गुरदासपुर, 22 सितंबर (मनन सैनी)। सिविल अस्पताल गुरदासपुर (बब्बरी) के एक दूसरे रास्ते से सीधा बाइपास को जोडऩे के विरोध बुधवार को शिरोमणि अकाली दल (बादल) के जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली ने अपने समर्थकों के साथ सिविल अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल की पार्किंग के बीचो बीच निकाले गए रास्ते को पूरी तरह से अवैध बताते हुए उन्होनें जिला प्रशासन से इसे तुरंत बंद करने की मांग की। उन्होंने इस मामले को लेकर उनकी ओर से डीसी गुरदासपुर के नाम एक मांग पत्र एडीसी राहुल व एसएसपी डा. नानक सिंह को भी मांग पत्र सौंपा गया। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई न हुई तो बड़ा संघर्ष शुरु किया जाएगा।
सिविल अस्पताल में पहुंचे बब्बेहाली ने आरोप लगाते हुए कहा कि सिविल अस्पताल गुरदासपुर से प्राइवेट कालोनाइजरों की ओर से रास्ता निकाला गया है। इस रास्ते से सरकारी अस्पताल की जमीन का नुक्सान होता है। अगर अस्पताल में कोई अन्य इमारत बनानी हो तो नहीं बन सकती। अगर रास्ता अधिक चलता है तो जो रास्ता पहले बाइपास से अस्पताल को आता है, उसमें ट्रैफिक जाम लग सकता है। ऐसे में एम्बुलेंस को जल्द अस्पताल पहुंचने में रुकावट पड़ सकती है और मरीजों का जानी नुक्सान हो सकता है। इस रास्ते के खुलने पर जब ट्रैफिक की यातायात होगी और ऊंची आवाज में हार्न बजेंगे और धूल उड़ेगी, जिससे अस्पताल में भर्ती मरीज परेशान होंगे।
बब्बेहाली ने कहा कि जो लोग मरीजों को लेकर अस्पताल में आते है, उनके लिए पार्किंग की जगह भी कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रास्ते में गेट लगने से पहले सेहत विभाग के अधिकारियों की ओर से एसएसपी को पत्र लिखा गया था, लेकिन इसके बावजूद रास्ता निकल गया है। उन्होने कहा कि जहां यह भी जांच का विषय है कि गेट लगाते समय जो दीवारें तोड़ी गई, उसकी ईटें कहां गई। उन्होंने मांग की है कि उक्त रास्ते को तुरंत बंद करवाया जाए और संबंधित लोगों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल के ध्यान में ला दिया गया है। अगर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा संघर्ष शुरु किया जाएगा।
हालाकि वहीं इस मामले संबंधी सिविल सर्जन डा. हरभजन मांडी का कहना है कि उक्त रास्ते को लेकर पंजाब हेल्थ कारपोरेशन से अनुमति मिल चुकी है। हालांकि गेट की जगह को लेकर एसएमओ को कुछ शिकायत थी लेकिन पुलिस व विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई जांच के बाद वह भी दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि कालौनाइजरों द्वारा रास्ता हेल्थ कारपोरेशन के नाम कर दिया गया है। जिसके चलते रास्ते को लेकर कोई भी कानूनी अड़चन नहीं है और न ही कुछ भी गलत हुआ है।