गुरदासपुर, 9 जून (मनन सैनी)। मांगों को लेकर शिक्षकों ने डाकखाना चौक में पंजाब सरकार का पुतला फूंका तथा डीसी गुरदासपुर को मांग पत्र सौंपा । संघर्ष के दौरान शिक्षक नेताओं ने कहा कि 2004 से सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रोवाइडर/ईजीएस/एसटीआर/ऐआईई/आईई बतौर शिक्षक पढ़ा रहे हैं। लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा बेरुखी अपनाकर इन शिक्षकों का आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है।
इस मौके पर अनुभव गुप्ता ने बताया कि सत्ता में आने से पहले सीएम पंजाब ने मोहाली धरने में आकर यह वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में उन्हें रेगुलर किया जाएगा। शिक्षकों द्वारा बराबर काम और बराबर वेतन की भी मांग की गई थी। लेकिन साढे चार साल बीत जान के बावजूद भी सीएम पंजाब ने अपना वादा नहीं निभाया और न ही कोई उनकी सार ली है। शिक्षक नेताओं ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते पूरे देश में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि नामात्र वेतनों पर गुजारा करना बहुत मुश्किल हो गया है। इतनी महंगाई बढ़ने से आर्थिक तंगी के चलते कई शिक्षक साथी अपनी जान दे चुके हैं, फिर भी विभाग ने उनकी कोई सार नहीं ली। उन्होंने बताया कि यूनियन के फैसले मुताबिक पंजाब के हर जिले में जिलाधीश को सीएम द्वारा मोहाली धरने में किए वादे को पूरा करने संबंधी ज्ञापन दिए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि चार जून को शिक्षा मंत्री के हलके में कच्चे शिक्षकों ने प्रदेश स्तरीय रैली की थी। नतीजे के रप में 15 जून को संगरुर प्रशासन ने शिक्षा विभाग के साथ पैनल बैठक फिक्स कराई है। यदि 15 जून की उक्त बैठक बेनतीजा निकलती है तो 17 जून को शिक्षक पटियाल की तरफ कूच करेंगे और मोती महल को घरेंगे। उन्होंने बताया कि सीएम पंजाब को भेजे ज्ञापन में विभाग में सेवाएं रेगुलर हो, रेगुलर सेवाएं न करने तक वेतन 40 हजार रुपए मिले, 8393 प्री-प्राइमरी पोस्टों पर शिक्षक अनुभव के आधार पर रेगलुर हो, जो शिक्षक सर्विस नियमों के अनुसार अपनी योग्यता पूरी करते हैं, उन्हें रेगुलर किया जाए, चल रही भर्तियों में आए उम्मीदवारों की मुश्किलों का हल हो, आदि मांगें दर्ज हैं।