सेना की कारवाई से शहर में दहशत का माहौल
बिना जांच, बिना पुलिस को सूचित किए गाड़ी पर लिखा कार बंब, कार के इर्द गिर्द रखी बोरियां
बाद में कार का मालिक भी फौजी ही निकला, स्कूल में बिमार बच्ची का जानने आया था हाल
गुरदासपुर। शुक्रवार को स्थानीय सिवल लाईन इलाके में सेना की ओर से की गई कारवाई से शहर में दशहत का माहौल फैल गया। सेना ने बिना जांच पड़ताल किए एक निजी स्कूल के बाहर खड़ी गाड़ी को कार बंब समझ लिया। स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना छानबीन किए बिना, उस पर कार बंब लिख दिया तथा गाड़ी के आसपास बोरियां लगा दी गई। जिससे शहर के लोग खौफजदा हो गए। मामला स्थानीय लिटल फ्लावर कानवेंट स्कूल के बाहर का है।
सुबह करीब साढ़े दस बजे स्थानीय लिटल फ्लावर कानवेंट स्कूल के बाहर कोई व्यक्ति कार खड़ी कर स्कूल के अंदर चला गया। जब करीब 20 मिन्ट तक कोई नही आया तो सेना के जवानों ने उसे आंतकवादी साजिश का हिस्सा मान लिया। इस संबंधी तुरंत कारवाई करते हुए कार के इर्द गिर्द रेत और मिट्टी की बोरियां खड़ी कर उस पर कार बंब लिख कर लगा दिया गया।
लोगो से सूचना मिलने पर डीएसपी सुखपाल सिंह तुरंत फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। जब सेना की ओर से अगली कारवाई की तैयारी की जा रही थी तभी कार का मालिक कार लेने के लिए आ पहुंचा। कार का मालिक कोई ओर नही बल्कि स्कूल में पढ़ते एक बच्चे का पिता निकला जो खुद भी एक फौजी निकला।
गांव सरावां निवासी हरजीत सिंह ने बताया कि उसका लडकी लिटल फ्लावर स्कूल में पढ़ती है।स्कूल जाने के बाद उसे स्कूल स्टाफ की तरफ से फोन आया कि उसकी लड़की की तबीयत ठीक नही है। जिसके चलते वह अपने बेटी को स्कूल में देखने के लिए आया था।
इस संबंधी डीएसपी सुखपाल सिंह ने भी रोष जताते हुए कहा कि कार के उपर बंब लिखे जाने और बोरिया रखे जाने से पहले सेना को चाहिए था कि पुलिस को मौका दिखाए। ताकि पुलिस अपने स्तर पर जांच पड़ताल कर सके। उन्होने कहा कि पु्लिस ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह समर्थ है। उन्होने कहा कि लोगो की पहले भी शिकायत आती है कि सेना की ओर से आम लोगो को नियमों के नाम पर तंग परेशान किया जाता है।
गौर रेह कि सिवल लाईन इलाके में कुछ हिस्से में फौज तैनात है। इस इलाके में बीते कुछ महीनों से काफी सख्ती की जा रही है। बच्चों को स्कूल छोड़ने जाने वालों अभिभावकों तक को बेहद परेशान किया जा रहा है। रात के समय 9 से सुबह सात बजे तक इस इलाके से निकलती सड़कों के आवागमन पर पाबंधी लगा दी जाती है। फौज की ओर से दो पहिया वाहन चालकों को हैल्मेट पहन कर उसी विशेश सड़क से निकलने के लिए कहा जाता है। सड़क पर बड़े बड़े बंदूकों के पोस्टर लगा दिए गए है। सेना की ओर से सड़क पर बाडे लगा कर इंक्रोचमैंट की जा रही है। जबकि यह पब्लिक सड़क है।
स्थानीय लोगो का कहना है कि सेना के इस सख्त रवइए से काफी परेशान है। वह सेना के साथ है परन्तु तथा उनकी सुरक्षा मजबूत होनी चाहिए। परन्तु बच्चों को करीब आधा किलोमीटर दूर गाड़ी लगा कर पैदल एक किलोमीटर भारी बैग के साथ जाना पड़ता है। उस इलाके में रहते लोगो को बिना वजह परेशान किया जाता है। फौज बिना ट्रैफिक पुलिस कई बार कागज और कई बार हेलमेट तक चेक करना शुरु कर देती है। इस संबंधी डिप्टी कमिशनर विपुल उज्जवल से जब बात की गई थी तो उनका कहना था कि हम सभी को हेलमेंट पहनना चाहिए परन्तु फौज कागज या हैलमेंट चैकिंग नही कर सकती । वह इस मामले को जल्द सुलझाएगें।
जब शुक्रवार को इस संबंधी कमांडिग अफसर से बात की गई तो उन्होने कहा कि यह सुरक्षा की दृष्टी से किया गया । इस संबंधी जैसे उन्हे निर्देश दिए जाते है। वह वैसा करते है। उन्होने इस संबंधी ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी से बात करने के लिए कहा।