पंद्रह साल से अधिक पुराने तिपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक/सीएनजी तिपहिया वाहनों से बदला जायेगा: पन्नू
चंडीगढ़, 22 जनवरी:राज्य में वायु प्रदूषण से निपटने के मद्देनजऱ तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत वातावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने पंद्रह साल से अधिक पुराने तिपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक / सी.एन.जी तिपहिया वाहनों से बदलने को यकीनी बनाने का फ़ैसला किया है।
यह जानकारी तंदुरुस्त पंजाब मिशन के डायरैक्टर काहन सिंह पन्नू ने दी।उन्होंने बताया कि यह देखा गया है कि राज्य में 15 साल से अधिक पुराने तिपहिया वाहन बड़ी संख्या में चल रहे हैं परन्तु पंजाब मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 68सी के मुताबिक कोई भी तिपहिया वाहन ऑटोरिक्शा 15 सालों से अधिक समय तक नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने बताया कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने पहले ही जनवरी, 2019 से अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली जिले में नये डीज़ल/पेट्रोल थ्री वहीलरों का रजिस्ट्रेशन करने पर पाबंदी लगा दी है। दरअसल पटियाला और बठिंडा जिलों में भी ऐसे वाहनों पर पाबंदी लगाने का मामला बोर्ड के विचाराधीन है और आगामी माँग के मद्देजऱ इन दोनों जि़लों में सी.एन.जी सप्लाई स्टेशन हाल ही में स्थापित किये गए हैं।
पन्नू ने कहा कि राज्य में ग़ैर कानूनी ढंग से चल रहे 15 साल से अधिक पुराने तिपहिया वाहन न सिफऱ् प्रदूषण का बड़ा ख़तरा हैं बल्कि हादसों का बड़ा कारण भी बनते हैं। इसलिए पंजाब के बड़े शहरों में सी.एन.जी सप्लाई स्टेशन स्थापित किये गए हैं और इसके अलावा इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलजऱ् भी उपलब्ध करवाए गए हैं।उन्होंने कहा कि सभी बड़े शहरों के डिप्टी कमीश्नरों को पुराने तिपहिया वाहन को ख़त्म करने और इन पुराने वाहनों के मालिकों को गैस / इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन चलाने का मौका देने के लिए कहा गया है।
पन्नू ने कहा कि तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत तबदीली की सुविधा के लिए, यह प्रस्ताव किया गया है कि जिला पुलिस के ट्रैफिक़ विंग के अधिकारियों, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, ट्रांसपोर्ट विभाग और जिले के अग्रणी बैंकों के अफसरों वाली एक कमेटी डिप्टी कमिश्नर द्वारा गठित की जायेगी। इस कमेटी का नेतृत्व जिला प्रशासन का एक सीनियर अधिकारी करेगा। उन्होंने बताया कि पुराने तिपहिया वाहनों की बची हुई कीमत बहुत कम है क्योंकि इनकी मियाद पूरी हो चुकी है। बड़ी गैस/इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन कंपनी ने पुराने तिपहिया वाहनों की कीमत 20,000 से लेकर 25000 रुपए देने के लिए सहमति जताई है।
इन पुराने वाहनों को बड़ी भट्टियाँ के द्वारा नष्ट किया जायेगा जिससे इनको स्थायी तौर पर सडक़ों से दूर किया जा सके।उन्होंने कहा कि यह सुझाव दिया गया है कि पुराने तिपहिया वाहन चालकों, जो नये गैस / इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन प्राप्त करने के इच्छुक हैं, को मुद्रा स्कीम या सरकार की कोई अन्य स्कीम अधीन व्यापारिक बैंक से रियायती दर पर कजऱ् लेने की सुविधा दी जाये। ऐसे आवेदकों की सुविधा के लिए कैंप भी लगाए जा सकते हैं।मिशन डायरैक्टर ने बताया कि उक्त फ़ैसले का उल्लंघन करने वालों के खि़लाफ़ मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के अंतर्गत करवाई की जायेगी।