्धारित लाइसेंस फीस और अतिरिक्त निर्धारित लाइसेंस फीस जमा करवानी होगी जो मिसाल के तौर पर 28 फरवरी, 2020 तक 10 लाख रुपए और बाकी रकम 23 मार्च, 2020 तक देनी होगी।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि नयी नीति के अंतर्गत 2019-20 के दौरान 600 करोड़ रुपए की तय लाइसेंस फीस बढ़ाकर 625 करोड़ रुपए की जा रही है जबकि 2019-20 के दौरान 120 करोड़ रुपए की अतिरिक्त तय लाइसेंस फीस को भी बढ़ाकर 385 करोड़ रुपए किया जाना है। अलग-अलग किस्मों की शराब के कोटे में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि करने की बजाय यह विस्तार सिफऱ् अतिरिक्त लाइसेंस फीस में किया गया है क्योंकि लाइसेंसधारक इस अतिरिक्त तय लाइसेंस फीस में से अपनी पसंद के मुताबिक शराब का कोटा उठा सकते हैं।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि आम तौर पर लाइसेंसों के लिए फ़ीसों में मामूली वृद्धि की जाती है या मौजूदा स्तर पर ही रखी जाती है।
परचून में आबकारी ड्यूटी में मामूली वृद्धि की जायेगी जो पी.एम.एल. के लिए 5 रुपए, आई.एम.एफ.एल. के लिए 4 रुपए और बीयर के लिए 2 रुपए है। थोक पड़ाव पर पी.एम.एल. पर आबकारी ड्यूटी की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। आई.एम.एफ.एल के मामलों में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि है और बीयर के मामलों में स्ट्रौंग बीयर के लिए 62 रुपए प्रति बोतल से बढ़ाकर 68 रुपए की गई है।
नयी नीति के अनुसार पी.एम.एल. के निर्धारित कोटे की एक्स-डिस्टिलरी कीमत (ई.डी.पी.) को प्रति केस 271.11 रुपए निर्धारित किया गया है। अब परचून लाइसेंसधारक को उसके पी.एम.एम.एल., आई.एम.एफ.एल. और बीयर के कोटे में 15 प्रतिशत तक के लेन-देन की इजाज़त होगी। इम्पोटिड (बी.आई.ओ.) शराब पर अदा किये गए वैट को अगले साल लाइसेंसों के नविकरणीय के लिए अतिरिक्त निर्धारित लाइसेंस फीस और अतिरिक्त 12 प्रतिशत राजस्व की ज़रूरत में एडजस्ट किया जायेगा। एल-2 बी लाइसेंस सिफऱ् उसके क्षेत्र में परचून लाइसेंसधारकों को बी.आई.ओ. ब्रांडों की बिक्री के लिए जनरल स्टोरों के साथ हिस्सेदारी में जारी किया जाना है जिसका जी.एस.टी. टैक्सयोग्य टर्नओवर पिछले साल के दौरान एक करोड़ रुपए है।
परचून विक्रेताओं की संख्या पिछले साल की तरह 5835 ही बरकरार रखी गई है।
आई.एम.एफ.एल. पर बौटलिंग फीस एक रुपए प्रति थोक लीटर से बढ़ाकर एक रुपए प्रति बी.एल. कर दी गई है (ई.डी.पी. के लिए 650 रुपए तक प्रति केस), 1.25 रुपए प्रति बी.एल. (ई.डी.पी. के लिए 651-2000 प्रति केस) और 1.50 रुपए प्रति बी.एल. (ई.डी.पी. के लिए 651-2000 रुपए प्रति केस) है। लाइसेंसधारक साल 2019-20 का ना बिका हुआ कोटा अगले साल 2020-21 के लिए मामूली ट्रांसफर फीस पर लिया जा सकता है जिसके अंतर्गत पी.एम.एल. के लिए प्रति पी.एल. ट्रांसफर फीस 25 रुपए, आई.एम.एफ.एल. के लिए प्रति पी.एल. 40 रुपए, विदेशी शराब के लिए 45 रुपए प्रति पी.एल. और इम्पोटिड फीस के लिए 12 रुपए प्रति बी.एल. और बीयर के लिए 10 रुपए प्रति बी.एल. फीस शामिल है।
नयी नीति के अंतर्गत मैरिज पैलेसों के आंगन में शराब की अनाधिकृत उपभोग के लिए पेलेस वाले ही जि़म्मेदार होंगे। पहले जुर्म पर 25,000 रुपए, दूसरे पर 50,000 रुपए और तीसरे जुर्म पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जायेगा। विशेष लाइसेंस फीस के रूप में 2019-20 के उपबंधों के अनुसार गाय सैस वसूला जाना है जबकि शराब बारों के लिए जाने वाली तिमाही मुल्यांकन फीस में मामूली वृद्धि की गई है।
पिछले साल डिस्टिलरीज़ की लाइसेंस फीस को स्थापित सामथ्र्य के आधार पर तर्कसंगत बनाया गया था। इसी तजऱ् पर बौटलिंग प्लांटों की लाइसेंस फीस को बौटलिंग लाईनों और बैवरीज़ के सामथ्र्य के आधार पर तर्कसंगत बनाया जायेगा।
इसके अलावा राज्य सरकार अलग-अलग मैन्यूफैक्चरों (डिस्टिलरी और बौटलिंग प्लांट) की स्थापित निर्माण सामथ्र्य के आधार पर कम से कम आबकारी ड्यूटी लगाने पर विचार कर रही है। इसलिए कानून /नियमों में संशोधन की ज़रूरत पैदा हो सकती है, जो इस साल के दौरान की जा सकती है। बौटलिंग प्लांटों के लिए फ्लो मीटर लाजि़मी किये जाएंगे।
तजुर्बे के आधार पर सरकार द्वारा मोहाली शहर में ऑनलाइन होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म शुरू किया जा सकता है जिसके लिए शहर के सभी परचून लाइसेंसधारकों के साथ सलाह-मशवरे के साथ किया जायेगा। हालाँकि, यदि एक भी लाइसेंसधारक ने ऐतराज़ कर दिया तो यह तजुर्बा नहीं किया जायेगा।