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पंजाब में जेल नियमावली में बदलाव, कैप्टन के नेतृत्व में मंत्रीमंडल द्वारा नए नियमों को बदलने करने की मंज़ूरी

पंजाब में जेल नियमावली में बदलाव, कैप्टन के नेतृत्व में मंत्रीमंडल द्वारा नए नियमों को बदलने करने की मंज़ूरी
  • PublishedMay 13, 2021

सुरक्षा के नए मापदंड और कल्याण के उपाय पेश किए, जेल अधिकारियों को भी होगा फायदा

चंडीगढ़, 13 मई:मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाले पंजाब मंत्रीमंडल ने गुरूवार को जेल एक्ट, 1894 के अंतर्गत पंजाब जेल नियमों, 2021 को मंज़ूरी दे दी और यह नियम पुराने समय से चली आ रही जेल नियमावली की जगह लेंगे।

मंत्रीमंडल ने यह पक्ष विचारा कि समय के बीतने के साथ पंजाब जेल मैनुअल, 1996 की व्यवस्था भी पुरानी हो गई थी और बदलते समय में इसके आधुनिकीकरण, जेल कम्प्यूट्रीकरण, मौजूदा तकनीक और नवीनतम कानूनों को अपडेट करने की अत्यंत ज़रूरत थी।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार पंजाब जेल मैनुअल, 1996 में मुख्य तौर पर कैदियों की सुरक्षा और सुरक्षित हिरासत पर और ज्य़ादा ध्यान दिया गया था। नए तैयार किए गए पंजाब जेल नियम, 2021 में न सिफऱ् कैदियों की सुरक्षा और सुरक्षित हिरासत बल्कि अन्य पहलूओं जैसे कल्याण, सुधार और देखभाल पर भी ज़ोर दिया गया है, जोकि आज के समय में बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

प्रभावशाली निगरानी, सुरक्षित हिरासत और भागने वालों की रोकथाम को यकीनी बनाने के लिए नए नियमों में सुरक्षा के नए मापदंड पेश किए गए हैं। उच्च जोखिम वाले कैदियों जैसे कि गैंगस्टरों, नशों से सम्बन्धित अपराधी, आतंकवादी, कट्टरपंथी आदि के रहने के लिए ‘जेलों के अंदर जेलें’ यानि उच्च सुरक्षा घेरे/ज़ोन बनाए गए हैं। इनकी बुनियादी ढांचो की ज़रूरतों को पारिभाषित किया गया है। यह वायरलैस सैट, अलार्म सिस्टम, समर्पित पावर बैक अप, हैंड-हैल्ड और डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं, क्लोज़ड सर्कट टी.वी. कैमरे, एक्स-रे बैगेज़ मशीन, बॉडी स्कैनर और कई अन्य आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा उपकरणों के साथ लैस होंगे। उच्च सुरक्षा ज़ोनों पर बेहतर निगरानी के लिए एक बहु-स्तरीय सुरक्षा ग्रिड भी लगाया गया है।

जेल अधिकारियों को प्रेरित करने के लिए कल्याण फंड, कर्मचारियों को उनकी शिफ्ट के दौरान खाना, कानूनी सहायता, मकान, डॉक्टरी सहायता, वित्तीय सहायता, सेवामुक्त अधिकारियों के कल्याण आदि के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं। निष्पक्ष और तेज़ी से तरक्कियों के लिए पंजाब पुलिस की तरह ही तरक्की सम्बन्धी कोर्स भी शामिल किए गए हैं।

अपराध वृति को घटाने, रिहा किए गए दोषी कैदियों के पुनर्वास और सामाजिक पुनर्गठन को यकीनी बनाने, जेल से रिहा होने के बाद सहायता के लिए नए जेल नियमों में एक ढांचा शामिल किया गया है जो बहुत से पहलूओं को कवर करेगा, जैसे कि रोजग़ार/उद्यमिता में सहायता, डॉक्टरी इलाज, विवाह, किराए पर घर लेना आदि शामिल हैं।

इसके अलावा जेल प्रशासन के लिए और ज्य़ादा प्रभावशाली ढंग से तकनीक का प्रयोग करने वाले कई अन्य नियमों को नए जेल नियमों में शामिल किया गया है। आधुनिक प्रौद्यौगिकी कैदियों की सुरक्षित हिरासत को बनाए रखने में भी सहायता करेगी। हार्डवेयर पक्ष से आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग और निगरानी करने वाले यंत्रों की व्यवस्था की गई है, जिसमें आर्टीफिशल इंटेलीजैंस सामथ्र्य वाले सीसीटीवी, मोशन सैंसर, मोबाइल जैमर, सायरन/अलार्म सिस्टम, बॉडी स्कैनर, एक्स-रे बैगेज़ स्कैनर, कैदी के लिए टच स्क्रीन कियोक्स आदि शामिल हैं। सॉफ्टवेयर पक्ष से, जेल प्रबंधन जानकारी प्रणाली की तैनाती, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए ट्रायल, ई-वॉलेट, ई-ऑफिस, ई-प्रोक्युरमेंट, एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) आदि की व्यवस्था की गई है।

इसी तरह, कैदियों के लिए प्रभावशाली शैक्षिक प्रोग्राम की व्यवस्था शामिल की गई है। अनपढ़ कैदियों के लिए शिक्षा लाजि़मी कर दी गई है। शैक्षिक प्रोग्राम के दायरे को सिफऱ् अकादमिक शिक्षा तक ही सीमित नहीं रखा गया, बल्कि नैतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और कंप्यूटर शिक्षा को भी शामिल किया गया है।

अनुशासन, कैदियों के लिए लाभकारी रोजग़ार को यकीनी बनाने, पंजाब जेल विकास बोर्ड के अधीन जेल उद्योगों में लाभकारी उत्पादन और विभाग के देखभाल/पुनर्वास के प्रोग्राम के अंतर्गत कैदियों की सहायता के लिए एक अलग अध्याय व्यवसाय संबंधी प्रशिक्षण और कौशल विकास समर्पित किया गया है।

इस तथ्य के मद्देनजऱ नजऱबंद किसी व्यक्ति की मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है, बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे कि काउंसलिंग सुविधाएं, साइकोथैरपी आदि के प्रबंध भी किए गए हैं। मानसिक स्वास्थ्य संभाल एक्ट, 2017 के दायरे के अधीन मानसिक तौर पर बीमार कैदी के इलाज और कैद के लिए एक अलग अध्याय समर्पित किया गया है।

पंजाब जेल मैनुअल 1996 में कैदियों के लाभकारी रुझान और बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मनोरंजन की सुविधाओं पर कम ही ध्यान केंद्रित किया गया था, परन्तु जेलें अब सुधार घरों में तबदील हो गई हैं, जहाँ सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियां जैसे खेल, फिल्में, संगीत, नाटक, कला और शिल्पकारी, पुस्तकालय आदि सुधार प्रणाली का एक ज़रूरी हिस्सा बन गई हैं।

हरेक जेल में शिकायत निवारण करने की प्रणाली के लिए एक नया प्रबंध, जोकि हर कैदी को उसकी शिकायतें सुनने का जायज़ अवसर प्रदान करेगा, को नए नियमों में शामिल किया गया है। इस प्रणाली के अंतर्गत, जेल के अलग-अलग स्थानों पर शिकायत बॉक्स लगाए जाएंगे और इस मकसद के लिए जेल के इंचार्ज अधिकारी के अधीन एक स्थायी कमेटी का गठन किया जाएगा और शिकायतों के निपटारे के लिए यह हफ़्ते में कम से कम दो बार मुलाकात करेगा।

इलेक्ट्रॉनिक संचार जैसे कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का प्रबंध किया गया है, जिससे कैदी अपने परिवार/दोस्तों के साथ मुलाकात या कानूनी सलाह ले सकें। इस समय कैदी अपने परिवार/दोस्तों के साथ या तो जेल इनमेट कॉलिंग सिस्टम (पी.आई.सी.एस.) का प्रयोग करके या उनको मुलाकात के दिनों में मुलाकात के समय जेल में फेस-टू-फेस बातचीत कर सकते हैं।

नए नियम जेल प्रशासन/प्रबंधन के उन पहलूओं में कैदियों की अधिक से अधिक सम्मिलन का प्रबंध करते हैं, जो सीधे तौर पर कैदियों को सेवाएं देने के प्रबंध को प्रभावित करते हैं, जैसे कैदियों की एक मैस कमेटी का गठन किया गया है जो पकाए गए भोजन की सफ़ाई, गुणवत्ता और मात्रा के साथ-साथ इसकी निष्पक्ष वितरण के लिए जि़म्मेदार होगी। इसी तरह कैदियों की पंचायत और महापंचायत के लिए व्यवस्था की गई है जो रोज़ाना मनोरंजन प्रोग्राम की योजना और अमल के लिए जि़म्मेदार होगी।

Written By
The Punjab Wire