गुरदासपुर। पंजाब के एक लाख से अधिक पेंशनर कर्मचारी छठे वेतन कमिशन की रिपोर्ट जारी न होने से काली दीवाली मनाने के लिए मजबूर होंगे। जिंदगी के अंतिम पारी खेल रहे पेंशनर वेतन कमिशन की नोटीफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की घर वापसी के बाद पंजाब के लोगों को उम्मीद थी कि अब नई सरकार पंजाब के मुलाजिमों के मामले करेगी, मगर लगातार टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है।
मुलाजिम नेता अमरजीत शास्त्री ने अपने साथियों सहित कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी के पैतृक शहर मोरिंडा में पक्के मोर्चे पर बैठे मुलाजिम नेताओं से बैठक करने से सरकार भाग रही है। केंद्र सरकार अपने सेवानिवृत्त मुलाजिमों व नौकरीपेशा मुलाजिमों को 32 फीसदी महंगाई भत्ता दे रही है। लेकिन पंजाब सरकार अपने पेंशनरों व सरकारी मुलाजिमों को मात्र 17 फीसदी महंगाई भत्ता देकर काम चला रही है। जबकि तेल पदार्थ बढऩे से महंगाई आसमान को छू रही है। डेमोक्रेटिक मुलाजिम फेडरेशन गुरदासपुर के सीनियर उप प्रधान अनेक चंद पाहड़ा के नेतृत्व में हुई बैठक में पंजाब सरकार की कच्चे व मानभत्ता, कंट्रेक्ट मुलाजिमों को पक्का करने और कम से कम दिहाड़ी कानून लागू न करने पर सरकार की निंदा की।
फैडरेशन की प्रदेश प्रचार सचिव बलविंदर कौर रावपिंडी ने कहा कि मुलाजिमो ने दस अक्तूबर को पटियाला, मुक्तसर, जालंधर, अमृतसर में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंदरा, प्रगट सिंह, राजा वडि़ंग व ओपी सोनी की रिहायशी समक्ष रोष प्रदर्शन करके 18 अक्तूबर को चंडीगढ़ प्रमुख सचिव पंजाब सरकार के साथ बैठक का समय दिया गया था, मगर सरकार ने कोई भी बातचीत न करके एक लाख कच्चे मुलाजिमों को निराश किया है। उधर 16 अक्तूबर को पंजाब मुलाजिम, पेंशनर फ्रंट ने मोरिंडा में हजारों की संख्या में एकत्र होकर रोष प्रदर्शन करने के बाद 21 अक्तूबर को मुख्यमंत्री के साथ बैठक तय करवाई थी, मगर मुख्यमंत्री ने समय न देने से पंजाब के मुलाजिमों में रोष पाया जा रहा है। बैठक में मनोहर लाल, सुखजिंदर सिंह, निर्मल सिंह, पूजा, बलविंदर कौर, जसबीर कौर आदि उपस्थित थे।