नम आंखों से स्मरण किए गए गलवान के योद्धा सतनाम
गुरदासपुर , 16 जून (मनन सैनी)। गत वर्ष गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हुई मुठभेड़ में शहादत का जाम पीने वाले सेना की 3 मीडियम रैजीमेंट के सेना मैडल विजेता नायब सूबेदार सतनाम सिंह का प्रथम श्रद्घांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की की अध्यक्षता में शहीद के निवास स्थान गांव भोजराज में आयोजित किया गया। जिसमें कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा के पुत्र उदयवीर सिंह बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता कश्मीर कौर, पिता जागीर सिंह, पत्नी जसविन्द्र कौर, बेटा प्रभजोत सिंह, बेटी संदीप कौर, भाई सूबेदार सुखचैन सिंह, एस.डी.एम शिवराज सिंह बल, शहीद लैफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिन्द्र सिंह, शहीद की यूनिट के सूबेदार हरजीत सिंह, एस.डी.ओ नरेश त्रिपाठी, जिला रक्षा भलाई विभाग के फील्ड अफसर सूबेदार मेजर सिंह आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घासुमन अर्पित किये। सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया।
श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि उदयवीर सिंह रंधावा ने कहा कि शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह जैसे जांबाजों की शहादत देश की बहुमूल्य विरासत है तथा देश की भावी पीढ़ी को चाहिए कि इस विरासत को अपने दिलों में संजोकर रखते हुए शहीदों की सोच पर पहरा देकर उनके सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का यह फर्ज बनता है कि अपने शहीदों के साथ-साथ सरहदों पर ड्यूटी दे रहे अपने सैनिकों व पूर्व सैनिकों का पूरा सम्मान करें, क्योंकि यह हैं तो देश है। उन्होंने कहा कि देश पर मर मिटने वालों की शहादत का मोल पैसे से नहीं चुकाया जा सकता, मगर इनके परिजनों को उचित मान सम्मान देकर हम इनके लाडलों की शहादत की गरिमा को बहाल रख सकते हैं।
शहीद की याद में बनने वाले स्टेडियम का रखा नींव पत्थर व यादगिरी गेट का किया उद्घाटन
इस अवसर पर उदयवीर ने शहीद की याद में 21 लाख रुपए की लागत से बनने जा रहे स्टेडियम का जहां नींव पत्थर रखा, वहीं उनकी याद में बने यादगिरी गेट का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि वह अपने ओर से शहीद की याद में हर साल फुटबाल टूर्नामेंट करवाएंगे।
सैनिक रहा हूं, जानता हूं शहादत का दर्द क्या होता है:एस.डी.एम
एस.डी.एम शिव राज सिंह बल ने कहा कि वह खुद शाट सर्विस के दौरान एक सैनिक बनकर देश सेवा कर चुके हैं, इसलिये भलिभांति यह जानते है कि शहादत का दर्द क्या होता है। उन्होंने कहा कि अगर वह किसी शहीद परिवार के काम आ सकें तो खुद को सौभाग्यशाली समझेंगे।
राष्ट्र ऋण चुकाने का सर्वोत्तम तरीका है आत्म बलिदान:कुंवर विक्की
कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि राष्ट्र ऋण चुकाने का सर्वोत्तम तरीका है आत्म बलिदान तथा वो सैनिक धन्य है, जिसे इस ऋण को चुकाने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि शहीद हमेशा अमर होते हैं, मगर सहीं मायनों में एक शहीद की मौत तब होती है, जब सरकारें व देशवासी उसकी शहादत को भुला देते हैं। इस मौके पर शहीद के भाई सुखचैन सिंह ने आए मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें उसके भाई की शहादत पर गर्व है। इस अवसर पर डी.सी मोहम्मद इश्फाक की ओर से एस.डी.एम बल व जिला रैडक्रास सोसायटी के सचिव राजीव ठाकुर ने शहीद की बेटी संदीप कौर को 21 हजार रुपए की एफ.डी.आर भेंट की। वहीं शहीद की यूनिट की ओर से 11 जरूरतमंदों को पंखे भेंट किए गए। मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद के परिजनों सहित 12 अन्य शहीद परिवारों को स्मृति चिन्ह व दोशाले भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक संघर्ष कमेटी के चेयरमैन एस.पी.सिंह गेसल, सुखदेव सिंह भोजराज, सरपंच अमरजीत सिंह, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार, भाई परवेश कुमार, दलविन्द्र सिंह, हवलदार बलकार सिंह, कैप्टन भरपूर सिंह आदि उपस्थित थे।