गुरदासपुर, 26 अप्रैल। आंगनवाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की ओर से काले दुप्पटे लेकर व काले कपड़े पहन कर काले दिवस के रुप में प्रदेशाध्यक्ष हरजीत कौर के नेतृत्व में रोष प्रदर्शन करते हुए दीनानगर में मार्च किया।
हरजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों से कॉफी विद कैप्टन कार्यक्रम में कहा था कि जो सरकार कम से कम दिहाड़ी नहीं देती, उसे सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। आज घर-घर रोजगार देने का वायदा करने वाली कैप्टन सरकार हर पक्ष से फेल हुई है। आज प्रत्येक वर्ग सडक़ों पर है। नौजवान, किसान, मजदूर व महिलाएं भी शामिल है। इससे सरकार की घटिया नीयत व नीतियों का का खुलासा होता है। उन्होंने कहा कि अपने अधिकार के लिए वर्कर धरने पर डटे हुए है, मगर अभी तक उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। जीरो से लेकर छह साल के बच्चों में पक्षीय विकास की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी केंद्र द्वारा दी जानेै वाली संगठित बाल विकास सेवाओं में छह सेवाओं के रुप में तय किया गया है। यह छह सेवाएं पोष्टिक आहार, सेहत जांच, टीकाकरण, प्री स्कूल एजुकेशन, सेहत व खुराक संबंधी शिक्षा व रेफरल सर्विस शामिल है। दो अक्तूबर 1975 से चली आ रही यह स्कीम द्वारा कुपोषण जैसे भयानक रोगों पर काबू पाने में सफलता प्राप्त हुई थी। मगर आज सरकार की नीतियों के कारण यह स्कीम खुद कुपोषित हो चुकी है।
दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने इस स्कीम को और इस स्कीम से जुड़े हुए तीन से लेकर छह साल तक के बच्चों के चहुपक्षीय विकास को तबाह करके रख दिा है। वास्तिवक में केंद्र व राज्य सरकारें इस स्कीम को चलाने से अपने हाथ पीछे खींच रही है। यूनियन ने मांग की कि 1-10-2018 को लागू केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए मानभत्ते में 40 फीसदी कटौती को खत्म करते हुए आंगनवाड़ी वर्कर के 600 मिन्नी वर्कर 500 हेल्पर के 300 रुपए तुरंत बकाए हित लागू किए जाए, प्री प्राइमरी कक्षाएं आईसीडीएस का अलग अलंग है और तीन से छह साल के बच्चें आंगनवाड़ी केंद्र का शिंगार है। इस लिए तीन से छह साल के बच्चों का दाखिला आंगनवाड़ी केंद्र में यकीनी बनाया जाए। यदि सरकार आंगनवाड़ी मुलाजिम यूनियन की मागों की प्राप्ति तक शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के घर समक्ष और विभागीय मंत्री अरुणा चौधरी के घर लगा पक्का मोर्चा चलता रहेगा।