शहीद सिपाही रंजीत सलारिया जैसे जांबाजों के बलिदानों का देश रहेगा कर्जदार : कर्नल गिल
सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से भेंट की भावभीनी श्रद्धांजलि
गुरदासपुर। गत 13 जनवरी को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माच्छिल सैक्टर में एल.ओ.सी पर गश्त के दौरान 12 हजार फीट की ऊंचाई पर जहां माइनस 30 डिग्री तक का तापमान था, वहां भारी हिमस्खलन की चपेट में आकर अपने चार साथियों सहित शहादत का जाम पीने वाले सेना की 45 राष्ट्रीय राइफल्स के 26 वर्षीय सिपाही रंजीत सिंह सलारिया की अन्तिम अरदास तथा श्रद्धांजलि समारोह उनके पैतृक गांव सिद्धपुर में आयोजित किया गया। जिसमें जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरैक्टर कर्नल जी.एस.गिल के अलावा शहीद के पिता ठाकुर हरबंस सिंह,माता रीना देवी, पत्नी दीया,तीन महीने की नन्ही बेटी परी, बहन जीवन ज्योति, भाई सुरजीत सिंह,शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, जिला एन.आर.आई सभा के प्रधान एन.पी.सिंह, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिन्द्र सिंह, ग्राम सुधार सभा बहरामपुर के प्रधान ठाकुर विजय सलारिया, राजपूत महासभा के जिलाध्यक्ष ठाकुर राम सिंह मजीठी, महाराणा प्रताप यूथ क्लब सम्मूचक्क के प्रधान ठाकुर बाबू राम, मारकीट कमेटी दीनानगर के पूर्व चेयरमैन ठाकुर जगदीश सिंह आदि ने विशेष तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
श्रद्धांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरैक्टर कर्नल जी.एस गिल ने कहा कि 10 दिन पहले सिपाही रंजीत सिंह ने अपने कत्र्तव्य परायणता का सबूत देते हुए देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए बलिदान देकर अपना सैन्य धर्म निभाया है। ऐसे वीर सैनिकों की अमूल्य शहादत का देश हमेशा कर्जदार रहेगा। उन्होंने कहा कि देशवासी यह सपने में भी नहीं सोच सकते कि हमारे सीमा प्रहरी किन कठिन परिस्थितियों में अपनी डयूटी निभाते हैं। ऐसे वीर जांबाजों की शहादत को पैसे के पैमाने से नहीें तोला जा सकता। मगर इनके परिजनों को उचित मान सम्मान देकर हम इनके लाडलों की शहादत की गरिमा को बहाल रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से शहीद की पत् नी दीया को उसकी क्वालिफिकेशन अनुसार नौकरी दी जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने शहीद सिपाही रंजीत सिंह के परिवार को एक्सग्रेशिया ग्रांट के रूप में 5 लाख का चैक भेंट किया
असहनीय होता है शहादत का दर्द : कुंवर विक्की परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि शहादत का दर्द असहनीय होता है। 10 दिन पहले इस परिवार ने अपने जिगर का टुकड़ा देश की बलिवेदी पर कुर्बान कर दिया है। इस सदमे से उभरने के लिए इन्हें काफी समय लगेगा। इस लिए समाज व सरकारों का यह कत्र्तव्य बनता है कि इनके रिसते जख्मों पर मरहम लगा कर इन्हें फिर से पैरों पर खड़ा करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि उनकी परिषद चट्टान की तरह इस परिवार के साथ खड़ी है तथा कभी भी इनके हौंसलों को परास्त नहीं होने देगी। इस लिए आज दूर दूर से 10 शहीदों के परिजन इनका दुख बांटने के लिए यहां पहुंचे हैं ताकि इनसे मिल कर शहीद रंजीत का परिवार यह महसूस कर सके कि जिस दुख की घड़ी से वह आज गुजर रहे हैं, उस दुख को इन परिवारों ने भी झेला है। इस अवसर पर परिषद की तरफ से शहीद परिवार को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानि भी किया गया।
यह रहे उपस्थित।पुलवामा हमले के शहीद सिपाही मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद लांस नायक संदीप सिंह शौर्य चक्र के पिता जगदेव सिंह, शहीद सिपाही जितेन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही कुलदीप कुमार के पिता बंत राम, शहीद सिपाही मंदीप कुमार के पिता नानक चंद, शहीद सिपाही रजिन्द्र सिंह के पत्नी रंजीत कौर, शहीद सिपाही मनिन्द्र सिंह की पत्नी अकविन्द्र कौर, कैप्टन बलकार सिंह जंडी,एडवोकेट नरेश ठाकुर, सुरजीत सिंह, दर्शन सिंह, कैप्टन जोगिन्द्र सिंह, कैप्टन हरजीत सिंह, सूबेदार सुरजीत सिंह, नायब सूबेदार बलवीर सिंह, नायब सूबेदार सुच्चा सिंह, कनवर सिंह, राजेश सिंह, शम्मी ठाकुर आदि उपस्थित थे।