विद्यार्थियों और अध्यापकों के लिए ऑनलाइन शिक्षा में सहायक ई-आई.टी.आई पंजाब ऐप लाँच
बाबा हीरा सिंह भ_ल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की बहाली को हरी झंडी
चंडीगढ़, 19 अप्रैल: राज्य में मौजूदा तकनीकी शिक्षा प्रणाली को और मज़बूत बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को 19 नयी आईटीआईज़ की स्थापना को मंजूरी दे दी जिनमें ब्यास में स्थापित की जाने वाली आईटीआई भी शामिल होगी। इन आईटीआईज़ की क्लासें आगामी सैशन में शुरू होंगी।आज यहाँ एक उच्च स्तरीय विभागीय समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोबिन्द सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (इन्द्र कुमार गुजराल पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी, कपूरथला के सम्बन्धित कॉलेज के तौर पर) को 2021-22 सैशन से श्री गुरु गोबिन्द सिंह स्किल यूनिवर्सिटी के तौर पर अपग्रेड करने को भी मंजूरी दे दी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लहरागागा के बाबा हीरा सिंह भ_ल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी को बहाल किये जाने की विभागीय प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।निर्माण के पक्ष से 16 आईटीआईज़ का काम चल रहा है जबकि लोक निर्माण विभाग ने 2 आईटीआईज के लिए टैंडर जारी कर दिए हैं। इन 19 में से 16 आईटीआईज़ का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जायेगा जबकि बाकी 3 पंजाब पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा बनाई जाएंगी। इन आईटीआईज़ के लिए ज़रूरी पदों की उत्पत्ति करने हेतु वित्त विभाग ने मंज़ूरी दे दी है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एक मोबाइल ऐप ई-आईटीआई पंजाब भी जारी की जोकि विद्यार्थियों और अध्यापकों को शिक्षा की ज़रूरी सामग्री मुहैया करने के साथ साथ उनके लिए शिक्षा के आधुनिक तरीकों का प्रशिक्षण का भी अच्छा साधन साबित होगा। यह ऐप विभाग द्वारा विकसित किया गया है और इसमें ऑनलाइन प्रशिक्षण का पूरा पैकेज है। इसमें 66 ई-बुक्स, पी.पी.टी. प्रैजैंटेशन के तौर पर 700 लैक्चर, 900 लैक्चरों की वीडीयो, प्रैक्टिकल शिक्षा के 500 वीडीयो और 30000 सवालों वाला प्रश्न बैंक भी है जोकि ऑनलाइन शिक्षा के पक्ष से विद्यार्थियों की मदद करेगा।एक और फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने विभाग को शहीद भगत सिंह स्टेट टैक्निकल कैंपस फिऱोज़पुर और बेअंत कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी, गुरदासपुर में दाखि़लों की प्रक्रिया में तेज़ी लाने और दाखि़ले जुलाई 2021 से शुरू करने के लिए कहा। इन दोनों संस्थाओं को कैंपस/ग़ैर-संबद्ध यूनिवर्सिटियों के तौर पर अपग्रेड कर दिया गया है। मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री को तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा की गई पहलकदमियों बारे भी अवगत करवाया गया जिनमें आईटीआईज़ में बीते 10 वर्षों से 23,000 के आंकड़े पर अटकी सीटों की संख्या 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करती हुई 37,996 पर पहुँच गई है।विद्यार्थियों के प्रशिक्षण को औद्योगिक क्षेत्र के अनुकूल बनाने के लिए प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली भी आईटीआईज में उद्योग जगत की मदद से शुरू की गई है।
इस प्रणाली के अंतर्गत विद्यार्थियों को आईटीआई में 6 महीनों का सैद्धांतिक(थ्यूरी) प्रशिक्षण और 6 महीनों के लिए किसी उद्योग में व्यवहारिक (प्रैक्टिकल) प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। निष्कर्ष के तौर पर मौजूदा वर्ष इस प्रणाली के अंतर्गत 413 इकाईयों को चलाया जायेगा जिससे 8500 विद्यार्थियों को लाभ पहुँचेगा।मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि विभाग की तरफ से उद्योग जगत की कई मशहूर कंपनियों जैसे कि हीरो सायकलज़, ट्राइडेंट लिम., एवन साईकलज़, स्वराज इंजन लिम., महिंद्रा एंड महिंद्रा, फेडरल मुगल पटियाला, गोदरेज एंड बौइस लिम. मोहाली, इंटरनेशनल ट्रैकटरज लिम. (सोनालिका) होशियारपुर, एनएफएल बठिंडा और नंगल, नैसले इंडिया लिम. बठिंडा और मोगा, हीरो यूटैकटिक इंडस्ट्री लुधियाना, पंजाब एलक्लीज़ एंड कैमीकलज लिम. नंगल, होटल हायत और होटल ताज आदि के साथ तालमेल किया गया है।इसके इलावा बीते 15 महीनों के दौरान तकरीबन आधे कोर्स जोकि स्टेट कौंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) से सम्बन्धित थे, उनको अपग्रेड करके नेशनल कौंसिल फार वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनसीवीईटी) के साथ जोड़ दिया गया है।
इन एनसीवीईटी प्रमाण पत्रों को न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के 160 देशों में मान्यता हासिल है। साल 2018 में सिर्फ 12750 विद्यार्थियों को 606 एनसीवीटी यूनिटों में एनसीवीईटी प्रमाण पत्र हासिल हुआ जबकि इस सत्र में 33635 विद्यार्थियों को 1597 एनसीवीटी यूनिटों में एनसीवीईटी प्रमाण पत्र हासिल होगा जोकि 160 प्रतिशत का विस्तार है।इसके अतिरिक्त विभाग ने भारत सरकार के अलग-अलग 16 विषयों की किताबों का पंजाबी में अनुवाद करवाया हैं और 25 अन्य विषयों का पंजाबी में अनुवाद जारी है। इसके साथ ही राज्य की तरफ से 25000 सवाल डीजीटी को पंजाबी भाषा में भेजे गए हैं जिससे प्रश्न बैंक में यह शामिल किये जा सकें।