सांसद की ओर से मंजूरी दिलाने के बावजूद काम शुरु न होने के चलते लोगों में काफी रोष
गुरदासपुर, 26 जून (मनन सैनी)। मानसून की आमद को देखते हुए एक बार फिर से जिला प्रशासन ने मकौड़ा पत्तन पर बने अस्थाई पैंटून पुल को हटा दिया है। जिसके बाद अब दरिया पार बसे सात गांवों के लोगों को एक किश्ती का ही सहारा है। काबिलेजिक्र है कि उक्त पुल के निर्माण के लिए सांसद सनी देओल द्वारा मंजूरी दिला दी गई है। लेकिन अभी तक काम शुरु न होने के चलते लोगों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। अब पुल उठाए जाने के बाद लोगों ने कड़ा रोष जताते हुए कहा कि अगर सरकार इस पुल निर्माण नहीं करवा सकती तो उन्हें भारत से अलग करके पाकिस्तान से जोड़ा जाए।
गौरतलब है कि रावी दरिया के मकौड़ा पत्तन के पास भारत-पाक सीमा से सटे सात गांव तूर, चेबे, मम्मी चकरंजा, भरियाल, कुकड़, चुंबर, लसियान का उक्त पुल उठाए जाने के बाद भारत से सीधा संपर्क टूट जाता है। जिससे इन गांवों में बसी चार हजार आबादी को दरिया पार करवाने के लिए केवल एक किश्ती का सहारा होता है। हालांकि हर साल बारिश का सीजन होने पर दरिया पर पानी का बहाव बढ़ जाता है,जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा पैंटून पुल को उठा लिया जाता है।जोकि बारिश का पूरा सीजन बीतने के बाद लगाया जाता है। इस दौरान दरिया पार बसे सात गांवों के लोगों को गांवों में जाने के लिए किश्ती ही एक मात्र सहारा होता है और वह भी सात बजे के बाद नहीं चलती।
दरिया पार बसे गांवों के लोगों का कहना है कि दरिया से पैंटून पुल उठाए जाने के बाद उन्हें किश्ती का ही सहारा होता है। ऐसे में अगर कोई इमरजेंसी पड़ जाए तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा वह अपने रोजमर्रा के काम करने के लिए किश्ती पर ही बड़ी मुश्किल में बैठ कर जाते हैं। कई बार समय पर काम पर नहीं पहुंच पाते।
डीसी मोहम्मद इशफाक ने बताया कि दरिया में बारिश के सीजन को देखते हुए पैंटून पुल को उठाया गया है। उन्होंने बताया कि दरिया पर पक्के पुल के निर्माण के लिए प्रपोजल सरकार को भेजी गई है। जैसे ही सभी संबंधित विभागों से अनुमति और सरकार से फंड मिल जाएगा,पुल का काम शुरु करवा दिया जाएगा।