स्कूल शिक्षा विभाग को अत्याधुनिक ढंगों से विद्यार्थियों को गुणात्मक, प्रतियोगी शिक्षा प्रदान करने के निर्देश
चंडीगढ़, 29 अप्रैलः राज्य में स्कूल शिक्षा को और मजबूत करने सम्बन्धी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के संकल्प के मद्देनजर पंजाब के मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने सरकारी स्कूलों के आधुनिकीकरन, बुनियादी ढांचे में और सुधार और सहायक सहूलतों को अपग्रेड करने के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सालाना कार्य योजना और बजट (ए.डब्ल्यू.पी. और बी) अधीन 2,941.83 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
आज यहाँ समग्र शिक्षा अभ्यान की कार्यकारी कमेटी की तीसरी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव ने स्कूल शिक्षा विभाग को हिदायत की कि वह विद्यार्थियों को अत्याधुनिक शैक्षिक ढंगों से गुणात्मक और प्रतियोगी शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करें और इस प्रतिस्पर्धा के युग में उनमें आत्म-विश्वास की भावना पैदा करें।
प्रस्ताव के विवरण सांझे करते हुये श्रीमती महाजन ने कहा कि स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए 591.25 करोड़ रुपए जबकि आई.सी.टी. और डिजिटल पहलकदमियों के लिए 250.84 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे और ए.डब्ल्यू.पी. और बी के प्रमुख हिस्सों जैसे प्री-प्राईमरी शिक्षा, अध्यापकों का प्रशिक्षण, वेतन, व्यावसायिक शिक्षा, समूची शिक्षा और विद्यार्थियों को वर्दियाँ और पाठय-पुस्तकें मुहैया करवाने के लिए 1296.14 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री कृृष्ण कुमार ने मुख्य सचिव को बताया कि 280 स्कूलों को अपग्रेड करने, 2,761 और कक्षाओं के निर्माण, 3,217 स्मार्ट कक्षाएं, 531 पुस्तकालय कमरे और 171 विज्ञान प्रयोगशालाओं के निर्माण का कार्य जोरों से चल रहा है। इसी तरह राज्य भर के स्कूलों में 2,666 सोलर पैनल स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2020-21 के दौरान राज्य के सरकारी स्कूलों में दाखिले में 15.07 फीसद का विस्तार दर्ज करने के साथ-साथ अब तक राज्य में 12,976 स्कूल पहले ही स्मार्ट स्कूलों में तबदील किये जा चुके हैं।
जिक्रयोग्य है कि सर्व शिक्षा अभ्यान (एस.एस.ए.), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभ्यान (आर.एम.एस.ए.) और टीचर एजुकेशन (टी.ई.) जैसी अलग-अलग शिक्षा और शिक्षा को उत्साहित करने वाली योजना को एक ही योजना -समग्र शिक्षा अभ्यान में एकीकृत किया गया है। इस योजना का उद्देश्य प्रभावी सीखने नतीजों के साथ सभी के लिए मुफ्त सेकंडरी शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ दिव्यांग व्यक्तियों समेत कमजोर वर्गों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण मुहैया करवाना है।