सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से से गांव के लाडले को दी अन्तिम विदाई
मनन सैनी
गुरदासपुर। गत 13 जनवरी को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माच्छिल सैक्टर में 12 हजार फीट की ऊंचाई पर माइनस 30 डिग्री तापमान में एल.ओ.सी पर गश्त कर रहे सेना की 45 राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही रंजीत सिंह सलारिया जोकि अपने तीन अन्य साथियों सहित भारी हिमस्खलन की चपेट में आ कर शहादत का जाम पी गए। शाहदत के चार दिनों बाद हिमवीर रंजीत की पार्थिव देह को वीरवार शाम को श्रीनगर से विशेष विमान से एयरलिफ्ट कर देर शाम राजासांसी एयरपोर्ट अमृतसर लाया गया, वहां से सेना के जवानों द्वारा सैन्य वाहन से उनके पार्थिव शरीर को तिब्बड़ी कैंट लाया गया। जहां पर रात्रि रखने के बाद शुक्रवार प्रात: उनके गांव सिद्धपुर में पहुंचाया गया, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार कर दिया गया।
तिब्बड़ी कैंट से आई 2 जैक राइफल्स के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर बिगुल की मातमी धुन के साथ हवा में गोलियां दागते हुए शहीद को सलामी दी। सेना की और से सूबेदार राजेश सिंह, सूबेदार रवि कुमार, शहीद के पेरेन्ट युनिट 221 आर.टी फील्ड रेजीमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल अम्भुज साच्चन की तरफ से नायब सूबेदार संजीव कुमार के अलावा जिला प्रशासन की तरफ से डिप्टी कमिश्नर विपुल उज्जवल, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरैक्टर कर्नल जी.एस.गिल व तहसीलदार मंजीत सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, सांसद सन्नी दियोल के राजनीतिक सचिव गुरप्रीत पलहरी आदि ने रीथ चढ़ा कर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद की पत्नी दीया बोली : मेरे रंजीत को ताबूत से निकालो उसका दम घुट रहा है
इससे पहले तिरंगे में लिप्टी शहीद सिपाही रंजीत सलारिया की तिरंगे में लिप्टी हुई पार्थिव देह जब गांव सिद्धपुर पहुंची तो माहौल अत्यन्त गमगीन हो गया। पिछले चार दिनों से अपने लाडले का इन्तजार कर रही मां रीना देवी, पिता हरबंस सिंह, पत्नी दीया व बहन जीवन ज्योति की करूणामयी चीत्कारें पत्थरों का कलेजा छलनी कर रहीं थी। पत्थर की मूरत बनी पत्नी दीया ने शहीद पती के ताबूत को देखा तो उसके सब्र का बांध टूट गया। दहाड़े मारते हुए वह कह रही थी कि मेरे रंजीत को ताबूत से बाहर निकालो उसका दम घुट रहा है। मेरी परी ने अपने पापा को देखना है, देख परी पापा आ गए हैं। इतनी बाते कहते ही वह बेसुध हो गई।
मां व बहन ने दिया शहीद रंजीत की अर्थी को कंधा
शहीद सिपाही रंजीत सलारिया की मां रीना व बहन जीवन ज्योति जो कि पिछले चार दिनों से अपनी सुध बुध खो बैठी थी, जब सेना के जवान तिरंगे में लिप्टी रंजीत की पार्थिव देह को जब श्मशान ले जाने लगे तो ना जाने मां व बहन के कंधों में कहा से इतनी ताकत आ गई कि उन्होंने उसकी अर्थी को कंधा देकर श्मशान पहुंचाया। उन्हें ऐसा करता देख हर आंख से आंसू छलक उठे।
शहीद के सम्मान में श्मशान तक बिछी फूलों की बिसात
शहीद रंजीत सलारिया जो अपने मधुर स्वभाव से सारे गांव का लाडला था, जब उसकी पार्थिव देह को श्मशान ले जा रहे थे तो गांव के युवाओं ने अपने साथी के सम्मान में सारे रास्ते में फूलों की बिसात बिछा कर उसकी शहादत को नमन किया। शहीद रंजीत गांव के सभी युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए हमेशा प्रेरित करता था।
बोली शहीद की बहन : वे वीरा परी दी लोहड़ी ता दे जांदा
शहीद रंजीत की बहन जीवन ज्योति उसके ताबूत से लिप्टते हुए चीखें मारती हुई कह रही थी कि 12 जनवरी को जब रंजीत का फोन आया तो उसने कहा था कि इस बार तेरी बेटी की लोहड़ी लूंगी, तो रंजीत ने कहा कि चिन्ता मत कर मैं शीघ्र आकर तुझे परी की लोहड़ी दूंगा।
तीन माह की नन्ही परी ने दी शहीद पिता की चिता को मुख्याग्रि
शहीद सिपाही रंजीत सलारिया जिसने अक्तूबर में पैदा हुई बेटी सानवी के जन्म पर खूब जश्न मनाया था तथा प्यार से उ सका नाम परी रखा था, आज जब उसी नन्ही परी ने अपने दादा हरबंस सिंह व चाचा सुरजीत सिंह के साथ अपने नन्हें हाथों से अपने शहीद पापा की चिता को मुखाग्रि दी तो सारा श्मशानघाट शहीद रंजीत सलारिया अमर रहे, भारत माता की जय के जयघोषों से गूंज उठा। हर कोई नम आंखों से यह कह रहा था कि ईश्वर यह दिन किसी को न दिखाए।
शहीद की पत्नी को सरकार देगी नौकरी : डी.सी
डी.सी. विपुल उज्जवल ने सैन्य अधिकारियों के साथ शहीद के परिवार को तिरंग भेंट करते हुए कहा कि सिपाही रंजीत के वतन पर कुर्बान होने से परिवार का सहारा छिन्न गया है, उसकी अमूल्य शहादत की भरपाई तो नहीं हो सकती, मगर फिर भी सरकार की पालिसी के मुताबिक शहीद की पत्नी दीया को उसकी क्वालिफिकेशन के हिसाब से उसको नौकरी दी जाएगी। इस अवसर पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने स रकार से अपील करते हुए कहा कि गांव में शहीद रंजीत सिंह के नाम पर एक यादगार का निर्माण करवाया जाए। शहीद की युनिट 45 राष्ट्रीय राइफल्ज के सूबेदार रवि कुमार ने युनिट की और से 94 हजार की नकद राशि शहीद के परिवार को भेंट की।
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
बलाक समिति दीनानगर के चेयरमैन हरविन्द्र सिंह भट्टी, मारकीट कमेटी दीनानगर के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिंह, सरपंच बीरा राम, कैप्टन लाल सिंह,जी.ओ.जी टीम की तरफ से सूबेदार मेजर मदन लाल शर्मा, कैप्टन जोगिन्द्र सिंह, कैप्टन हरजीत सिंह, सूबेदार बलवीर सिंह, सूबेदार रघुवीर सिंह, प्रीतम सिंह, रमेश्वर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, प्रदीप सिंह, रविन्द्र सिंह।