गुरदासपुर, 26 मई (मनन सैनी)। एसएसएस बोर्ड के चेयरमैन रमन बहल ने अपने फार्म हाउस गुरदासपुर में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के विरोध में काला झंडा फहराकर रोष व्यक्त किया।
रमन बहल ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। जिसकी 85 प्रतिशत आबादी खेती व खेती से संबंधित रोजगारों पर निर्भर है। केंद्र सरकार द्वारा कारपोरेट घरानों को फायदा देने के लिए देश के किसानों,खेती मजदूरों,खेती से संबंधित कारोबारियों का भविष्य खतरे में डाल दिया है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भले ही पंजाब के किसानों ने पहल की । आज यह आंदोलन पूरे देश में फैल चुका है और पूरे देश के किसान व खेती मजदूर अपने अधिकार के लिए संघर्ष के रास्ते पर चल रहे हैं।दिल्ली की सीमा पर देश के किासनों को आज पूरे छह महीने हो गए हैं। 500 के करीब किसान/मजदूर अपनी कुर्बानी भी दे चुके हैं। वह किसान जो पूरे देश के नागरिक ों का पेट भरता है। आज वह किसान अपना असिस्त्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। केंद्र की मोदी सरकार को किसानों की इस मांग को पूरा करते हुए कानून रद करने चाहिए। अगर यह कानून वापस न लिए तो किसान बर्बाद हो जाएंगे और उसके साथ ही छोटा व मध्यवर्गी दुकानदार,आढ़ती,खेती मशीनरी वाले आदि व्यपारियों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। देश की अर्थ व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी।
बहल ने मांग की कि केंद्र सरकार 500 के करीब धरने के दौरान मरे किसानों के परिवारों को मुआवजा दे। वहीं किसानों के भविष्य को बर्बाद न करते हुए कानून रद करें। इस मौके पर रणजीत सिंह, सुरजीत सिंह, प्रवीण कुमार,रंधीर सिंह ठाकुर, सुच्चा सिंह मुल्तानी, सुरिंदर सिंह, बावा सिंह,गुरदयाल सिंह,सर्बजीत सिंह, ओंकार सिंह,रघबीर सिंह,सुच्चा सिंह, केशव बहल,मनप्रीत सिंह, विशाल महाजन,ललित मोहन, हर्श भल्ला, विकास महाजन,धर्मपाल, जगबीर सिंह, मनप्रीत,मलकीत सिंह, गुरमीत सिंह,गुरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।