दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में गिने जाने वाले माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स (Bill Gates, Founder of Microsoft) इन दिनों ने एक ऐेसे वेंचर को सपोर्ट कर रहे जो सुरज की रौशनी से 1000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा कर सके और जीवाश्म ईंधन को बदलने में मदद कर सकता है. दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति, हेलिओजन (Heliogen) के निवेशकों से जुड़ें है, ये कंपनी सूरज की रौशनी का उपयोग कर इंडस्ट्री की बिजली की जरूरतों की भरपाई कर सके लेकिन बिना किसी कार्बन उत्सर्जन के ऐसा किया जा सके. इसके लिए प्रयोग किया जा रहा है जिसे बिल गेट्स का भी समर्थन मिला है.
बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि टेक्नॉलजी के प्रयोग से 1500C के तापमान पर पहुंच कर पानी से हाइड्रोजन के अणुओं को अलग किया जा सकता है और जीवाश्म-मुक्त गैस बनाई जा सके ताकि हम इसका प्रयोग घरों, बिजली के कारखानों और ईंधन से चलने वाली कारों का प्रतिस्थापन ढूंढा जा सके.
बिल ग्रास जो कि कैलेफोर्निया की इस कंपनी Heliogen के संस्थापक और प्रमुख है ने जानकारी दी है कि इस एक्सपेरिमेंट के साथ कंपनी तकनीक की दुनिया में बड़ा छलांग लगाना चाहती है ताकि दुनिया के 75 फीसदी इंडस्ट्री और ट्रांसपोर्ट से हो रहे कार्बन के एमिशन पर काबू पाया जा सके.
कंपनी का लक्ष्य है कि वो सॉफ्टवेयर की मदद से कई दर्पण (Mirror) या रिफ्लेक्टर्स की मदद से सूर्य की रौशनी को किसी एक खास प्वाइंट पर ला सकें जिससे कि एक कामर्शियल सोलर सिस्टम की तीन गुना ताकत वाला पावर सोर्स जेनेरेट किया जा सके.
ग्रॉस ने कहा कि कम लागत वाली, अल्ट्रा-हाई-टेम्परेचर प्रोसेस हीट बनाने से कंपनी को जलवायु संकट को हल करने के लिए सार्थक योगदान करने का मौका मिलता है.
सीमेंट तेल और कोयले के पीछे उत्सर्जन का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है, और विकासशील देशों में शहरीकरण और आर्थिक विकास के कारण इसके उत्पादन में और भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है.यदि अनियंत्रित जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो सीमेंट उत्पादन पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के लिए एक बड़ा खतरा होगा, जिसका उद्देश्य पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर बढ़ते तापमान को 1.5C तक सीमित करना है. हेलियोजन के पास निजी इक्विटी निवेशकों और उद्यमियों का समर्थन है जो मानते हैं कि इसकी तकनीक से सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को अपने कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिल सकती है
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