मांगो को लेकर पटवारी व कानूनगों ने तीन घंटे तक दिया रोष धरना, सरकार को कोसा
बोले, हर सप्ताह वीरवार व शुक्रवार को दिया जाएगा रोष धरना
गुरदासपुर, 15 जुलाई (मनन सैनी)। अपनी मांगों को लेकर पटवारियों व कानूनगों ने तीन घंटे तक मिनी सचिवालय में रोष धरना देकर पजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान दविंदर सिंह रंधावा व तहसील प्रधान सतविंदर सिंह ने की। इस दौरान अपना कामकाज करवाने के लिए आए लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
वक्ताओं ने कहा कि पटवारियों से अतिरिक्त सर्कलों का काम लिया जा रहा है। जबकि जब उनकी मांगो को लागू करने की बारी आती है तो सरकार उन्हें अनदेखा कर देती है। जिसके रोष स्वरुप सर्कलों का काम करना बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब हर सप्ताह वीरवार व शुक्रवार को सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक रोष धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह रोष धरने तब तक चलते रहेंगे, जब सरकार उनकी मांगों को प्रवान नहीं कर लेती। इस मौके पर सुरजीत सिंह, रछपाल सिंह, बलदेव सिंह, संदीप सिंह, जंग बहादर सिंह, वरियाम सिंह आदि उपस्थित थे।
ये है मांगे?
–साल 1996 के बाद सीनियर स्केल खत्म किए जाने से एक ही समय भर्ती पटवारियों की पे अनामली दूर की जाए।
–साल 2016 में भर्ती 1227 पटवारियों की 18 महीने की ट्रेनिंग को सेवा काल में शामिल किया जाए।
–माल विभाग में नए भर्ती 1227 पटवारियों की भर्ती प्रक्रिया साल 2015 में शुरु की गई थी, जिससे इनका परख काल समय तीन साल की बजाए दो साल किया जाए।
–नियमों के मुताबिक पटवारी की पोस्ट टेक्निकल पोस्ट है, मगर क्लास-3 में पटवारी 3200 ग्रेड पे से सबसे कम वेतन ले रहे है, पटवारियों को टेक्निकल ग्रेड दिया जाए।
–माल विभाग में समूह पटवारी डीएलआर कार्यालय जालंधर से कंप्यूटर कोर्स कर चुके है, इस लिए डाटा एंट्री का काम प्राइवेट कंपनी से वापिस लेकर पटवारियों के सुपुर्द किया जाए और पटवारियों को कंप्यूटर व डाटा साफ्टवेयर मुहैया करवाया जाए।
–पटवारियों को वर्तमान समय दिया जाने वाला दफ्तरी भत्ता 140 रुपए, स्टेश्नरी भत्ता 100 रुपए, बसता भत्ता 100 रुपए को बढ़ाकर दफ्तरी भत्ता तीन हजार रुपए, स्टेशनरी भत्ता दो हजार रुपए व बसता भत्ता दो हजार रुपए किया जाए।
–जनवरी 2004 से पहले ट्रेनिंग कर चुके पटवारी उम्मीदवारों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए और एक जनवरी 2004 के बाद भर्ती पटवारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।