CORONA ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਪੰਜਾਬ ਮੁੱਖ ਖ਼ਬਰ

अग्रिम अल्टिमेटम देने के बाद रूरल मेडिकल अफसरों ने किया कोविड़ ड्यूटी का बायकाट

अग्रिम अल्टिमेटम देने के बाद रूरल मेडिकल अफसरों ने किया कोविड़ ड्यूटी का बायकाट
  • PublishedApril 25, 2021

मंत्री बाजवा से कादियां में मिल कर जताया उठाई मांगे, आश्वासन के बाद लिया फैसला मांगे न माने जाने तक सिर्फ ग्रामीण डिस्पेंसरी में करेगें काम 

गुरदासपुर, 25 अप्रैल (मनन सैनी)। जिला परिषद के बैनर तले देहाती डिस्पेंसरी में सेवाएं मुहैया करवा रहे रूरल मेडिकल अफसरों (आरएमओ) ने मांगे न पूरी होने पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तथा इस संबंधी अग्रिम अल्टिमेटम देने के बाद रविवार से कोविड़-19 ड्यूटी का बायकाट कर दिया है।​ 

मांगों को लेकर फेडरेशन आफ एसोसिएशन आफ रूरल मेडिकल आफिसर्ज आफ पंजाब ने रविवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा से भी मुलाकात की। वहीं मंत्री बाजवा की ओर से मिले आश्वसान के बाद उन्होने विकास भवन मोहाली में दिया जाने वाला धरना रद्द कर दिया है। परन्तु मांगे न माने जाने तक कोविड़ ड्यूटी का बायकाट निरंतर कर गांव की डिस्पेंसरी में काम किया जाएगा। गौर रहे कि आरएमओं की मांगों की हिमायत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (पंजाब) तथा पंजाब ​सिवल मेडिकल सर्विस (पीसीएमएस) एसोसिएशन भी कर चुकी है।  

इस संबंधी पंजाब प्रधान डॉ जे पी नरुला एवं डॉ जगजीत सिंह बाजवा  ने बताया कि जिला परिषद के बैनर तले 2006 में राज्य में 1186 ग्रामीण डिस्पेंसरियों में ठेके पर सेवाएं शुरू की थी। 2011 में राज्य सरकार ने उनकी सेवाएं रेगुलर कर दी थी। 2015 में डायनामिक एश्योरडस कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम (डीएसीपी) के लिए योग्य हो गए। पिछले छह साल से डाक्टर इस मांग को लेकर विभाग के आला अधिकारियों व मंत्री से गुहार लगा चुके है। सभी ने आश्वासन दिया परंतु नतीजे शून्य रहे। जिसके चलते उन्हे मजबूर होकर कोविड़ ड्यूटी का बायकॉट करना पड़ा। परन्तु वहीं जिस तरह ग्रामीण इलाकों में कोविड़ फैल रहा है। उसके चलते यह फैसला लिया गया है कि अब वह ग्रामीण डिस्पेंसरियों में ही काम करेगें। इस मौके पर जिला प्रधान डॉ भूपिंदर पाल सिंह, डॉ अमित, डॉ गौतम, डॉ गुरप्रीत कौर आदि भी मौजूद थे। 

Written By
The Punjab Wire