छोटे बच्चों को स्कूल भेजने से अभिभावकों ने किया गुरेज, 50 प्रतिशत से कम बच्चों की संख्या के साथ खुले स्कूल
अभिभावकों का कहना अभी तक टीचरो को ही नही लगी दोनो डोज, खतरें में कैसे डाले बच्चें
गुरदासपुर, 2 अगस्त (मनन सैनी)। पंजाब सरकार की ओर से सभी स्कूल खोलने के आदेशों के बाद भी बच्चों के अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से गुरेज कर रहे है तथा सोमवार को पहले दिन जिले में 50 प्रतिशत से भी कम संख्या के साथ सभी स्कूल खुले। हालाकि पहले दिन स्कूल प्रबंधकों की ओर से सरकार की ओर से दी गई गाईड लाईंस का पालन किया गया। बावजूद इसके अभिभावकों की दिलचस्पी बच्चों को स्कूल भेजने में नही दिखी। अभिभावकों का कहना था कि डब्ल्यू एच ओ तथा कई विशेशज्ञों की ओर से कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा चुकी है, जिसमें सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को ही बताया जा रहा है। वहीं सरकार सारी जिम्मदारी, स्कूलों पर तथा स्कूल प्रंबंधक सारी जिम्मेदारी कंसेंट फार्म भरवा कर अभिभावकों पर डाल रहे है। हालाकि न ही अभी बच्चों की वैक्सीन आई है और न ही स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापकों की दोनों डोज अभी तक पूरी हुई है। जिसके चलते वह अपने बच्चों को खतरे में नही डालना चाहते तथा ऑनलाईन पढ़ाई ही करवाएंगे।
गौर रहे कि सोमवार को जिले के सभी 2174 स्कूल खोले गए। इनमें सरकारी स्कूल 1544,प्राइवेट स्कूल 586 और एडिड 44 स्कूल खोले गए है। पहले दिन स्कूलों में बच्चों की एंट्री को लेकर शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा कोविड के खिलाफ बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन किया। अधिकतर स्कूलों के एंट्री प्वाइंट्स पर सेनिटाइजर मशीन लगाई गई। बच्चे अपने आप को सेनिटाइज करने के बाद स्कूलों में प्रवेश हुए। वहीं क्लासों को एक दिन पहले ही सेनिटाइज करवा दिया गया था।
वहीं कई परिजनों जिनमें राकेश कुमार, हरजिंदर सिंह, चंदनदीप अरोड़ा जसविंदर सिंह, जसदीप कौर इत्यादि ने कहा कि अभी तक स्कूल के अध्यापकों की ही दोनो डोज पूरी नही हुई और न ही बच्चों की कोई वैक्सीन आई है ।जब तक बच्चों की वैक्सीन नही लग जाती वह बच्चों को स्कूल नही भेजेगें तथा ऑनलाईन पढ़ाई करवाएंगे। उनका कहना था कि अगर बच्चों को कुछ हो जाता है तो इसके लिए न तो स्कूल जिम्मेवारी लेगा और न ही सरकार। जिसके चलते वह अभी तक इंतजार करेगें और तीसरी लहर का खतरा कम होने के बाद बच्चों को स्कूल भेजेगें। वहीं कुछ अभिभावक जिनमें मंजू, रजनी बाला इत्यादि बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में दिखे।
इस संबंधी डीईओ सेकेंडरी हरपाल सिंह का कहना है कि भले ही पहले दिन स्कूलों में बच्चो की संख्या थोड़ी कम देखने को मिली, लेकिन एक दो दिन में यह संख्या पूरी हो जाएगी। बच्चो में भी अब कुछ खुशी दिखाई दे रही है । ऑनलाईन क्लासेज में हिस्सा लेने वाले बच्चे अब खुश है कि वह आफलाइन फेस टू फेस अपनी पढ़ाई करेंगे। काबिलेजिक्र है कि प्राइमरी स्कूल करीब डेढ़ साल बाद खुलें हैं।