पार्टी लाईन से अलग चल कर मीडिया में बार बार ब्यान देने को अनुशासनहीनता मानते हुए पंजाब भाजपा के प्रधान एवं महासचिव ने लिया फैसला
गुरदासपुर, 10 जुलाई (मनन सैनी)। भाजपा नेताओं की तर्ज पर आला कमान की महज हां में हां न मिलाना और किसानों के लिए चिंता व्यक्त करना पूर्व मंत्री व विधायक रहे अनिल जोशी को महंगा पड़ा है। पंजाब इकाई की ओर से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
गौर रहे कि अनिल जोशी किसान आंदोलन को लेकर पार्टी लाइन से अलग चलने व मीडिया में बार-बार बयान देने को अनुशासनहीनता मानते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के दिशा-निर्देश पर प्रदेश भाजपा महासचिव डॉ. सुभाष शर्मा ने पूर्व मंत्री अनिल जोशी को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया है। हालाकि जोशी शुरु से ही भाजपा पार्टी का पक्ष लेते रहे है तथा किसान आंदोलन के इतना भव्य होने का जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष को मानते रहे है। सूत्रों के अनुसार जिसका उन्हे खामियाजा भुगतना पड़ा। उनका सिर्फ इतना कहना था कि किसान कोई बेगाना नही है, उनकी बात हम सही तरीके से नही रख पा रहे।
डॉ. सुभाष शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व मंत्री अनिल जोशी द्वारा केंद्र सरकार, पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप तथा पार्टी की नीतियों के विरुद्ध बयानबाजी की जा रही थी, जो कि पार्टी विरोधी गतिविधियां हैं, इसलिए प्रदेश भाजपा द्वारा अनिल जोशी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिस पर जोशी को दो दिन के अंदर अपना जवाब देने का समय दिया गया था।
अनिल जोशी ने पार्टी की ओर से यह निरंतर मीडिया में कहा गया कि किसान आंदोलन का इतना भव्य स्तर तक पहुंचना प्रदेश कार्यकारणी की नाकामी है। जिन्हे प्रथम चरण में ही खत्म किया जा सकता था। उनका कहना था कि भाजपा को वोट पंजाब के लोगो ने डालनी है जिसके लिए पंजाब के किसानों को साथ लेकर चलने की जरुरत है।जोशी ने मीडिया में साफ कहा था कि वोटर उत्तरप्रदेश या कहीं दूसरे राज्य से नही लाए जाएगें। इसके लिए प्रदेश इकाई को लोकल भाजपा वर्कर की भी बात सुननी चाहिए परन्तु उनकी बात सुनी नही जा रही।
परन्तु हाईकमान अनिल की बातो पर गंभीरता से विचार नही किया तथा उनके अनुशासन कमेटी की सिफारिश पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा द्वारा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कारवाई करते हुए अनिल जोशी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
बता दें, अनिल जोशी किसानों के मुद्देे पर पंजाब के भाजपा नेताओं को लगातार घेर रहे थे। उनका कहना है कि पार्टी की पंजाब लीडरशिप केंद्रीय नेतृत्व को किसान आंदोलन के बारे में जमीनी सच्चाई नहीं बता रहा है। इसके कारण फील्ड में पार्टी नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर अनिल जोशी को पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। अनिल जोशी ने इस नोटिस का जवाब भी दिया। लेकिन पार्टी नेतृत्व जोशी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। जोशी ने प्रदेश अध्यक्ष पर कई कटाक्ष भी करते आ रहे है और नगर कौंसिल, नगर परिषद में भाजपा की हार का ठीकरा भी उन्हे के सिर फोड़ते आ रहे है।
बताते चले कि लगभग उसी राह पर पंजाब के कई भाजपा वरिष्ठ भी चल पड़े है। जो पार्टी के कमजोर होने का जिम्मा प्रदेश कार्यकारणी पर डाल रहे है।