निजी तौर पर गुरदासपुर के विकास के लिए सांसद सनी देओल को एक पत्र।
कहते है कि जैसे व्यापारी की जुबान व्यापारी ज्यादा समझता है, पहलवान को समझाने के लिए पहलवानी लिहाज में दाव की ज़ुबान समझानी पडती है। ठीक उसी तरह फिल्मों के नामों के जरिए मैं अपने दिल की बात अपने सांसद तक अपनी आवाज पहुंचाने की कौशिश कर रहा हूं। जिससे हो सकता है कि सनी देओल गुरदासपुर के विकास के लिए थोड़े संजीदा दिखे।
हालाकि उन्होने कई बार सोशल मीड़िया पर प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री के साथ गुरदासपुर के विकास संबंधी तस्वीरे शेयर की है परन्तु विकास अभी तक फोटो खिंचवाने तक ही सीमित है। जिसके चलते अपने सांसद सनी देओल जी के नाम एक पत्र लिख रहा हूं जिसमें सांसद की फिल्मों के नामों तथा जिस साल में वह रिलीज हुई उसके जरिए उन्हे गुरदासपुर के हालात समझाने की कौशिश कर रहा हूं।आशा है कि वह नजर अंदाज नही करेंगे। यह भी मानेंगे कि उनका बतौर अभिनेता कितना बडा फैंन हूं।
प्रिय सांसद सनी देओल जी गुरदासपुर विकास के लिए बेताब (1983) है। जनता को विकास चाहिए, रोजगार चाहिए। गुरदासपुर के लोग विकास की तलाश में मंजिल मंजिल (1984) भटकते फिरते आए है। परन्तु उनके समाधान का हल नही हुआ। आपकों विकास के लिए अर्जुन (1985) की भांति लड़ना पडेगा। आप देर रात गुरदासपुर आते हो तथा सवेरे वाली गाड़ी (1986) से वापिस चले जाते हो। जीतने के बाद आपने लोगो का धन्यवाद तक नही किया। लोग इससे काफी निराश है।
गुरदासपुर में विकास के नाम पर बहुत से डकैत (1997) जनता के हकों पर डाका डालते आए है। गुरदासपुर से काग्रेंस के शासनकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार रहे परन्तु यहां कोई बड़ा उघोग स्थापित न हो सका। भाजपा के दौरान केंद्रीय टूरियम मंंत्री विनोद खन्ना रहे परन्तु यहां टूरियम प्रमोट नही कर पाए। काग्रेंस के सांसद सुनील जाखड़ बेहद सांसद के साथ साथ काग्रेंस के राज्य के सुल्तान थे परन्तु फिर भी वह अपनी सल्तनत (1986) यहां बरकरार नही रख पाए। आपसे ऐसी आशा नही है। परन्तु आपने भी अभी तक कुछ खास नहीं किया।
क्यों आप गुरदासपुर खुद आकर लोगो की समस्याएं खुद नही समझते? आप इंडियन (2001) है। क्षत्रिय (1993) की तरह हालातों को जानने के लिए मैदान में क्यों नही उतर आते ? आपकी गैर मौजूदगी में खुद को गुरदासपुर यतीम (1988) महसूस करता है । बहुत से चालबाज (1989) गुरदासपुर में विकास को अनदेखा करते आए है। विकास के नाम पर जनता के विश्वास को घायल (1990) किया जाता रहा है। आपको नरसिंहा (1991) की भांति कभी खत्म न होने वाले हिरणाकश्यप रुपी पिछड़ेपन का विनाश करना होगा।
गुरदासपुर पिछड़ चुका है आंतकवाद का दंश झेल चुका है। यहां शिक्षा के लिए कोई यूनिर्वसिटी नही, उपचार के लिए कोई बड़ा अस्पताल नही। जनता ने आपको इसी अत्याचार के लिए दामिनी (1993) रुपी आवाज बुलंद करने वाला समझ , खुद अपनों के खिलाफ आवाज उठाने वाला समझा। आपकों वीरता (1993) दिखानी होगी विकास के लिए लड़ना होगा। किसी पर विश्वास न करें खुद आकर यहां के हालातों से रुबरु हो। यह भाजपा की नही बल्कि आपके इम्तेहान (1994) की घड़ी है क्योंकि लोगो ने आपकों वोट दिया है। आज गुरदासपुर को घातक (1996) सांसद की जरुरत है जो देश की लोकसभा में 545 सांसद के बीच गुरदासपुर के विकास कार्यो के लिए गदर (2001) मचाए।
विकास के बिना आप गुरदासपुर के लोगो का दिल नही जीत( 1996) सकते। गुरदासपुर के विकास के लिए आपको जिद्दी (1997) बनना पडेगा। क्योकि गुरदासपुर पहले से ही बार्डर (1997) पर स्थित है। इसलिए यह विकास की दृष्टि से पिछड चुका है । आप गुरदासपुर के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट लेकर आए जिससे आपका नाम अजय (1996) हो जाए। आप जनता की निगाहों से निगाहे (1989) मिला सके। आप अन्य नेताओं की तरह गुरदासपुर के विकास के जानी दुश्मन (2002) बिलकुल न बने। किसी के जाल (2003) में न फंस जाना। लोगो को डर (1993) सता रहा है कि कहां वह पिछड़े तो न रह जाएगें क्योकि मोदी जी दो बार यहां आकर भी उन्हें दूसरी निराश कर गए।
परन्तु आप यहां दी हीरो (2003) की भांति कोई बडा प्रोजेक्ट लेकर आए। गुरदासपुर के निवासी आपके अपने (2007) है। यहां विकास करवाने के नाम पर भेदभाव या दुश्मनी (1995) बिलकुल मत करना।
आपकों अब बिग बर्दर (2007) बन कर पंजाबी होने का फर्ज (2001) निभाते हुए गुरदासपुर का कर्ज ( 2002) उतारना होगा। आप गुरदासपुर में सिंह साहिब द ग्रेंट (2013) वाला अवतार लेकर आए जिसे लोगो ने सराहा और आपको चुना। अपने मन के लाख मना करने के बावजूद हिम्मत (1996) दिखाते हुए आपने राजनेता की वर्दी (1989) पहनी। आप स्वभाव से क्रोधी (1990) तथा आग का गोला (1989) हो सकते है परन्तु वोटरों के साथ दिल्लगी (1999) बिलकुल मत करें। यह ठीक नही है।
आप गुरदासपुर के लिए अंगरक्षक (1995) है जो योधा (1991) बन कर यहां विकास करवाएगें कोई बड़े प्रोजेक्ट जल्द से जल्द लेकर आएगें क्योंकि भूख आज लगी है तो खाना अरज ही खाना पडता हैं। आप जल्द से जल्द गुरदासपुर के विकास का नक्शा (2006) तैयार करवाएं क्योंकि यह आपकी इमेतान (1994) की घड़ी है। मैं यमला पगला दिवाना (2011) हो सकता हूं एक बार नही यमला पगला दीवाना (2013) दो बार हो सकता हूं । परन्तु यहीं चाहतां हूं कि गुरदासपुर का भविष्य ब्लैंक (2019) न हों। आपको मोदी , अमित शाह के साथ त्रिदेव (1989) बन कर सोहनी मेहिवाल (1984) की तरह गुरदासपुर के साथ तथा विकास का नाम अमर करना है। ताकि पूरी विश्वआत्मा (1992) गुरदासपुर को आपके किए गए कार्यो की बदौलत याद करें तथा आप लोगो के पल पल दिल के पास (2019) रहे।
वरना वह दिन दूर नही जब विरोधी रुपी लूटेरे (आप की सलतन्त लूट लेगे । आप लोगो की बदुआओं का कहर (1997) बिलकुल न लें। आप चैंपियन (2000) बनें ताकि यहां के हालात सुधरे। वरना लोगो की सेवा करने लोगो से जुड़ने के लिए राजनिति में आना गुनाह (1993) से कम नही है। गुरदासपुर की जनता को पिछडेपन का दाग लेकर वान्स एगेन घायल (2016) नही होना चाहता। गुरदासपुर की जनता आपकों पोस्टर ब्वायस (2017) के रुप में नही देखना चाहती।
आशा है कि आप समझ गए होंगे। आपके जबाव का इंतजार रहेगा।